Categories: Others

Pink picture of figures and statements of dead bodies in rivers! उत्तरकथा – आंकड़ों की गुलाबी तस्वीर और नदियों में उतराती लाशों के बयान !

इधर एक पखवारे के दौरान यूपी के हमीरपुर, बलिया, गाजीपुर और उन्नाव में यमुना और गंगा में बहती लाशों के ढेर नजर आए हैं। उन्नाव में गंगाघाट पर हर रोज दर्जनों लाशों को चिता नही नसीब हो रही है बल्कि उन्हें रेत में दफन किया जा रहा है। चंदौली में आधा दर्जन शव तैरते मिले। कानपुर जिले के घाटमपुर-फतेहपुर रोड पर परास गांव में बीते 20 दिनों में 40 मौतों से दहशत का माहौल है। पूर्वांचल के तमाम गांवों में बीमारी के खौफ से लोग पलायन को मजबूर हो रहे हैं। गांव वालों का कहना है कि इतनी लाशें अंतिम संस्कार के लिए आ रही हैं कि जलाने के लकड़ी मिलना मुश्किल है और दाम बहुत बढ़ गए हैं। इसके चलते भी लोग शवों को नदियों में प्रवाहित कर दे रहे हैं। इन सबके बावजूद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मुताबिक कोरोना का प्रकोप थमने लगा है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक गांव गांव जांच हो रही है और दवाएं बंट रही है तो सैनेटाइजेशन भी हो रहा है। सरकार विश्व स्वास्थ्य संगठन से मिली वाहवाही का हवाला देते हुए ट्विटर पर खुद के माडल को बेहतर करार देने का ट्रेंड देखकर मुग्ध भी हो रही है।I
लेकिन राज्य में कोरोना के भयावह प्रकोप से निबटने के सरकार के तरीकों और इंतजामों से इलाहाबाद हाईकोर्ट बेहद नाराज है।उसकी निगाह में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल और ध्वस्त है। एक सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को अभी गुजरे हफ्ते कहना पड़ा कि यहां सब ‘राम भरोसे’ है। ग्रामीण क्षेत्र मे टेस्टिंग बहुत कम है। कोर्ट ने 12 जिला जजो को नोडल अफसर नियुक्त किया और उनसे सीधे रिपोर्ट मंगवाई है । अदालत ने गांव-ग्रामीण मे मची तबाही पर सरकार को फटकार भी लगाई है ।
वास्तव में यह त्रासद सच्चाई है कि यूपी के शहरों में शिथिल हो रहा कोरोना अब वहां से निकल कर  गांवों में पहुंच चुका है। आंकड़ों में दिख रही गुलाबी तस्वीर नदियों में बह रही लाशों ने धुंधली कर दी है। सही है कि कम से कम बड़े शहरों में कोरोना का प्रकोप घटा है। राजधानी लखनऊ सहित ज्यादातर बड़े शहरों में नए संक्रमितों की तादाद में गिरावट आयी है और ठीक होने वालों की तादाद बढ़ी है पर गांवों के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। यूपी में गंगा किनारे बसे कई जिलों में नदी में अब तक सैकड़ों शव बहते मिले हैं। पहले हमीरपुर में यमुना में दर्जनों शव मिले फिर बलिया, गाजीपुर, उन्नाव के बाद गुरुवार को यही नजारा चंदौली में देखने को मिला है। पड़ोसी जिले गाजीपुर के बाद अब चंदौली में गंगा नदी में आधा दर्जन शव तैरते मिले हैं। चंदौली के धानापुर थाना क्षेत्र के बड़ौरा गाँव के पास नदी में शव मिले हैं। चंदौली जिले में आधा दर्जन पांच से सात दिन पुराने शव गंगा नदी में पाए गए हैं। शवों के मिलने की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने उन्हें निकाल कर अंतिम संस्कार करवाया है।
राजधानी लखनऊ से सटे जिले उन्नाव में गंगाघाट रौतापुर में अंतिम संस्कार के लिए आ रहे बड़ी तादाद में शवों को दफना दिया गया। इन शवों को ग्रामीणों ने घाट के पास खाली पड़ी रेत में दफना दिया। लोगों का कहना है कि क्रियाकर्म कराने के लिए कम से कम 8 से 10 हजार का खर्च आता है। जो इस समय उनके लिए बहुत बड़ी रकम है। इसलिए  लोग शव को मिट्टी में ही दफनाने को मजबूर हैं। बलिया, गाजीपुर से लेकर उन्नाव तक गांव वालों का कहना है कि लकड़ी के दाम आसमान छू रहे हैं और मिल भी नहीं रही है। नतीजन ज्यादातर लोग शवों को रेत में ही दफना दे रहे हैं। हालत यह है कि घाट पर अब शवों को दफनाने की जगह तक नहीं बची है।
योगी सरकार ने बीते दिनों कोरोना से होने वाली मौतों के अंतिम संस्कार का खर्च उठाने का एलान किया था। इसके तहत 5000 रुपये की आर्थिक मदद देने का प्रावधान है। हालांकि गांवों में यह मदद भी नहीं मिल पा रही है। ज्यादातर लोगों की मौतें तो कोरोना के लक्षणों के चलते हो रही है पर जांच न होने से इसका कोई सरकारी कागजात में दर्ज होना मुश्किल है। कोरोना संक्रमण के पुष्ट हुए बिना सरकारी मदद मिल नहीं सकती। ग्रामीणों का कहना है कि कुछ मामलों में तो कोरोना जांच की रिपोर्ट आने से पहले ही मौत हो जा रही है। अब अंतिम संस्कार के लिए रिपोर्ट का इंतजार तो किया नहीं जा सकता है।
समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कहते हैं कि योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार कोरोना से मची तबाही के लिए अपनी बदइंतजामी के नाते सबसे बड़ी गुनहगार है। उनका आरोप है कि फर्जी आंकड़ों के जरिए कोरोना पर काबू दिखाने वाली सरकार को जवाब देने के लिए जनता तैयार है।
उत्तर प्रदेश में गावों की हालात पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी रोज ही योगी सरकार पर निशाना साध रही हैं। प्रियंका का कहना है कि खबरों के अनुसार बलिया, गाजीपुर में शव नदी में बह रहे है और उन्नाव में नदी के किनारे सैकड़ों शवों को दफना दिया गया है। लखनऊ, गोरखपुर, झांसी, कानपुर जैसे शहरों में मौत के आंकड़े कई गुना कम करके बताए जा रहे हैं। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश में हद से ज़्यादा अमानवीयता हो रही है। सरकार अपनी इमेज बनाने में व्यस्त है और जनता की पीड़ा असहनीय हो चुकी है। इन मामलों पर उच्च न्यायालय के न्यायधीश की निगरानी में तुरंत न्यायिक जाँच होनी चाहिए।
फिलहाल किसी न्यायिक जांच से भी पहले यूपी के गांव गांव में बड़े पैमाने पर कोरोना के लक्षणधारी ग्रामीणों की जांच ज्यादा जरुरी है। सरकार के तमाम दावों के बाद भी प्रदेश के एक लाख से ज्यादा गांवों में महज कुछ में ही टेस्टिंग, ट्रेसिंग का काम होने जैसी कुछ खानापूरी होते दिख रही। ट्रीटमेंट का तों कही नामोनिशान भी नहीं है। गांवों में बीमार लोग झोलाछाप डाक्टरों के सहारे हैं यहा मामूली सुविधा वाले प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के भरोसे जहां उपचार के नाम पर डाक्टर भी नहीं बल्कि पैरामेडिकल स्टाफ के हाथे कुछ टेबलेट मिल जाना ही सौभाग्य है। लाकडाउन जिसे कोरोना काल में बीमारी के प्रसार को रोकने का सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है वह भी गांवों में बहुत असरकारी नहीं है। गांव की बसाहट और दूरी को देखते हुए प्रशासनिक तैयारियों के बूते वहां लाकडाउन लगा पाना संभव भी नहीं है।
बीते करीब एक महीने से लाकडाउन जिसे जाने किस सलाह पर यूपी सरकार ने आंशिक कोरोना कर्फ्यू का नाम  दे दिया है, के टलते गांवों से लेकर शहरों तक लोग जीविका के लिए भी परेशान हुए हैं। बीते हफ्ते ही सरकार ने रेहड़ी, पटरी दुकानदारों के साथ छोटा मोटा काम करने वालों के लिए 1000 रुपये की मामूली आर्थिक सहायता देने का एलान किया है। साथ ही सरकार ने अंत्योदय व विभिन्न पात्र श्रेणी के लोगों को हर यूनिट पर पांच किलो राशन देने का फैसला किया है। हालांकि इस समय जरुरत इससे बड़ी राहत की है। कम से कम शहरों में 5000 रुपये की फौरी नकदी सहायता और गांवों में 3000 रुपये की मदद की जरुरत है।
जिस कदर कोरोना ने गांवों में पैर पसार दिए हैं और जांच से लेकर दवा का जो हाल है उसे देखते हुए लगता नहीं कि इस पर जल्द काबू पाया जा सकेगा। अब इन हालात में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का भरोसा बस इस पर है कि गांवों की बसाहट और प्रकृति को देखते हुए शहरों से भी पहले वहां हर्ड इम्यूनिटी पैदा हो जाए और पीड़ितों की तादाद में कमी आनी शुरु हो जाए। शहरों में पस्त हुई स्वास्थ्य सुविधाओं को देखने के बाद यह यकीन कर पाना मुश्किल है कि गांवों में कोरोना लहर को मौजूद ढांचे के आधार पर थामा या रोका जा सकेगा।
टीकाकरण एक बड़ा जरिया हो सता है बड़ी आबादी को सुरक्षित करने का पर उसकी भी जो रफ्तार कम से कम उत्तर प्रदेश में है उसके चलते बड़ी उम्मीदें पालना बेमानी होगा। केंद्र सरकार के एलान के बाद यूपी में भी 18 से 44 साल के लोगों की टीकाकरण शुरु हुआ है पर जो फिलवक्त की रफ्तार है उसके चलते पूरे प्रदेश को दो साल में भी टीका लग पाएगा ये कहा नहीं जा सकता है।
ग्रामीण क्षेत्रों और कस्बों में जब कोरोना की रफ्तार बढ़ी तो शहरों में संक्रमण के प्रकोप से त्राहि त्राहि कर रहे लोगों से जूझ रहे सिस्टम का रुख उन इलाकों की ओर किया गया। प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अफसरों को नोडल अधिकारी बनाकर जिले जिले भेजा गया । बहराइच पहुंचे नोडल अधिकारी डॉ. हरिओम कहते हैं कि
संक्रमण गाँव-गाँव पहुँच गया है।गाँव स्तर पर कड़ी निगरानी की ज़रूरत है।प्रधान की देख रेख में निगरानी समितियों को घर घर पड़ताल करनी होगी।ब्लॉक स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सिजन बेड तैयार करना होगा और वैक्सिनेशन की रफ़्तार  भी तेज करनी होगी ।
राज्य के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद का कहना है कि प्रदेश के 68%  गांव संक्रमण से अछूते हैं। 89 हजार गांवों तक टीम पहुंची है जिसमें 28 हजार में ही संक्रमण मिला है।
(लेखक उत्तर प्रदेश प्रेस मान्यता समिति के अघ्यक्ष हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं।)
admin

Recent Posts

Chandigarh News: सीडीपीओ द्वारा 31 नवजात बेटियां उपहार देकर सम्मानित

Chandigarh News: बाल विकास परियोजना अधिकारी डेराबस्सी ने पहली लोहड़ी के अवसर पर नवजात लड़कियों…

11 hours ago

Chandigarh News: शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए चलाया जा रहा अभियान

Chandigarh News: नगर परिषद की सेनेटरी विभाग की टीम द्वारा शुक्रवार को लोहगढ़ व बलटाना…

11 hours ago

Chandigarh News: कार्यवाही में देरी अथवा लापरवाही की जिम्मेदारी नगर कौंसिल जीरकपुर की होगी: एडीसी (यूडी)

Chandigarh News: शहर में जगह-जगह लोगों द्वारा अवैध कब्जे किए हुएदेखे जा सकते हैं। जगह-जगह…

11 hours ago

Chandigarh News: नगर परिषद द्वारा 25 लाख की लागत से लगाई जा रही हैं इंटरलॉकिंग टाइल्स

Chandigarh News: भबात क्षेत्र में पड़ती मन्नत इंकलेव 2 में लोगों की मांग पर नगर…

11 hours ago

Chandigarh News: विधायक रंधावा ने विश्रांति एक्सटेंशन में ट्यूबवेल का किया उद्घाटन

Chandigarh News: विधायक कुलजीत सिंह रंधावा ने वार्ड नंबर 17 विश्रांति एक्सटेंशन गाजीपुर रोड के…

11 hours ago

Chandigarh News: दयालु योजना के तहत मृत्यु या दिव्यांग होने पर दी जाती है आर्थिक सहायता : मोनिका गुप्ता

Chandigarh News: उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय…

12 hours ago