Peripheral Artery Disease: पैरों में दर्द हो सकता है इस बीमारी के लक्षण

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Peripheral Artery Disease

Peripheral Artery Disease: हृदय संबंधी समस्याओं के मामले दिन प्रति दिन बढ़ते जा रहे हैं। बेहद कम उम्र में ही लोग इसके शिकार हो रहे हैं। खराब लाइफस्टाइल, खान पान की गलत आदत, नींद की कमी, स्ट्रेस आदि जैसे कई ऐसे फैक्टर हैं, जो हृदय संबंधी समस्याओं के खतरे को बढ़ा रहे हैं। हाई ब्लड प्रेशर, बढ़ता कोलेस्ट्रॉल आदि के साथ ही पेरीफेरल आर्टरी डिजीज भी अस्वस्थ हृदय की ओर इशारा करते हैं। यदि समय रहते इनपर नियंत्रण न पाया जाए तो यह हार्ट अटैक और स्टॉक का कारण बन सकते हैं।

पेरीफेरल आर्टरी डिजीज की स्थिति बेहद घातक होती है, जिसे हम आम भाषा में हार्ट ब्लॉकेज कहते हैं। इस स्थिति में कई लक्षण नज़र आते हैं, खासकर यह समस्या आपके पैरों को प्रभावित करती है। यदि आपके पैरों में कुछ असामान्य लक्षण नज़र आ रहे हैं, तो इन्हे भूलकर भी नज़रअंदाज न करें, ये पेरीफेरल आर्टरी डिजीज के संकेत हो सकते हैं।

पहले जानें क्या है पेरीफेरल आर्टरी डिजीज

परिधीय धमनी रोग (पीएडी) एक आम स्वास्थ्य स्थिति है, जिसमें आर्टरीज संकुचित हो जाती हैं, और हाथ एवं पैरों में रक्त के प्रवाह को कम कर देती हैं। इस स्थिति को पेरीफेरल आर्टरी डिजीज भी कहा जाता है। पीएडी में, पैर और बाहों – आमतौर पर पैरों को पर्याप्त ब्लड फ्लो नहीं मिलता है। इससे चलने पर पैरों में दर्द हो सकता है, जिसे क्लॉडिकेशन कहा जाता है, और कुछ अन्य लक्षण भी नज़र आ सकते हैं। पेरीफेरल आर्टरी डिजीज आमतौर पर आर्टरीज में फैट जमा होने का संकेत देता है, जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है।

जानें पेरीफेरल आर्टरी डिजीज के कारण

PAD का सबसे आम कारण एथेरोस्क्लेरोसिस है। एथेरोस्क्लेरोसिस एक क्रमिक प्रक्रिया है जिसमें आर्टिरीज में फैट पदार्थ जमा हो जाते हैं।

PAD के खतरे को बढ़ा देते हैं ये जोखिम करक:

डयबिटीज
धूम्रपान
मोटापा
हाई ब्लड प्रेशर
बढ़ती उम्र (PAD से पीड़ित अधिकांश लोग 65 या उससे अधिक उम्र के हैं)
हाई कोलेस्ट्रॉल
हार्ट डिजीज की फैमिली हिस्ट्री

अब जानें पेरीफेरल आर्टरी डिजीज में नज़र आने वाले लक्षण

कुछ लोगों में पीएडी की स्थिति में कोई भी लक्षण नज़र नहीं आते, वहीं कुछ लोगों में हल्के लक्षण हो सकते हैं। पीएडी के लक्षणों में शामिल हैं:

1. पैर में दर्द या ऐंठन होना: चलते समय पैरों में दर्द महसूस होना। पैर की मांसपेशियों में दर्द या ऐंठन महसूस होना, अक्सर पिंडली में।

2. कमज़ोरी या थकान: पैरों में कमज़ोरी या थकान महसूस होना, जिससे चलना या रोज़मर्रा की गतिविधियों को करना मुश्किल हो जाता है। दर्द अक्सर व्यायाम करने से शुरू होता है और आराम करने से खत्म होता है।

3. सुन्नपन या झुनझुनी: पैरों या पैर की उंगलियों में सुन्नपन, झुनझुनी या जलन महसूस होना।

4. ठंड या पीलापन: पैर के निचले हिस्से या पैर में ठंडक, खासकर जब दूसरे हिस्से से तुलना की जाती है। वहीं इस स्थिति में पैर की स्किन नीली या पीली पड़ सकती है।

5. सूजन या एडिमा: तरल पदार्थ के जमा होने के कारण पैरों में सूजन आना।

7. घाव का धीरे-धीरे भरना: खराब ब्लड सर्कुलेशन के कारण पैरों पर कट या घाव को ठीक होने में अधिक समय लगता है।

8. मांसपेशियों की समस्या: पैरों में ब्लड फ्लो और ऑक्सीजन की कमी के कारण पैरों की मांसपेशियों में सिकुड़न आ सकती हैं, और मांशपेशियां कमजोर हो जाती हैं।

9. कमजोर पल्स: ब्लड फ्लो की कमी के कारण पैरों के पल्स कमजोर हो जाते हैं।

पीएडी के अन्य लक्षणों में शामिल हैं:
पैरों की त्वचा की रंगत में बदलाव आना।
नाखूनों का धीरे-धीरे बढ़ना।
पैर की उंगलियों, पैरों या टांगों पर घाव जो जल्दी ठीक नहीं होते।
बालों विशेषकर पैरों के बालों का झड़ना।

अब जानें पेरीफेरल आर्टरी डिजीज से बचाव के उपाय

नियमित रूप से एक्सरसाइज करने का प्रयास करें, इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, साथ ही पैदल चलें इससे समग्र स्वास्थ्य में सुधार होगा। इसके साथ ही धूम्रपान करती हैं तो इसे फ़ौरन बंद कर दें, यह PAD के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।

फल, सब्जियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार पर ध्यान दें। उनहेल्दी फैट और अनावश्यक खाद्य पदार्थों से दूर रहें, क्युकी ये आपके आर्टरीज में जमा हो सकते हैं, और आपको ब