Manipur के लोगों ने अवैध हथियार सरेंडर करना शुरू किए, 87 हथियार डाले

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Manipur: प्रदेश के लोगों ने अवैध हथियार सरेंडर करना शुरू किए, 87 हथियार डाले

People Of Manipur Surrender Weapons, (आज समाज), इंफाल: मणिपुर में सात जिलों के लोगों ने अवैध रूप से रखे गए हथियारों को सरेंडर करना शुरू कर दिया है। राज्य के चूड़ाचांदपुर, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल, कांगपोकपी, जिरीबाम और इंफाल पश्चिम जिलों में अलग-अलग जगह मंगलवार को 87 हथियार सरेंडर किए गए। सुरक्षा बलों ने इसके अलावा पहाड़ी और घाटी जिलों के सीमांत व संवेदनशील क्षेत्रों में तलाशी अभियान भी चलाया।

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राज्यपाल ने की थी अपील, जन जागरूकता अभियान भी चलाया

बता दें कि मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने अवैध हथियारों के सरेंडर के लिए अपील की थी। इसके अतिरिक्त जिला पुलिस, असम राइफल्स और सीआरपीएफ ने जन जागरूकता अभियान भी चलाया जिसके परिणामस्वरूप लोगों ने अवैध रूप से रखे गए हथियारों को सरेंडर करना शुरू किया है।

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एक पुलिस स्टेशन के अनुसार, टेंग्नौपाल जिले के एमआरएच पुलिस स्टेशन के अंतर्गत एच. मोनजांग गांव के सामान्य क्षेत्र से 10 फीट लंबी (संभावित 84 मिमी) एक पोम्पी, एक अन्य पोम्पी (संभावित 51 मिमी इम्प्रोवाइज्ड मोर्टार), तीन पोम्पी बम (मौके पर ही नष्ट कर दिए गए) और डेटोनेटर के साथ तीन आईईडी (लगभग 5.5 किलोग्राम) बरामद किए गए।

डीजीएमओ ने किया था आईएमबी का दौरा

रक्षा मंत्रालय द्वारा इससे पहले जारी की गई एक विज्ञप्ति के अनुसार, भारतीय सेना के सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने भारत-म्यांमार सीमा (आईएमबी) पर स्थिति की व्यापक समझ हासिल करने और राज्य में चल रहे सीमा बुनियादी ढांचे के विकास की स्थिति की जानकारी हासिल करने के लिए सोमवार और मंगलवार को मणिपुर का दौरा किया।

भारतीय सेना की परिचालन तैयारियों पर फोकस किया

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने अपने दौरे के दौरान राज्यपाल भल्ला, राज्य सुरक्षा सलाहकार, मणिपुर के मुख्य सचिव और मणिपुर के पुलिस महानिदेशक के साथ मुलाकात की। डीजीएमओ ने भारतीय सेना की परिचालन तैयारियों पर ध्यान केंद्रित किया, आईएमबी पर सुरक्षा स्थिति का आकलन किया और सीमांत क्षेत्रों सहित राज्य में मौजूदा सुरक्षा गतिशीलता का आकलन किया। उन्होंने प्रमुख हितधारकों के साथ बातचीत के दौरान ‘सरकार के समग्र दृष्टिकोण’ पर भी जोर दिया।विज्ञप्ति में कहा गया है कि चर्चा, राज्य में मौजूदा सुरक्षा स्थिति के सामान्यीकरण, विशेष रूप से सीमा प्रबंधन को बढ़ाने और आईएमबी के साथ सुरक्षा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता पर केंद्रित थी।

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