नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
- श्रीकृष्णा स्कूल सीहमा के विद्यार्थी ने प्रदेश में 30वां स्थान किया प्राप्त
- तर्क जीवन को नई सार्थकता के साथ-साथ नया आधार देते हैं – डॉ. बीरसिंह यादव
श्रीकृष्णा स्कूल सीहमा के तर्क एवं योग्यता व गणित ओलंपियाड की परीक्षा का आयोजन किया गया। जिसमें कक्षा पांचवीं के विद्यार्थियों भाग लिया। इस बारे में जानकारी देते कॉर्डिनेटर सुशीला यादव व स्मृति ने बताया कि श्रीकृष्णा स्कूल सीहमा में तर्क एवं योग्यता व गणित ओलम्पियाड़ परीक्षा में सभी विद्यार्थियों ने उत्तीर्ण कर प्रदेश में उच्च स्थान प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि कक्षा पांचवी से प्रिंस पुत्र गजराज ने पूरे राज्य में 30वां स्थान प्राप्त कर अपने जिला, स्कूल, माता-पिता व गुरूजनों का नाम गोर्वांवित किया है। उन्होंने इस सफलता का श्रेय तर्क एवं योग्यता विषय के अध्यापक मनीष व अंजलि को दिया।
विकास ही मानव जीवन की सबसे बड़ी धरोहर
इस अवसर पर स्कूल के चेयरमैन डॉ. बीरसिंह यादव ने विद्यार्थियों ने संबोधित करते हुए कहा कि तर्क एवं योग्यता से ही मनुष्य मस्तिष्क का चहुँमुखी विकास होता है एवं बिना तर्क के सत्य भी असत्य बन जाता हैं। तर्क जीवन को नई सार्थकता देते हैं, नया आधार देते हैं एवं विश्वास करने का एक नया आयाम देते हैं तार्किक विकास ही मानव जीवन की सबसे बड़ी धरोहर है।
इस मौके पर उपस्थित
इस मौके पर स्कूल के प्राचार्य एसएस यादव ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि ज्ञान, विज्ञान, भाषा, गणित और कलां तर्क-वितर्क की शक्ति पर निर्भर है। तर्क-वितर्क विद्यार्थी के लिए बहुत जरूरी है। तर्क-वितर्क से ही हमें सही एवं गलत का ज्ञान होता है। उन्होंने कहा कि उत्कृष्ट योग्यता को प्रतिभा माना जाता है। क्षमता विकसित ज्ञान, समझ, एवं कौशल का दृष्टिकोण है। योग्यता की सहज प्रकृति कौशल एवं उपलब्धि के विपरीत है। जो ज्ञान या क्षमता का प्रतिनिधित्व करती है एवं सीखने के माध्यम से ही प्राप्त होती है। इस अवसर पर स्कूल का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
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