Pisces Horoscope 11 March 2022 मीन राशिफल 11 मार्च 2022

0
646
Pisces Horoscope 11 March 2022

Pisces Horoscope 11 March 2022 मीन राशिफल 11 मार्च 2022

 

आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली:

***|| जय श्री राधे ||***
*** महर्षि पाराशर पंचांग ***
***अथ पंचांगम् ***
******ll जय श्री राधे ll******
************************

दिनाँक-: 11/03/2022,शुक्रवार
नवमी, शुक्ल पक्ष
फाल्गुन
******************************(समाप्ति काल)

*** दैनिक राशिफल  ***

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

मीन

Pisces Horoscope 11 March 2022: जल्दबाजी से काम बिगड़ेंगे तथा समस्या बढ़ सकती है। थोड़ा विश्राम करें और काम के बीच-बीच में जितना हो सके, उतना आराम करते रहें। विरोध होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। बाहर जाने की योजना बनेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का सहयोग कार्य में आसानी देगा। घर-बाहर सुख-शांति बने रहेंगे। नौकरी में चौन रहेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। अपने धन का संचय कैसे करना है यह हुनर आज आप सीख सकते हैं और इस हुनर को सीख कर आप अपना धन बचा सकते हैं। किसी धार्मिक स्थल या संबंधी के यहाँ जाने की संभावना है। रोमांस के लिए बढ़ाए गए क़दम असर नहीं दिखाएंगे। सही दिशा में ईमानदारी से उठाए गए क़दम निश्चित तौर पर लाभ देंगे। अगर आपके पास हालात से उबरने के लिए दृढ़ इच्छा-शक्ति है, तो कुछ भी असंभव नहीं है। अपने जीवनसाथी की नुक़्ताचीनी से आप आज परेशान हो सकते हैं, लेकिन वह आपके लिए कुछ बढ़िया भी करने वाला है।

Read Also: घर में होगा सुख-समृद्धि का वास Happiness And Prosperity In House

तिथि————- नवमी अहोरात्र तक
पक्ष———————– शुक्ल
नक्षत्र——- मृगशिरा 14:34:15
योग—– आयुष्मान 27:08:34
करण——— बालव 18:51:50
वार——————— शुक्रवार
माह———————-फाल्गुन
चन्द्र राशि ——————– मिथुन
सूर्य राशि—————– कुम्भ
रितु———————- शिशिर
सायन———————वसन्त
आयन—————- उत्तरायण
संवत्सर——————–प्लव
संवत्सर (उत्तर)————- आनंद
विक्रम संवत————- 2078
विक्रम संवत (कर्तक)——2078
शाका संवत————– 1943

वृन्दावन
सूर्योदय————- 06:34:37
सूर्यास्त————- 18:24:09
दिन काल———– 11:49:32
रात्री काल———– 12:09:22
चंद्रोदय————– 12:01:43
चंद्रास्त————– 26:32:07

लग्न—-कुम्भ 26°16′ , 326°16′

सूर्य नक्षत्र——— पूर्वाभाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र————– मृगशिरा
नक्षत्र पाया—————-लोहा

***पद, चरण ***

का—- मृगशिरा 07:48:10

की—- मृगशिरा 14:34:15

कु—- आर्द्रा 21:19:46

घ—- आर्द्रा 28:04:29

***ग्रह गोचर ***

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=कुम्भ 26:12 ‘पू o भा o , 2 सो
चन्द्र =मिथुन 02°23, मृगशिरा, 3 का
बुध = कुम्भ 04 ° 07 ‘ शतभिषा ‘ 1 गो
शुक्र=मकर 10°05, श्रवण ‘ 1 खी
मंगल=मकर 09°30 ‘ उ o षा o ‘ 4 जी
गुरु=कुम्भ 22°30 ‘ पू o भा o, 1 से
शनि=मकर 25°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व)वृषभ 01°50’ कृतिका , 2 ई
केतु=(व)वृश्चिक 01°50 विशाखा , 4 तो

***मुहूर्त प्रकरण ***

राहू काल 11:01 – 12:29 अशुभ
यम घंटा 15:27 – 16:55 अशुभ
गुली काल 08:03 – 09:32 अशुभ
अभिजित 12:06 -12:53 शुभ
दूर मुहूर्त 08:57 – 09:44 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:53 – 13:40 अशुभ

***चोघडिया, दिन***
चर 06:35 – 08:03 शुभ
लाभ 08:03 – 09:32 शुभ
अमृत 09:32 – 11:01 शुभ
काल 11:01 – 12:29 अशुभ
शुभ 12:29 – 13:58 शुभ
रोग 13:58 – 15:27 अशुभ
उद्वेग 15:27 – 16:55 अशुभ
चर 16:55 – 18:24 शुभ

***चोघडिया, रात***
रोग 18:24 – 19:55 अशुभ
काल 19:55 – 21:27 अशुभ
लाभ 21:27 – 22:58 शुभ
उद्वेग 22:58 – 24:29* अशुभ
शुभ 24:29* – 26:00* शुभ
अमृत 26:00* – 27:31* शुभ
चर 27:31* – 29:02* शुभ
रोग 29:02* – 30:34* अशुभ

***होरा, दिन***
शुक्र 06:35 – 07:34
बुध 07:34 – 08:33
चन्द्र 08:33 – 09:32
शनि 09:32 – 10:31
बृहस्पति 10:31 – 11:30
मंगल 11:30 – 12:29
सूर्य 12:29 – 13:29
शुक्र 13:29 – 14:28
बुध 14:28 – 15:27
चन्द्र 15:27 – 16:26
शनि 16:26 – 17:25
बृहस्पति 17:25 – 18:24

Read More : कैसे बने हारे का सहारा खाटू श्याम How To Become A Loser’s Sahara Khatu Shyam

***होरा, रात***
मंगल 18:24 – 19:25
सूर्य 19:25 – 20:26
शुक्र 20:26 – 21:27
बुध 21:27 – 22:27
चन्द्र 22:27 – 23:28
शनि 23:28 – 24:29
बृहस्पति 24:29* – 25:30
मंगल 25:30* – 26:30
सूर्य 26:30* – 27:31
शुक्र 27:31* – 28:32
बुध 28:32* – 29:33
चन्द्र 29:33* – 30:34

***उदयलग्न प्रवेशकाल ***

कुम्भ > 05:24 से 06:50 तक
मीन > 06:50 से 08:21 तक
मेष > 08:21 से 11:04 तक
वृषभ > 11:04 से 12:45 तक
मिथुन > 12:45 से 14:09 तक
कर्क > 14:09 से 16:29 तक
सिंह > 16:29 से 17:35 तक
कन्या > 17:35 से 08:47 तक
तुला > 08:47 से 11:16 तक
वृश्चिक > 11:16 से 02:28 तक
धनु > 02:28 से 03:32 तक
मकर > 03:32 से 05:24 तक

***विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार***

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

***दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम***
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

***अग्नि वास ज्ञान ***
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

9 + 6 + 1 = 16 ÷ 4 = 0 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

***ग्रह मुख आहुति ज्ञान ***

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शुक्र ग्रह मुखहुति

***शिव वास एवं फल ***

9 + 9 + 5 = 23 ÷ 7 = 2 शेष

गौरि सन्निधौ = शुभ कारक

***भद्रा वास एवं फल ***

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

***विशेष जानकारी ***

* आनंदा नवमी

* लठ्ठमार होली रंगीली गली (बरसाना)

* श्री हरि जयन्ती

* छत्रपति सम्भाजी बलिदान दिवस

***शुभ विचार ***

संसारतापदग्धानां त्रयो विश्रान्तेहेतवः ।
अपत्यं च कलत्रं च सतां सड्गतिरेव च ।।
।।चा o नी o।।

जब व्यक्ति जीवन के दुःख से झुलसता है उसे निम्नलिखित ही सहारा देते है…
१. पुत्र और पुत्री २. पत्नी ३. भगवान् के भक्त.

***सुभाषितानि ***

गीता -: क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोग अo-13

अन्ये त्वेवमजानन्तः श्रुत्वान्येभ्य उपासते ।,
तेऽपि चातितरन्त्येव मृत्युं श्रुतिपरायणाः ॥,

परन्तु इनसे दूसरे अर्थात जो मंदबुद्धिवाले पुरुष हैं, वे इस प्रकार न जानते हुए दूसरों से अर्थात तत्व के जानने वाले पुरुषों से सुनकर ही तदनुसार उपासना करते हैं और वे श्रवणपरायण पुरुष भी मृत्युरूप संसार-सागर को निःसंदेह तर जाते हैं॥,25॥,

 

*****आपका दिन मंगलमय हो*****
********************
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

Read Also : पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए फल्गू तीर्थ Falgu Tirtha For Peace Of Souls Of Ancestors

Read Also : हरिद्वार पर माता मनसा देवी के दर्शन न किए तो यात्रा अधूरी If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar 

Connect With Us : Twitter Facebook