***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक:-01/09/2022, गुरुवार
पंचमी, शुक्ल पक्ष,
भाद्रपद
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मीन
यात्रा मनोनुकूल मनोरंजक तथा लाभप्रद रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। घर-बाहर सफलता प्राप्त होगी। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। काम में लगन तथा उत्साह बने रहेंगे। मित्रों के साथ प्रसन्नतापूर्वक समय बीतेगा।
तिथि———– पंचमी 14:48:38 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र———- स्वाति 24:10:56
योग————– ब्रह्म 21:09:54
करण———–बालव 14:48:39
करण———– कौलव 26:22:47
वार———————– गुरूवार
माह————————भाद्रपद
चन्द्र राशि——————- तुला
सूर्य राशि——————- सिंह
ऋतु————————– वर्षा
सायन———————– शरद
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)———————-नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2078
शक संवत——————-1944
वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:59:07
सूर्यास्त————— 18:38:54
दिन काल————- 12:39:47
रात्री काल———— 11:20:39
चंद्रोदय—————- 10:23:02
चंद्रास्त—————- 21:44:29
लग्न—- सिंह 14°25′ , 134°25′
सूर्य नक्षत्र————पूर्वा फाल्गुनी
चन्द्र नक्षत्र—————— स्वाति
नक्षत्र पाया——————- रजत
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
रू—- स्वाति 06:13:26
रे—- स्वाति 12:14:06
रो—- स्वाति 18:13:16
ता—- स्वाति 24:10:56
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=सिंह 14:12 पू o फ़ाo , 1 मो
चन्द्र =तुला 09 °23, स्वाति , 1 रू
बुध =कन्या 11 ° 07′ हस्त ‘ 1 पू
शुक्र=सिंह 00°05, मघा ‘ 1 मा
मंगल=वृषभ 11°30 ‘ रोहिणी’ 1 ओ
गुरु=मीन 12°30 ‘ उ o भा o, 3 झ
शनि=कुम्भ 26°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व) मेष 22°30’ भरणी , 3 ले
केतु=(व) तुला 22°30 विशाखा , 1 ती
🚩💮🚩 मुहूर्त प्रकरण 🚩💮🚩
राहू काल 13:54 – 15:29 अशुभ
यम घंटा 05:59 – 07:34 अशुभ
गुली काल 09:09 – 10:44 अशुभ
अभिजित 11:54 – 12:44 शुभ
दूर मुहूर्त 10:12 – 11:03 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:16 – 16:07 अशुभ
वर्ज्यम 29:43* – 31:18* अशुभ
💮चोघडिया, दिन
शुभ 05:59 – 07:34 शुभ
रोग 07:34 – 09:09 अशुभ
उद्वेग 09:09 – 10:44 अशुभ
चर 10:44 – 12:19 शुभ
लाभ 12:19 – 13:54 शुभ
अमृत 13:54 – 15:29 शुभ
काल 15:29 – 17:04 अशुभ
शुभ 17:04 – 18:39 शुभ
🚩चोघडिया, रात
अमृत 18:39 – 20:04 शुभ
चर 20:04 – 21:29 शुभ
रोग 21:29 – 22:54 अशुभ
काल 22:54 – 24:19* अशुभ
लाभ 24:19* – 25:44* शुभ
उद्वेग 25:44* – 27:09* अशुभ
शुभ 27:09* – 28:34* शुभ
अमृत 28:34* – 29:59* शुभ
💮होरा, दिन
बृहस्पति 05:59 – 07:02
मंगल 07:02 – 08:06
सूर्य 08:06 – 09:09
शुक्र 09:09 – 10:12
बुध 10:12 – 11:16
चन्द्र 11:16 – 12:19
शनि 12:19 – 13:22
बृहस्पति 13:22 – 14:26
मंगल 14:26 – 15:29
सूर्य 15:29 – 16:32
शुक्र 16:32 – 17:36
बुध 17:36 – 18:39
🚩होरा, रात
चन्द्र 18:39 – 19:36
शनि 19:36 – 20:32
बृहस्पति 20:32 – 21:29
मंगल 21:29 – 22:26
सूर्य 22:26 – 23:23
शुक्र 23:23 – 24:19
बुध 24:19* – 25:16
चन्द्र 25:16* – 26:13
शनि 26:13* – 27:09
बृहस्पति 27:09* – 28:06
मंगल 28:06* – 29:03
सूर्य 29:03* – 29:59
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
सिंह > 04:04 से 06:10 तक
कन्या > 06:10 से 0820 तक
तुला > 08:20 से 10:34 तक
वृश्चिक > 10:34 से 12:50 तक
धनु > 12:50 से 15:20 तक
मकर > 15:20 से 16:58 तक
कुम्भ > 16:58 से 18:24 तक
मीन > 18:24 से 19:00 तक
मेष > 19:00 से 20:32 तक
वृषभ > 20:32 से 23:20 तक
मिथुन > 23:20 से 01:44 तक
कर्क > 01:44 से 03:54 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
5 + 5 + 1 = 11 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
बुध ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
5 + 5 + 5 = 15 ÷ 7 = 1शेष
कैलाश वास = शुभ कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
* ऋषि पंचमी
* श्रीजी मंदिर से चार दिन चाव सवारी राधावल्लभ जी
* रक्षा पंचम
*गुरु पंचमी (बंगाल)
*ललिता षष्ठी
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
धर्मे तत्परता मुखे मधुरता दाने समुत्साहता
मित्रेऽवंचकता गुरौ विनयता चित्तेऽतिगम्भीरता ।
आचारे शुचिता गुणे रसिकता शास्त्रेषु विज्ञातृता
रूपे सुन्दरता शिवे भजनता त्वय्यस्तिभी राघवः ।।
।। चा o नी o।।
भगवान राम में ये सब गुण है.
१. सद्गुणों में प्रीती.
२. मीठे वचन
३. दान देने की तीव्र इच्छा शक्ति.
४. मित्रो के साथ कपट रहित व्यवहार.
५. गुरु की उपस्थिति में विनम्रता
६. मन की गहरी शान्ति.
६. शुद्ध आचरण
७. गुणों की परख
८. शास्त्र के ज्ञान की अनुभूति
८. रूप की सुन्दरता
९. भगवत भक्ति.
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: मोक्षसान्यांसयोग अo-18
अध्येष्यते च य इमं धर्म्यं संवादमावयोः ।,
ज्ञानयज्ञेन तेनाहमिष्टः स्यामिति मे मतिः ॥,
जो पुरुष इस धर्ममय हम दोनों के संवाद रूप गीताशास्त्र को पढ़ेगा, उसके द्वारा भी मैं ज्ञानयज्ञ (गीता अध्याय 4 श्लोक 33 का अर्थ देखना चाहिए।,) से पूजित होऊँगा- ऐसा मेरा मत है॥,70॥,