Pension Plan : केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए कई तरह की पेंशन स्कीम चलायी गयी है ताकि सरकारी कर्मचारियों को पेंशन का लाभ मिलता रहे। केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की घोषणा की है जो की 1 अप्रैल से प्रभावी है। यह स्कीम कर्मचारियों के लिए बेहद खास है। यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में उन सभी कर्मचारियों को शामिल किया गया है जो नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के अंतर्गत आते है।
सरकार की योजनाएं
- OPS (पुरानी पेंशन योजना): इस योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों को उनके आखिरी वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता है। इसमें कर्मचारी का कोई योगदान नहीं होता था।
- NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम): यह योजना 2004 में लागू की गई थी और इसके तहत कर्मचारी और सरकार दोनों को योगदान देना होता है, लेकिन पेंशन बाजार आधारित होती है।
- यूपीएस (यूनिफाइड पेंशन स्कीम): यह योजना वर्ष 2025 में लागू होने जा रही है और यह योजना एनपीएस के ग्राहकों के लिए है और इसमें गारंटीड पेंशन राशि देने का वादा किया गया है। वहीं, मन में यह सवाल भी आता है कि यूपीएस, एनपीएस और ओपीएस में से कौन सी पेंशन योजना बेहतर हो सकती है?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस)
केंद्र सरकार द्वारा 2024 में यूनिफाइड पेंशन स्कीम की घोषणा की गई थी। इस योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन प्रदान करना है। यह योजना केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए लागू की गई है।
यह योजना कम से कम 25 साल की सेवा वाले लोगों के लिए सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में औसत मूल वेतन का 50% पेंशन राशि की गारंटी देती है। इसके अलावा, अगर कोई कर्मचारी कम से कम 10 साल की सेवा पूरी करता है, तो उसे सेवानिवृत्ति के बाद न्यूनतम 10,000 रुपये प्रति माह पेंशन दी जाएगी।
1. यह योजना कम से कम 25 साल की सेवा वाले लोगों के लिए सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में औसत मूल वेतन का 50% पेंशन राशि की गारंटी देती है।
2. इसके अलावा, यदि कोई कर्मचारी कम से कम 10 साल की सेवा पूरी करता है, तो उसे सेवानिवृत्ति के बाद न्यूनतम 10,000 रुपये प्रति माह पेंशन दी जाएगी।
3. यदि पेंशनभोगी की मृत्यु हो जाती है, तो पेंशन राशि का 60 प्रतिशत उसके परिवार को प्रदान किया जाएगा। वर्तमान में राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत आने वाले सरकारी कर्मचारी यूपीएस का विकल्प चुन सकते हैं।
राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस)
यह पुरानी पेंशन योजना के बंद होने के बाद 2004 में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक सेवानिवृत्ति योजना है। शुरुआत में, यह केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू थी, लेकिन 2009 में इसे सभी नागरिकों, एनआरआई और स्वरोजगार करने वाले व्यक्तियों के लिए खोल दिया गया।
राष्ट्रीय पेंशन योजना म्यूचुअल फंड की तरह निवेश आधारित है, जहां कर्मचारी या व्यक्ति नियमित रूप से निवेश कर सकते हैं और सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन प्राप्त कर सकते हैं। रिटायरमेंट के समय एनपीएस ग्राहक अपने फंड का 60 फीसदी एक बार में निकाल सकते हैं, जबकि बाकी 40 फीसदी पेंशन एन्युटी में निवेश कर सकते हैं। एनपीएस में निवेश करने पर आयकर की धारा 80सी और 80सीसीडी (1बी) के तहत कर छूट मिलती है।
पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस)-
पुरानी पेंशन योजना 2004 से पहले सभी कर्मचारियों पर लागू थी। यह एक निश्चित गारंटीड पेंशन योजना थी, जिसमें नौकरी के आखिरी वेतन और सेवा अवधि के आधार पर आजीवन पेंशन दी जाती थी।
ओपीएस योजना में रिटायर कर्मचारी को पेंशन के तौर पर आखिरी बेसिक पे का 50 फीसदी देने का वादा किया गया था। पेंशन पाने वाले कर्मचारियों को साल में दो बार दैनिक भत्ते में संशोधन का लाभ मिलता था। अगर पेंशन पाने वाले कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को पेंशन का लाभ मिलता रहेगा। ओपीएस के तहत कर्मचारियों को अपने वेतन से कुछ नहीं देना पड़ता था, बल्कि सरकार पूरी पेंशन राशि का भुगतान करती थी।
यूपीएस एक अच्छा विकल्प
जब रिटायरमेंट पेंशन की बात आती है, तो सही योजना का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आप गारंटीड और स्थिर पेंशन चाहते हैं और बाजार का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं, तो यूपीएस एक अच्छा विकल्प हो सकता है और आप इक्विटी में अलग से निवेश कर सकते हैं।
वहीं अगर आप हाई रिटर्न चाहते हैं और आपको बाजार की समझ है, तो एनपीएस एक अच्छा विचार हो सकता है। अगर आप सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्तपोषित पेंशन चाहते हैं और आप ओपीएस में शामिल होने के योग्य हैं, तो ओपीएस सबसे सुरक्षित विकल्प होगा।
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