Punjab-Haryana High Court News: पूर्व सीएम चौटाला को पेंशन दिए जाने के खिलाफ याचिका दायर

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पूर्व सीएम चौटाला को पेंशन दिए जाने के खिलाफ याचिका दायर
Punjab-Haryana High Court News: पूर्व सीएम चौटाला को पेंशन दिए जाने के खिलाफ याचिका दायर

हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
पूर्व स्पीकर सतबीर कादियान, अजय चौटला और शेर सिंह बड़शामी को भी बनाया गया प्रतिवादी
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला को दी जा रही पेंशन के खिलाफ पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका में पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला, पूर्व स्पीकर सतबीर कादियान, पूर्व विधायक अजय चौटला और शेर सिंह बड़शामी को दी जारी रही पेंशन को लेकर विरोध जताया गया है। याचिका में कहा गया है कि कोर्ट द्वारा सजा सुनाने के बाद भी इन माननीयों को पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। हाईकोर्ट ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए सभी को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। याचिका हरीचंद अरोड़ा निवासी चंडीगढ़ द्वारा दायर की गई है।

अरोड़ा ने कहा कि उन्होंने विधानसभा सचिवालय से पूर्व विधायकों की पेंशन के बारे में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। जिसमें पता चला कि 4 सजा पा चुके पूर्व विधायक को पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सभी माननीयों को हाईकोर्ट ने पूछा है कि क्यों न उनकी पेंशन पर रोक लगा दी जाए। अरोड़ा ने हाईकोर्ट में बहस के दौरान कहा कि हरियाणा विधानसभा की धारा 7-ए (1-ए) (वेतन, भत्ता और सदस्यों की पेंशन) अधिनियम, 1975 के तहत अगर किसी विधायक को कोर्ट सजा सुना दे, तो वे पेंशन के अयोग्य हो जाते हैं।

हरीचंद अरोड़ा ने बताया कि हाईकोर्ट से पहले उन्होंने विधानसभा सचिव के समक्ष पेंशन नहीं देने को लेकर याचिका लगाई थी। लेकिन विधानसभा सचिव ने यह कहते हुए कि पूर्व विधायक वेतन-भत्ते एवं पेंशन एक्ट के तहत पेंशन के हकदार हैं। इनकी सदस्यता न तो कभी दलबदल कानून के तहत रद्द की गई और न ही इन्हें कभी जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत अयोग्य ठहराया गया।

चौटाला पिता पुत्र को हो चुकी 10 साल की सजा

याचिकाकर्ता का कहना है कि ओमप्रकाश चौटाला, अजय चौटाला और शेर सिंह बड़शामी को भ्रष्टाचार के आरोप में 16 दिसंबर 2013 को 10 साल की सजा हो चुकी है। सतबीर कादियान को भी 26 अगस्त 2016 को सात साल की सजा हो चुकी थी। इसलिए इन्हें पेंशन मिलना गैरकानूनी है।