इशिका ठाकुर,करनाल:
गांव चौटाला के लोगों का कहना है कि गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नहीं है। जिस कारण करीब 400 नवजात शिशुओं की डिलीवरी के दौरान मौत हो चुकी है। वह 12 दिन से पैदल चल रहे हैं। 21 दिसम्बर को उन्होंने पैदल करनाल के लिए कूच किया था। उनके साथ आठ साल की एक बच्ची भी है। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती उनका आंदोलन जारी रहेगा। वहीं पुलिस ने बैरिगेट्स लगाकर उन्हें रोक लिया। वहीं गांव चौटाला के लोगों का समर्थन करने पहुंचे आप पार्टी के नेता सुनील बिंदल के साथ पुलिस ने धक्का-मुक्की करते हुए उन्हें घसीटकर गाड़ी में भी बैठा लिया।
प्रदर्शन कर रहे गांव चौटाला के लोगों का कहना है कि वह लगातार 21 दिनों से सामुदायिक केंद्र में बैठे रहे। उसमें दुकानदार भी शामिल थे। वह सड़कों पर भी उतरे, तीन बार राष्ट्रीय राजमार्ग भी जाम लगाया लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हुई। 21 दिसम्बर को उन्होंने सी.एम सिटी करनाल के लिए कूच की थी। उनकी मांग है कि उनके सामुदायिक केंद्र में एक बाल रोग विशेषज्ञ, प्रसूति रोग विशेषज्ञ की नियुक्त की जाए, 11 एम.बी.बी.सी डॉक्टरों की नियुक्ति की जाए। वह 12 दिनों से पैदल चल रहे हैं। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जब तक मुख्यमंत्री उनसे मिलने नहीं आते और उनकी मांगों को पूरा नहीं करते तब तक वह धरने पर बैठे रहेंगे।
लोगों का कहना है डिलीवरी के दौरान 400 लोग मर चुके हैं
गांव चौटाला के लोगों के समर्थन में करनाल पहुंचे नवीन जयहिंद ने कहा कि ताउ देवी लाल के चौटाला गांव के लोग 12 दिन से पैदल चलते हुए यहां पहुंचे है। अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे गांव चौटाला के लोगों का कहना है कि उनके गांव में जो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है उसमें डिलीवरी के दौरान 400 लोग मर चुके हैं। गांव चौटाला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नहीं है। इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को ताउ देवी लाल ने बनाया था। चौटाला गांव के पांच लोग विधानसभा में बैठे है फिर भी वह अपने सामुदायिक केंद्र में डॉक्टर नहीं दे सकते, दवा नहीं सकते। नवीन जयहिंद ने कहा कि उन्हें लगता है कि ताउ देवी लाल की आत्मा आज रो रही होगी, की चौटाला के नाम से वोट लेने वाले लोग एक डॉक्टर भी नहीं लगा सकते।
पूर्व मुख्यमंत्री के गांव तेजा खेड़ा की रहने वाली पूनम गोदारा ने कहा की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जन चेतना यात्रा निकाली गई है। जो कि उनका मौलिक अधिकार है। वह बेहतर स्वास्थ्य का अधिकार मांग रहे हैं। जिसमें सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की मांग कर रहे हैं। चौटाला गांव के आस पास के 35 गांव इससे लगते हैं। लेकिन फिर भी सरकार उसकी अनदेखी कर रही है। उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि सरकार में बैठे लोग हजारों करोड़ों रुपए की बच्चों व महिलाओं के लिए योजनाएं बनाते है फिर वह सब योजनाएं कागजी बनकर कैसे रह जाती है और धरातल पर लागू क्यों नहीं होता।
कुछ लोग आम आदमी व पॉलिटिकल लोग भी शामिल : डीएसपी मुकेश कुमार
मौके पर मौजूद करनाल डीएसपी मुकेश कुमार ने कहा कि कुछ लोग लोग चौटाला गांव से आए है। इनमें कुछ लोग आम आदमी व पॉलिटिकल लोग भी शामिल है। जोकि अपनी मांगों को लेकर आए थे, ड्यूटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से इनका ज्ञापन दिलाया गया है। इन्हे और समय बैठना है तो सेक्टर 12 में जगह दी गई है। अब उससे ज्यादा सड़क पर बैठे है जो गलत है। इन्हें समझाने का प्रयास किया जा रहा है। यहां सड़क पर ज्यादा समय के लिए नहीं बैठने दिया जाएगा नहीं तो इनकी गिरफ्तारी की जाएगी। 8 वर्ष की नन्ही अवनी सिहाग, काॅमरेड राकेश फगोडिया अखिल भारतीय किसान सभा सिरसा संहयोजक, सुभाष कड़वासरा, प्रेमसुख गोदारा, पूनम गोदारा तेजाखेड़ा, राकेश भादू, हनुमान कड़वासरा, रणवीर नैण सहित सैकड़ों किसान नौजवान मौजूद रहे।
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