नई दिल्ली। हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में संपन्न हो गया। हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा बनी है। किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। हरियाणा में सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है। वहीं दूसरी ओर आरोप प्रत्यारोप का भी दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस ने भाजपा पर हरियाणा में विधायकों की खरीद फरोख़्त कर सरकार बनाने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि चुनाव में भाजपा के मंत्रियों और बड़े नेताओं के हारने से साबित हो गया है कि भाजपा को जनता ने नकार दिया है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में वरिष्ठ नेताओं के विशेष समूह की बैठक की। इसके बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि चुनाव के बाद भाजपा का दोहरा चेहरा उजागर हो गया है।
उन्होंने बताया कि विशेष समूह की बैठक में सोनिया गांधी के नेतृत्व में विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। इनमे किसानों, छोटे दुकानदारों और उद्योग जगत के हितों के साथ हो रहे खिलवाड़ जैसे अहम विषय शामिल हैं। सुरजेवाला ने कहा, भाजपा किसानों के हितों की खुली बोली लगा रही है। कांग्रेस अब चुप नहीं बैठेगी। हरियाणा में निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा सहित अन्य निर्दलीय विधायकों के समर्थन से भाजपा के सरकार बनाने की कोशिश के सवाल पर उन्होंने कहा, ह्लजब कांडा हरियाणा सरकार में मंत्री थे तो उस वक्त के, नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बयानों को देखिए। उस वक्त भाजपा का क्या रुख था? सुरजेवाला ने कहा कि उस समय की कांग्रेस सरकार ने अपनी नैतिकता को सर्वोपरि रखा और कांडा को हटा दिया था। अब सरकार बनाने के लिए कांडा का समर्थन लेना भाजपा के दोहरे मापदंडों को दिखाता है। हरियाणा के चुनावों के नतीजों से साफ है कि जनता ने भाजपा की सरकार को नकार दिया है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि भाजपा खरीद फरोख्त कर सरकार बनाने की जुगत लगा रही है। जबकि खट्टर सरकार के ज्यादातर मंत्री हार गए। उन्हें जनता ने नकार दिया और बहुमत नहीं दिया। भाजपा की सरकार असंवैधानिक और गैरकानूनी होगी।
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