इशिका ठाकुर,करनाल:
सिरसा के गांव चौटाला के लोग अपनी मांगों को लेकर जिला सचिवालय के बाहर जबरदस्त ठंड के बावजूद खुले आसमान के नीचे आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। जिनका आज दूसरा दिन है।
धरना स्थल पर बैठी पूनम गोदारा का कहना है कि वह लगातार 21 दिनों से सामुदायिक केंद्र में बैठे रहे। उसमें दुकानदार भी शामिल थे। वह सड़कों पर भी उतरे, तीन बार राष्ट्रीय राजमार्ग भी जाम लगाया लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हुई। 21 दिसम्बर को उन्होंने करनाल के लिए कूच किया था। वह 12 दिन से पैदल चल कर करनाल पहुंचे थे।
पूनम गोदारा का कहना है कि मुख्यमंत्री आवास के पास प्रदर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री के विधानसभा प्रतिनिधि संजय बठला ने भरोसा दिलाया था कि इस संदर्भ में तीन जनवरी की शाम तक मुख्यमंत्री से बात कराने का समय निर्धारित कर देंगे, लेकिन चार जनवरी दोपहर तक उनकी ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं आया। जबकि संजय बठला के अनुसार मामले को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया गया है। जल्द संवाद कराया जाएगा। धरने में बच्चे और बुजुर्ग भी बैठे हैं।
चार नवराज बच्चों की गर्भ में हुई मौत
8 साल की छोटी बच्ची अवनी ने कहा कि चौटाला गांव सामुदायिक केंद्र में गत दो माह में चार नवराज बच्चों की गर्भ में मौत हुई है। अगर यह बच्चे जिंदा रहते तो बड़े होकर कुछ बनते गांव का निर्माण होता। लेकिन गांव में डॉक्टर के ना होने से उनकी मौत हो गई अवनी ने कहा कि जब सरकार अस्पताल में डॉक्टर की नियुक्ति नहीं कर सकती तो ऐसे में अस्पताल बनाने की क्या आवश्यकता है। अवनी ने सरकार से गांव चौटाला के ग्रामीणों की मांग पूरी करने की गुहार लगाई।
ये हैं ग्रामीणों की मांगें
- चौटाला गांव के उप सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहित जिलेभर में 400 से अधिक नवजात व शिशुओं की गर्भ में मौत प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जाए।
- गांव के उप सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसूति रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ लगाने, एमबीबीएस के रिक्त पदों को भरने, लैब टेक्नीशियन, रेडियोग्राफर लगाने सहित ऑपरेशन थिएटर व मोर्चरी को पुन: शुरू किया जाए।
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