राज चौधरी, पठानकोट :
12 दिन पहले रणजीत सागर डेम में गिरे सेना के हेलीकाप्टर और लापता पायलट और को-पायलट की तलाश में रविवार को बड़ी सफलता मिली। हादसे के बाद लापता पायलट एएस बाठ का शव डेम से बरामद कर लिया गया जबकि को-पायलट जयंत जोशी के शव की तलाश की जा रही है। उम्मीद है अब जल्द ही उसका शव भी बरामद हो जाएगा। पायलट के शव को एयरफोर्स के ममून स्थित कैप में भेज दिया गया है।
बताया जा रहा है कि अंडर वाटर वेहिकल की मदद से दुर्घटनाग्रस्त हेलीकाप्टर के पायलट का शव बरामद करने में सफलता मिली है। अभी हेलीकाप्टर के ब्लैक बॉक्स और को-पायलट की तलाश अभी जारी है। बहरहाल, पायलट का शव मिलने से तलाशी अभियान में जुटी टीम को बड़ी राहत मिली है और उम्मीद भी जगी है। दरअसल, दो दिन पहले रणजीत सागर बांध परियोेजना के दो बड़े समुद्री जहाज जय और विजय को भी सेना ने अपने डीप डाइव साथ में लेकर सर्च अभियान चलाया था, लेकिन सफलता नहीं मिली थी।
मालूम हो कि रणजीत सागर झील में 3 अगस्त को क्रैश हुए सेना के हेलीकाप्टर सहित लापता पायलटों को ढूंढने के लिए जल सेना, थल सेना और वायु सेना सभी ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी थी। रणजीत सागर झील प्रोजेक्ट की ओर से भी पूरा सहयोग किया जा रहा है। चार दिन पहले दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर के मलबे का पता लगाने के लिए बसोहली के पूरथु स्थित स्थान में झील की 80 मीटर अंदर स्वचालित रिमोट उपकरण लगाया गया था, जिससे हेलीकाप्टर का मलवा मिलने की उम्मीद की जा रही थी, पर वह भी प्रयास असफल रहा था। रणजीत सागर झील में अब तक के सबसे बड़े सेना के तलाशी अभियान में देश के दिल्ली, मुंबई चंडीगढ़ और कोच्चि से विशेष गोताखोर इस अभियान में लगे रहे। इसमें अति आधुनिक मशीनरी और उपकरणों के भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं। दरअसल, रणजीत सागर झील में लगातार हो रही बारिश के चलते मटमैला पानी और नीचे जमी गाद तलाशी अभियान में मुख्य बाधा बनती रही।