इशिका ठाकुर, करनाल,14मार्च:
केन्द्र सरकार ने टी बी की बीमारी को 2025 तक जड़ से खत्म करने का यह लक्ष्य निर्धारित – मेयर रेनू बाला गुप्ता।
बुरा लगता है जब किसी गंभीर बीमारी के चलते बीमार व्यक्ति के अपने भी दूर होने लगते हैं। ऐसी स्थिति में बीमारी से लड़ने कि क्षमता तो कम हो ही जाती है लेकिन जीने की इच्छा भी काफी हद तक समाप्त हो जाती है। ऐसी ही एक बीमारी का नाम है टी बी जिसे क्षयरोग भी कहा जाता है। टी बी का नाम सुनते ही लोग इस बीमारी से ग्रसित मरीज से दूर भागने लगते हैं। लोगों की धारणा है कि यह रोग जानलेवा है जिसका उपचार संभव नहीं होता है।
लेकिन अब सरकार ने इस धारणा को गलत साबित करने का बीड़ा उठाया है जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार टी बी की बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है ताकि टी बी की बीमारी को देश में जड़ से समाप्त किया जा सके।
नगर निगम मेयर रेनू वाला गुप्ता
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इसी कड़ी में करनाल स्वास्थ्य विभाग द्वारा सेक्टर 16 के पॉलीक्लिनिक में एक अभियान के तहत रैली निकालकर तथा नुक्कड़ नाटक के द्वारा आमजन को टी बी के प्रति जागरूक किया गया तथा कार्यक्रम के दौरान विशेष रुप से बड़ी संख्या में टी बी फाइटर्स को सम्मानित किया गया। इस अभियान में मुख्य रूप से सीएमओ डॉ योगेश शर्मा के साथ नगर निगम मेयर रेनू वाला गुप्ता ने भाग लिया।
समय रहते करें टी बी का उपचार:डॉक्टर योगेश शर्मा
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इस अवसर पर बात करते हुए सीएमओ डॉक्टर योगेश शर्मा ने कहा यदि मरीज समय रहते टी बी का उपचार लेना शुरू कर दे। टी बी की बीमारी का उपचार आसान और संभव है। इस बीमारी के करनाल में 90% मरीज ठीक हुए हैं। टीबी से पीड़ित मरीज की पहचान करने के लिए आशा वर्कर लोगों के बीच जाकर जानकारी हासिल करती हैं और पीड़ित व्यक्ति को बीमारी के प्रति जागरूक करते हुए इनकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को भेजती हैं। इसके साथ ही जिले में लगभग साढ़े सात सौ क्षय मित्र भी लोगों को बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए लोगों के बीच जाकर काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस बीमारी का इलाज मुफ्त किया जाता है।
इस अवसर पर बात करते हुए करनाल नगर निगम में रेनू बाला गुप्ता ने कहा कि टीवी को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री ने 2025 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है जिसे प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं इसके साथ ही जिन मरीजों ने क्षय रोग पर जीत हासिल की है उन्हें भी सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा टीवी के मरीजों के इलाज के लिए उनके घर तक दवाई पहुंचाने का भी काम किया जा रहा है ताकि निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
टी बी की बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक
टीवी की बीमारी पर जीत हासिल करने वाली मरीज कुसुम ने कहा कि शुरुआत में बीमारी के बारे में उन्हें नहीं पता चला और इसके कारण होने वाले बुखार को उन्होंने साधारण बुखार समझ लिया था लेकिन जब उन्हें इसके बारे में पता चला तो वह काफी डर गई थी और उनके परिवार के लोगों ने ही उनसे दूरी बनानी शुरू कर दी थी। बीमारी का नाम सुनकर ऐसा लगता था कि जीवन समाप्ति की ओर जा रहा है और हो सकता है कि आने वाले दिन का सूरज भी वह न देख सके लेकिन उनके पति ने उन्हें सहयोग किया तथा बीमारी का इलाज करवाना शुरू कर दिया। इस बीमारी से लगातार छह महीने लड़ने के बाद अब वह ठीक हुई हैं। बीमारी से ठीक होने के बाद उन्होंने निश्चय किया कि वह इस बीमारी से ग्रसित लोगों के बीच जाकर उन्हें जागरूक करेंगी ताकि जो दुख उन्होंने देखा है वह किसी और को न देखना पड़े। आज वह लोगों के बीच जाकर और टी बी की बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक भी कर रही हैं। इस से उन्हें काफी खुशी महसूस हो रही है।
वहीं टी बी की बीमारी से ठीक हुए नीरज ने कहा कि इस बीमारी से डरना जरूरी नहीं बल्कि इससे लड़ना जरूरी है। नीरज ने कहा कि वह दिन चर्या बनाकर लोगों के बीच जा रहे हैं तथा बीमारी के प्रति लोगों को जानकारी दे रहे हैं ताकि जिस डर को उन्होंने इतने करीब से महसूस किया है वह डर किसी और मरीज को न डरा सके।
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