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इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस को लेकर हुए नए खुलासों के बीच पाकिस्तान ने एक अलग ही शगूफा छेड़ा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के फोन की भी इस इजरायली सॉफ्टवेयर के जरिए कथित तौर पर जासूसी की बातें सामने आई हैं। बौखलाए पाक ने इसे लेकर भी भारत पर आरोप लगाए हैं। साथ ही यह भी कहा है कि उचित मंच पर वह इस मुद्दे को उठाएगा। पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि हम हैकिंग के बारे और जानकारी हासिल करने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि एक बार जानकारी मिलने के बाद हम इसे उचित मंच पर उठाएंगे। इमरान के मंत्री से पूछा गया था कि क्या वह इस मुद्दे को भारत के सामने उठाएंगे। इससे पहले फवाद चौधरी ने ट्वीट कर इस मुद्दे पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि भारत सरकार द्वारा इजरायली सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हुए पत्रकारों, विपक्षी नेताओं और राजनेताओं की जासूसी करने की खबरें चिंताजनक हैं।
पाकिस्तानी मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार हैक किए गए फोन में इमरान खान का भी फोन है। पाकिस्तान के डॉन अखबार के मुताबिक भारत के कम से कम एक हजार नंबर सर्विलांस लिस्ट में थे। इनमें कई सौ नंबर पाकिस्तान के हैं। इन्हीं में से एक नंबर इमरान खान का भी था। पेगासस के खुलासे के बाद भारत में भी सियासी तूफान उठा हुआ है। विपक्ष ने संसद में इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नंबर भी इस लिस्ट में मिला है। पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने भी कहा कि इस बारे में दूसरे हिस्से की रिपोर्ट जल्द आने वाली है। 2019 में इस मुद्दे के उठने के बाद भारत सरकार ने पेगासस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से इनकार किया था और अब भी केंद्र सरकार ने इस रिपोर्ट की टाइमिंग को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
वहीं हंगामे की बीच पेगासस स्पाईवेयर को तैयार करने वाली कंपनी एनएसओ ने सफाई दी है। समाचार एजेंसी एएनआई के सवालों का जवाब देते हुए एनएसओ ने कहा है कि यह एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है। एनएसओ से जब पूछा गया कि क्या पेगासस सॉफ्टवेयर भारत सरकार या भारत सरकार से जुड़ी किसी अन्य संस्था द्वारा खरीदा गया है? इसपर जवाब मिला- हम किसी भी कस्टमर का जिक्र नहीं कर सकते, जिन देशों को हम पेगासस बेचते हैं, उनकी सूची सीके्रट जानकारी है। हम विशिष्ट ग्राहकों के बारे में नहीं बोल सकते लेकिन इस पूरे मामले में जारी देशों की सूची पूरी तरह से गलत है, इस सूची में से कुछ तो हमारे ग्राहक भी नहीं हैं। हम केवल सरकारों और सरकार के कानून प्रवर्तन और खुफिया संगठनों को बेचते हैं। हम बिक्री से पहले और बाद में संयुक्त राष्ट्र के सभी सिद्धांतों की सदस्यता लेते हैं। किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रणाली का कोई दुरुपयोग नहीं होता है। ग्रुप का यह भी कहना है उसके सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कभी भी किसी के फोन की बातें सुनने, उसे मॉनिटर करने, ट्रैक करने और डाटा इकट्ठा करने में नहीं होता है। ग्रुप के मुताबिक पेगासस सॉफ्टवेयर कुछ चुनिंदा देशों की कानूनी एजेंसियों को दिया जाता है जिनका मकसद किसी की जान बचाना और देश की सुरक्षा करना होता है।