Pisces Horoscope 04 March 2022 मीन राशिफल 04 मार्च 2022

0
517
Pisces Horoscope 04 March 2022

Pisces Horoscope 04 March 2022

आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़:

Pisces Horoscope 04 March 2022

***|| जय श्री राधे ||***
*** महर्षि पाराशर पंचांग ***
***अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
*********************

दिनाँक-:04/02/2022,शुक्रवार Pisces Horoscope 04 March 2022

द्वितीया, शुक्ल पक्ष
फाल्गुन
“””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

Read Also: खाटूश्यामजी का लक्खी मेला 6 से 15 मार्च तक Khatushyamji’s Lakkhi Fair from 6thMarch

*** दैनिक राशिफल ***

  • देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
    नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
    विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
    जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।
  • मीनPisces Horoscope 04 March 2022: भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। कार्यों में गति आएगी। आत्मसम्मान बना रहेगा। कोई बड़ा काम करने का मन बनेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा। परिवार के सदस्यों का सहयोग प्राप्त होगा। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। शत्रुओं से सावधान रहें। आज कोई रुका हुआ काम पूरा होगा। मित्रों का सहयोग मिलेगा। शासन में सफलता मिलेगी। मामले में जीत की प्रबल संभावना है। लंबे समय से चली आ रही कोई समस्या दूर होगी। किसी अनजान व्यक्ति से दोस्ती न करें। 

Read Also: हरिद्वार पर माता मनसा देवी के दर्शन न किए तो यात्रा अधूरी If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar

तिथि——– द्वितीया 20:44:30 तक
पक्ष———————– शुक्ल
नक्षत्र——- उ०भा०25:50:21
योग———— शुभ 25:43:15
करण——— बालव 09:05:19
करण——- कौलव 20:44:30
वार——————— शुक्रवार
माह———————-फाल्गुन
चन्द्र राशि ——————– मीन
सूर्य राशि—————— कुम्भ
रितु———————- शिशिर
सायन———————वसन्त
आयन—————- उत्तरायण
संवत्सर———————प्लव
संवत्सर (उत्तर)———— आनंद
विक्रम संवत————- 2078
विक्रम संवत (कर्तक)——2078
शाका संवत————– 1943

*************************

वृन्दावन
सूर्योदय————- 06:42:02
सूर्यास्त————- 18:20:08
दिन काल ————–11:38:05
रात्री काल———– 12:20:52
चंद्रोदय————- 07:48:32
चंद्रास्त————– 20:02:57

लग्न—-कुम्भ 19°16′ , 319°16′

सूर्य नक्षत्र————–शतभिषा
चन्द्र नक्षत्र———उत्तराभाद्रपदा
नक्षत्र पाया——————ताम्र

*********पद, चरण *********

दू —-उत्तराभाद्रपदा 07:50:04

थ—- उत्तराभाद्रपदा 13:47:38

झ—- उत्तराभाद्रपदा 19:47:42

ञ—- उत्तराभाद्रपदा 25:50:21

दिनाँक-:04/02/2022,शुक्रवार
द्वितीया, शुक्ल पक्ष
फाल्गुन
“””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि——– द्वितीया 20:44:30 तक
पक्ष———————– शुक्ल
नक्षत्र——- उ०भा०25:50:21
योग———— शुभ 25:43:15
करण——— बालव 09:05:19
करण——- कौलव 20:44:30
वार——————— शुक्रवार
माह———————-फाल्गुन
चन्द्र राशि ——————– मीन
सूर्य राशि—————— कुम्भ
रितु———————- शिशिर
सायन———————वसन्त
आयन—————- उत्तरायण
संवत्सर———————प्लव
संवत्सर (उत्तर)———— आनंद
विक्रम संवत————- 2078
विक्रम संवत (कर्तक)——2078
शाका संवत————– 1943

वृन्दावन
सूर्योदय————- 06:42:02
सूर्यास्त————- 18:20:08
दिन काल ————–11:38:05
रात्री काल———– 12:20:52
चंद्रोदय————- 07:48:32
चंद्रास्त————– 20:02:57

लग्न—-कुम्भ 19°16′ , 319°16′

सूर्य नक्षत्र————–शतभिषा
चन्द्र नक्षत्र———उत्तराभाद्रपदा
नक्षत्र पाया——————ताम्र

*** पद, चरण ***

दू —-उत्तराभाद्रपदा 07:50:04

थ—- उत्तराभाद्रपदा 13:47:38

झ—- उत्तराभाद्रपदा 19:47:42

ञ—- उत्तराभाद्रपदा 25:50:21

राहू काल 11:04 – 12:31 अशुभ
यम घंटा 15:26 – 16:53 अशुभ
गुली काल 08:09 – 09:37 अशुभ
अभिजित 12:08 -12:54 शुभ
दूर मुहूर्त 09:02 – 09:48 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:54 – 13:41 अशुभ

*गंड मूल 25:50* – अहोरात्र अशुभ

*पंचक अहोरात्र अशुभ

*चोघडिया, दिन
चर 06:42 – 08:09 शुभ
लाभ 08:09 – 09:37 शुभ
अमृत 09:37 – 11:04 शुभ
काल 11:04 – 12:31 अशुभ
शुभ 12:31 – 13:58 शुभ
रोग 13:58 – 15:26 अशुभ
उद्वेग 15:26 – 16:53 अशुभ
चर 16:53 – 18:20 शुभ

*************************

*चोघडिया, रात
रोग 18:20 – 19:53 अशुभ
काल 19:53 – 21:25 अशुभ
लाभ 21:25 – 22:58 शुभ
उद्वेग 22:58 – 24:31* अशुभ
शुभ 24:31* – 26:03* शुभ
अमृत 26:03* – 27:36* शुभ
चर 27:36* – 29:08* शुभ
रोग 29:08* – 30:41* अशुभ

*************************

*होरा, दिन
शुक्र 06:42 – 07:40
बुध 07:40 – 08:38
चन्द्र 08:38 – 09:37
शनि 09:37 – 10:35
बृहस्पति 10:35 – 11:33
मंगल 11:33 – 12:31
सूर्य 12:31 – 13:29
शुक्र 13:29 – 14:27
बुध 14:27 – 15:26
चन्द्र 15:26 – 16:24
शनि 16:24 – 17:22
बृहस्पति 17:22 – 18:20

*************************

*होरा, रात
मंगल 18:20 – 19:22
सूर्य 19:22 – 20:24
शुक्र 20:24 – 21:25
बुध 21:25 – 22:27
चन्द्र 22:27 – 23:29
शनि 23:29 – 24:31
बृहस्पति 24:31* – 25:32
मंगल 25:32* – 26:34
सूर्य 26:34* – 27:36
शुक्र 27:36* – 28:38
बुध 28:38* – 29:39
चन्द्र 29:39* – 30:41

*** उदयलग्न प्रवेशकाल ***

*************************

कुम्भ > 05:52 से 07:18 तक
मीन > 07:18 से 08:49 तक
मेष > 08:49 से 11:32 तक
वृषभ > 11:32 से 13:13 तक
मिथुन > 13:13 से 14:37 तक
कर्क > 14:37 से 17:01 तक
सिंह > 17:01 से 18:02 तक
कन्या > 18:02 से 09:17 तक
तुला > 09:17 से 11:44 तक
वृश्चिक > 11:44 से 02:56 तक
धनु > 02:56 से 04:00 तक
मकर > 04:00 से 05:52 तक

  • विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*************************

  • दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम
    परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
    इस मंत्र का उच्चारण करें-:
    शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
    भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
  • अग्नि वास ज्ञान -:
    यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
    चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
    दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
    नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
    नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
  • *************************

2 + 6 + 1 = 9 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

***ग्रह मुख आहुति ज्ञान ***

  • सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
  • सूर्य ग्रह मुखहुति
  • शिव वास एवं फल -:

2 + 2 + 5 = 9 ÷ 7 = 2 शेष

गौरि सन्निधौ = शुभ कारक

  • भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

  • *** विशेष जानकारी ***

* फुलेरा दौज (अबूझ मुहूर्त)

* सर्वार्थसिद्धि एवं अमृतसिद्धि योग 25:50 तक

* रामकृष्ण परमहंस जयन्ती

* खाटू श्याम मेला आरम्भ 11 दिवसीय

***शुभ विचार ***

दर्शनाध्यानसंस्पर्शैर्मत्सी कूर्मी च पक्षिणी ।
शिशुपालयते नित्यं तथा सज्जनसड्गतिः ।।
।।चा o नी o।।

जैसे मछली दृष्टी से, कछुआ ध्यान देकर और पंछी स्पर्श करके अपने बच्चो को पालते है, वैसे ही संतजन पुरुषों की संगती मनुष्य का पालन पोषण करती है.

*** सुभाषितानि ***

गीता -: क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोग अo-13

इति क्षेत्रं तथा ज्ञानं ज्ञेयं चोक्तं समासतः ।,
मद्भक्त एतद्विज्ञाय मद्भावायोपपद्यते ॥,

  • इस प्रकार क्षेत्र (श्लोक 5-6 में विकार सहित क्षेत्र का स्वरूप कहा है) तथा ज्ञान (श्लोक 7 से 11 तक ज्ञान अर्थात ज्ञान का साधन कहा है।,) और जानने योग्य परमात्मा का स्वरूप (श्लोक 12 से 17 तक ज्ञेय का स्वरूप कहा है) संक्षेप में कहा गया।, मेरा भक्त इसको तत्व से जानकर मेरे स्वरूप को प्राप्त होता है॥,18॥,

*** आपका दिन मंगलमय हो***
*************************

आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

Read Also: आस्था का प्रतीक है टिल्ला गोरक्षनाथ, धूमधाम से मनेगी शिवरात्रि Tilla Gorakshanath Symbol Of Faith

Read Also:यहां स्वयं प्रकट हुआ शिवलिंग, खाली नहीं जाती मुराद 550 Years Old Lord Shiva Temple

Connect With Us : Twitter Facebook