Periods : किशोरावस्था के समय अधिकतर महिलाओं को पीरियड्स आना शुरु हो जाते हैं। यह महिलाओं के फर्टिलिटी से संबंधित होते हैं, जो बताते हैं कि महिला का शरीर गर्भधारण करने की स्थिति में पहुंच चुका है। लेकिन, कुछ महिलाओं को किशोरावस्था में पहुंचने के बाद भी पीरियड्स नहीं आते हैं। यह उनके प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है। यदि किसी महिला को पीरियड्स आने की उम्र में भी पीरियड्स नहीं आते हैं तो उनको एमेनोरिया हो सकता है। यह रोग महिलाओं के मेंस्ट्रुअल साइकिल को प्रभावित कर सकता है।
एमेनोरिया क्या होता है
एमेनोरिया महिलाओं से जुड़ी समस्या है, बल्कि एक साधारण स्थिति है। इस समस्या में महिलाओं को लंबे समय तक पीरियड्स नहीं आते हैं। यह कुछ महिलाओं के पीरियड्स आने के बाद दोबारा बंद हो सकते हैं। इस स्थिति में शुरुआती दौर में इलाज कराना जरूरी होता है। यदि, समय पर इलाज न किया जाए तो महिलाओं की रिप्रोडक्टिव हेल्थ प्रभावित हो सकती है।
एमेनोरिया दो प्रकार के होते हैं
प्राइमरी एमेनोरिया : सही उम्र के बाद भी पीरियड्स न आने की समस्या
सेकंडरी एमेनोरिया: इस स्थिति में महिलाओं के पीरियड्स आने के बाद लंबे समय तक रुक जाते हैं।
एमेनोरिया के घरेलू उपाय
महिलाओं को कई कारणों से एमेनोरिया (Amenorrhea) हो सकता है। इसमें हार्मोनल असंतुलन, पोषण की कमी, अत्यधिक वजन घटाना, अनवांशिक कारक, तनाव, और कुछ मेडिकल कंडीशन शामिल हो सकती हैं। हालांकि, कुछ घरेलू उपचार इस समस्या को कम करने में मदद कर सकते हैं। डॉक्टर बताते हैं कि इस समस्या का इलाज किया जाना आवश्यक होता है। लेकिन, कुछ घरेलू उपाय से आप इस समस्या के गंभीरता को कम कर सकते हैं। आगे जानते हैं इस बारे में।
हल्दी का सेवन करें
हल्दी में प्राकृतिक रूप से एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। यह रक्त प्रवाह को बढ़ाने और मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में सहायक हो सकती है।
अदरक और शहद का मिश्रण
अदरक मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में मदद करता है और एमेनोरिया के लक्षणों को कम करता है। शहद के साथ इसका सेवन करने से इसके फायदे और बढ़ जाते हैं।
एलोवेरा जूस
एलोवेरा जूस हार्मोनल असंतुलन को सुधारने और मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में सहायक हो सकता है। यह एमेनोरिया के कारण होने वाले अन्य लक्षणों को भी कम करता है।
गाजर का रस
गाजर में आयरन और विटामिन ए की प्रचुर मात्रा होती है, जो हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करती है। यह मासिक धर्म को दोबारा शुरू करने में सहायक हो सकती है।
तिल और गुड़
तिल में लिग्नान्स (Lignans) होते हैं, जो एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर को बढ़ाते हैं, और गुड़ आयरन का अच्छा स्रोत होता है। इन दोनों का सेवन मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में मदद कर सकता है।