People have started clipping with the use of public transport: पब्लिक टांसपोर्ट के इस्तेमाल से कतराने लगे हैं लोग

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 नई दिल्ली। कोरोना के डर से लोग सार्वजनिक वाहनों से सफर करने से कतराने लगे हैं। इस वजह से मेट्रो यात्रियों की संख्या में औसतन रोज 10 लाख की कमी आई है जबकि बसों में तीन लाख। मेट्रो में फरवरी माह की तुलना में 18 फीसदी तक की कमी आई है जबकि डीटीसी और क्लस्टर बसों सहित अन्य सार्वजनिक वाहनों में सफर करने वाले 20 फीसदी तक कम हो गए हैं। हालांकि यात्रियों की संख्या में आई कमी पर अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। लेकिन उनकी दलील है कि यात्रियों की कम होती संख्या के पीछे शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश, घर से काम करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी, पिछले दिनों हुए विरोध प्रदर्शन सहित अन्य वजहें हैं।
फरवरी में मेट्रो में रोज औसतन 57.13 लाख लोगों ने यात्राएं की जबकि 15 मार्च तक यह आंकड़ा 46.53 लाख औसतन रोज दर्ज किया गया। औसतन मेट्रो में यात्रा की संख्या में 10 लाख तक की कमी आ गई है। डीएमआरसी अधिकारियों के मुताबिक संख्या में कमी के कई कारण हैं। कोरोना संक्रमण सहित पिछले महीने के दौरान कई और वजह से यात्रियों की संख्या में कमी आई है।
उधर, डीटीसी में भी यात्रियों की संख्या रोजाना करीब तीन लाख तक कमी आई है जबकि क्लस्टर बसों में इससे अधिक की कमी आई है। डीटीसी बसों में रोज औसतन 32 लाख लोग सफर करते है, लेकिन पिछले 10 दिनों के दौरान यात्रियों की संख्या में रोजाना तीन लाख तक की कमी आई है। क्लस्टर के बेड़े में नई बसों के शामिल होने की वजह से औसत कमी और भी अधिक आई है।
कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए मेट्रो, डीटीसी, क्लस्टर बसों के अलावा कैब, आॅटो सहित सभी वाहनों को सैनिटाइज किया जा रहा है। सफर के दौरान संक्रमण से बचाव के लिए न तो बसों और न ही मेट्रो के अंदर सैनिटाइजर का इंतजाम है। किसी भी वाहन में संक्रमित व्यक्ति की पहचान के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।