नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ बातचीत करने गए कर्नल संतोष बाबू पर चीनी सैनिकों ने हमला कर दिया था। हिसंक झड़प में भारत के कर्नल संतोष बाबू सहित बीस जवान शहीद हो गए थे। आज कर्नल संतोष बाबू की अंतिम यात्रा निकली जिसमें लोगों ने अश्र्रुओं केसाथ उनके पार्थिव शरीर पर फूलों की बारिश की। इस दौरान वंदे मातरम और संतोष बाबू अमर रहें जैसे नारे गूंजते रहे। चीन की सीमा पर शहीद हुए कर्नल का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनकी पारिवारिक जमीन पर किया गया। उनके पार्थिव शरीर को बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी से एक विशेष विमान में हैदराबाद के निकट स्थित हकीमपेट वायु सेना अड्डे लाया गया और देर रात उनके घर पहुंचाया गया। तेंलंगाना के गवर्नर डॉ. तमिलिसाई सौंदरराजन, राज्य के मंत्री के.टी. रामाराव, मल्ल रेड्डी, जगदीश रेड्डी, साइबराबाद पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनर, हैदराबाद सिटी पुलिस कमिश्नर अंजनी कुमारंद ने वायु सेना अड्डे पर ही उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। कर्नल के पिता ने पुत्र का अंतिम क्रिया कर्म किया। सेना ने उन्हें बंदूक की सलामी दी। कर्नल के परिवार में पत्नी, एक बेटी और एक बेटा है।