फार्मेसी अधिकारी एसोसिएशन आफ पंजाब के आह्वान पर पंजाब भर में सिविल सर्जनों को मांगों के संबंध और 24 अगस्त को जिला स्तरीय रोष प्रदर्शन को लेकर ज्ञापन सौंपे गए। एसोसिएशन की जिला इकाई ने सिविल सर्जन को ज्ञापन सौंपा, जिस संबंधी जिला प्रधान गुरजीत सिंह ने बताया कि मुलाजिम पंजाब की ग्रामीण डिस्पेंसरियोँ में पिछले 15 सालों से काम कर रहे हैं और वेतन के नाम पर उन्हें केवल 11 हजार रुपये प्रति महीना दिया जा रहा है। कोई भी सोशल या मेडिकल सिक्योरिटी नहीं है। पंजाब मंत्री मंडल के 2 मार्च 2021 को लिए गए फैसले के अनुसार 628 ग्रामीण डिस्पेंसरियों को ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग से सेहत विभाग में शिफ्ट कर दिया है और यह कर्मचारी पिछले तीन महीनों से सेहत विभाग के मुलाजिमों के तौर पर काम कर रहे हैं, परंतु सेहत विभाग में आधिकारित तौर पर आने से पहले यह मुलाजिम पिछले डेढ़ साल से मुख्यमंत्री पंजाब के आदेशों पर कोरोना के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां यह बताना भी जरूरी है कि कोविड के विरुद्ध बढ़ चढ़कर लड़ाई लड़ने के बावजूद इनकी सेवाएं रेगुलर करने की बजाए सेहत विभाग में आने के बाद वेतन जोकि पहले ही बहुत कम है, वह भी नहीं दिया गया। संगठन द्वारा विभाग से तालमेल करने पर सिर्फ समय बर्बाद किया जा रहा है और मुलाजिमों का शोषण किया जा रहा है, जिसके चलते संगठन में भारी रोष है।
गगन बावा, गुरदासपुर: