??????????
***|| जय श्री राधे ||***
?? महर्षि पाराशर पंचांग ??
??? अथ पंचांगम् ???
****ll जय श्री राधे ll****
??????????
दिनाँक:-07/08/2022, रविवार
दशमी, शुक्ल पक्ष,
श्रावण
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
?? दैनिक राशिफल ??
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
?मीन
नौकरीपेशा लोगों के लिए दिन लाभदायक रहेगा। उनका प्रमोशन हो सकता है। घर-परिवार की चिंता रहेगी। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। बाहरी सहायता प्राप्त होगी। परिवार में सहयोग का वातावरण रहेगा। अनायास समस्या सुलझेगी। व्यापार-व्यवसाय में आशानुकूल स्थिति बनेगी। संत-समागम होगा। आपको किसी जरूरी काम से घर से दूर जाना पड़ सकता है,जहां आपको ज्ञात लोगों से सावधान रहना होगा। आपकी वाणी की मधुरता आपको दूसरों के सामने मान सम्मान दिलाएगी। आपको अपने काम के चक्कर में परिवार के सदस्यों की महत्वकांक्षा को याद रखना होगा,नहीं तो परिवार का कोई सदस्य आपसे नाराज हो सकता है। आपको अत्यधिक मेहनत के कारण थकान का अनुभव होगा।
तिथि———– दशमी 23:50:26 तक
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र——— अनुराधा 16:29:22
योग————- ब्रह्म 10:00:45
करण———– तैतुल 13:04:34
करण————– गर 23:50:26
वार———————— रविवार
माह———————— श्रावण
चन्द्र राशि—————– वृश्चिक
सूर्य राशि—————— कर्क
रितु————————– वर्षा
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————— नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2078
शक संवत—————– 1944
वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:46:46
सूर्यास्त—————- 19:02:51
दिन काल————- 13:16:04
रात्री काल————- 10:44:26
चंद्रोदय—————- 14:39:58
चंद्रास्त—————- 25:15:56
लग्न—- कर्क 20°21′ , 110°21′
सूर्य नक्षत्र————— आश्लेषा
चन्द्र नक्षत्र—————- अनुराधा
नक्षत्र पाया——————- रजत
??? पद, चरण ???
नू—- अनुराधा 10:52:48
ने—- अनुराधा 16:29:22
नो—- ज्येष्ठा 22:03:54
या—- ज्येष्ठा 27:36:30
??? ग्रह गोचर ???
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=कर्क 20:12 अश्लेषा , 2 डू
चन्द्र =वृश्चिक 10 °23, अनुराधा, 3 नू
बुध =सिंह 10 ° 07′ मघा ‘ 4 मे
शुक्र=मिथुन 00°05, पुनर्वसु ‘ 4 ही
मंगल=मेष 27°30 ‘ कृतिका ‘ 1 अ
गुरु=मीन 14°30 ‘ उ o भा o, 4 ञ
शनि=कुम्भ 29°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व) मेष 23°50’ भरणी , 4 लो
केतु=(व) तुला 23°50 विशाखा , 2 तू
??? मुहूर्त प्रकरण ???
राहू काल 17:23 – 19:03 अशुभ
यम घंटा 12:25 – 14:04 अशुभ
गुली काल 15:44 – 17:23 अशुभ
अभिजित 11:58 – 12:51 शुभ
दूर मुहूर्त 17:17 – 18:10 अशुभ
?गंड मूल 16:29 – अहोरात्र अशुभ
?चोघडिया, दिन
उद्वेग 05:47 – 07:26 अशुभ
चर 07:26 – 09:06 शुभ
लाभ 09:06 – 10:45 शुभ
अमृत 10:45 – 12:25 शुभ
काल 12:25 – 14:04 अशुभ
शुभ 14:04 – 15:44 शुभ
रोग 15:44 – 17:23 अशुभ
उद्वेग 17:23 – 19:03 अशुभ
?चोघडिया, रात
शुभ 19:03 – 20:23 शुभ
अमृत 20:23 – 21:44 शुभ
चर 21:44 – 23:05 शुभ
रोग 23:05 – 24:25* अशुभ
काल 24:25* – 25:46* अशुभ
लाभ 25:46* – 27:06* शुभ
उद्वेग 27:06* – 28:27* अशुभ
शुभ 28:27* – 29:47* शुभ
?होरा, दिन
सूर्य 05:47 – 06:53
शुक्र 06:53 – 07:59
बुध 07:59 – 09:06
चन्द्र 09:06 – 10:12
शनि 10:12 – 11:18
बृहस्पति 11:18 – 12:25
मंगल 12:25 – 13:31
सूर्य 13:31 – 14:37
शुक्र 14:37 – 15:44
बुध 15:44 – 16:50
चन्द्र 16:50 – 17:57
शनि 17:57 – 19:03
?होरा, रात
बृहस्पति 19:03 – 19:57
मंगल 19:57 – 20:50
सूर्य 20:50 – 21:44
शुक्र 21:44 – 22:38
बुध 22:38 – 23:31
चन्द्र 23:31 – 24:25
शनि 24:25* – 25:19
बृहस्पति 25:19* – 26:12
मंगल 26:12* – 27:06
सूर्य 27:06* – 27:59
शुक्र 27:59* – 28:54
बुध 28:54* – 29:47
?? उदयलग्न प्रवेशकाल ??
कर्क > 03:30 से 05:42 तक
सिंह > 05:42 से 07:52 तक
कन्या > 07:52 से 10:02 तक
तुला > 10:02 से 12:16 तक
वृश्चिक > 12:16 से 14:32 तक
धनु > 14:32 से 16:52 तक
मकर > 16:52 से 18:36 तक
कुम्भ > 18:36 से 20:08 तक
मीन > 20:08 से 20:42 तक
मेष > 20:42 से 11:14 तक
वृषभ > 11:14 से 01:06 तक
मिथुन > 01:06 से 03:30 तक
?विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
?दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
? अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
10 + 1 + 1 = 12 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
?? ग्रह मुख आहुति ज्ञान ??
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शुक्र ग्रह मुखहुति
? शिव वास एवं फल -:
10 + 10 + 5 = 25 ÷ 7 = 4 शेष
सभायां = संताप कारक
?भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
?? विशेष जानकारी ??
* झूलन यात्रारंभ
* रविंद्रनाथ ट्रेगौर जयंती
??? शुभ विचार ???
आलस्योपगता विद्या परहस्तगतं धनम् ।
अल्पबीजं हतं क्षेत्रं हतं सैन्यमनायकम् ।।
।। चा o नी o।।
खाली बैठने से अभ्यास का नाश होता है. दुसरो को देखभाल करने के लिए देने से पैसा नष्ट होता है. गलत ढंग से बुवाई करने वाला किसान अपने बीजो का नाश करता है. यदि सेनापति नहीं है तो सेना का नाश होता है.
??? सुभाषितानि ???
गीता -: मोक्षसान्यांसयोग अo-18
शौर्यं तेजो धृतिर्दाक्ष्यं युद्धे चाप्यपलायनम्।,
दानमीश्वरभावश्च क्षात्रं कर्म स्वभावजम्॥,
शूरवीरता, तेज, धैर्य, चतुरता और युद्ध में न भागना, दान देना और स्वामिभाव- ये सब-के-सब ही क्षत्रिय के स्वाभाविक कर्म हैं॥,43॥,
?आपका दिन मंगलमय हो?
?????????
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
ह भी पढ़ें महादेव की आराधना से मिलता है मोक्ष
यह भी पढ़ें हनुमान जी ने भक्तों से जुड़ा शनिदेव ने दिया था वचन
ये भी पढ़ें : सोमवती अमावस्या के दिन दुर्लभ संयोग
ये भी पढ़ें : पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए फल्गू तीर्थ