Petrol, Diesel Still High : देश में कई तरह के खाद्य पदार्थो की कीमते में वृद्धि देखी जा रही है। देश में टोंड दूध के एक लीटर पैकेट की कीमत 55 से 57 रुपये है। और दही के एक किलो पैकेट की कीमत 70 से 75 रुपये के बीच है। इसी बीच कच्चे तेल की कीमत में भी उछाल देखने को मिला है।
कच्चे तेल की कीमत 5561 रुपये प्रति बैरल तक पहुंच गई है, यानी एक लीटर कच्चे तेल की कीमत करीब 35 रुपये है। किन्तु फिर भी पैट्रॉल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा है।
कुछ दिन पहले पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि तेल कंपनियां ईंधन की कीमत कम कर सकती हैं। लेकिन अभी ओएमसी की तरफ से ऐसे कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि न्यूयॉर्क से लेकर खाड़ी देशों और नई दिल्ली तक कच्चे तेल की कीमत में क्या बदलाव देखने को मिल रहा है।
दूध और दही से भी सस्ता है कच्चा तेल
एक बैरल में 159 लीटर कच्चा तेल होता है। इसका मतलब है कि भारत में कच्चे तेल की कीमत 33.40 रुपये प्रति बैरल है। खास बात यह है कि भारत में टोंड दूध की कीमत 55 से 57 रुपये है। इसका मतलब है कि भारत में कच्चे तेल की कीमत भारत में दूध की कीमत से भी कम है।
जबकि दही की कीमत 70 से 75 रुपये प्रति किलोग्राम है। अब आप आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि देश में कच्चे तेल की कीमतों में कितनी कमी आई है। देश में कोक और पेप्सी की एक लीटर की बोतल की कीमत भी 50 रुपये है। जो देश में कच्चे तेल की कीमत से भी ज्यादा है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत
भले ही मौजूदा समय में कच्चे तेल की कीमतों में सुधार हो रहा हो, लेकिन सोमवार सुबह कच्चे तेल की कीमत 65 डॉलर प्रति बैरल से नीचे थी। मौजूदा आंकड़ों पर गौर करें तो खाड़ी देशों का ब्रेंट क्रूड ऑयल एक फीसदी की तेजी के साथ 65.36 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है।
कच्चे तेल की कीमत 64.41 डॉलर प्रति औंस पर आ गई थी। पिछले साल ब्रेंट क्रूड ऑयल की आखिरी कारोबारी कीमत 74.64 डॉलर प्रति बैरल थी। इसमें अब तक 10 डॉलर की गिरावट देखने को मिली है।
भारत में कच्चे तेल की कीमत
दूसरी तरफ, भारत में कच्चे तेल की कीमत की बात करें तो यह 5,300 रुपये प्रति बैरल पर नजर आ रही है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, 11 अप्रैल को कच्चा तेल 5,310 रुपये पर बंद हुआ था। यह 5,130 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गया था।
21 जनवरी को कच्चे तेल की कीमत 6,525 रुपये प्रति बैरल थी। इसका मतलब है कि इस दौरान भारत में कच्चे तेल की कीमत 1,395 रुपये प्रति बैरल सस्ती हुई है। जानकारों के मुताबिक कच्चे तेल की कीमतों में उछाल की मुख्य वजह टैरिफ को 90 दिनों के लिए टालना है। जिसका असर कीमतों में देखने को मिल रहा है।
क्या पेट्रोल और डीजल सस्ता होगा? अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आने वाले दिनों में ईंधन की कीमतें कम होंगी या नहीं। हाल ही में देश के पेट्रोलियम मंत्री ने कच्चे तेल की कीमतों में कमी के चलते पेट्रोलियम कंपनियों पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। हालांकि इसका असर आम लोगों पर भले ही न दिखा हो, लेकिन ओएमसी पर जरूर देखने को मिला है। इसका फायदा सरकार को ही होगा।
हालांकि पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि अगर देश की तेल कंपनियां चाहें तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी कर सकती हैं। लेकिन जानकारों का कहना है कि जिस 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती से ओएमसी आम लोगों को राहत दे सकती थीं, सरकार ने उस 2 रुपये प्रति लीटर को अपनी कमाई का जरिया बना लिया है। ऐसे में आम लोगों को राहत देने में कुछ देरी हो सकती है।
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