Paryushan Mahaparva : अहम और कशाय मनुष्य के सबसे बड़े शत्रु : ऊपेंद्र मुनि

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पर्यूषण महापर्व का समापन
पर्यूषण महापर्व का समापन

Aaj Samaj (आज समाज), Paryushan Mahaparva, करनाल,20 सितंबर (प्रवीण वालिया):
करनाल में आज क्षमा धर्म को आत्म सात करने के साथ ही पर्यूषण महापर्व का समापन हुआ। जैन स्थानाकों में संवत्सरी पर्व मनाया गया। वहीं पर दशलक्षण पर्व का आज आगाज हुआ। दस दिनों तक चलने वाले इस पर्व में जैन साधक अपनी आत्मा को शुद्ध करने के लिए क्षमा धारण कर उत्तम मार्जव, उत्तम आर्दव, उत्तम शौच, उत्तम सत्य, उत्तम संयम,उत्तम तप उत्तम त्याग , उत्तम अेिंकचन,उत्तम ब्रह्मचर्य के महाब्रत धारण करते हैं।

क्षमा पर्व के माध्यम से हम बैर भाव मिटा सकते हैं : जैन मुनि ऊपेंद्र मुनि

दशलक्षण महापर्व का समापन रथ यात्रा और विश्व क्षमा दिवस के साथ होगा। आज जहां जैन स्थानकों में संवत्सरी पर्व मनाया गया दिगंबर जैन मंदिर में आज दशलक्षण पर्व शुरू हुए। मंदिर में भगवान का अभिषेक के बाद शास्त्र चर्चा तथा क्षुल्लक मुनि प्रमाण सागर जी महाराज के प्रवचन हुए। उन्होंने क्षमा पर्व पर प्रकाश डाला। सेक्टर 14 में 6वे पर्युषण महापर्व के समापन पर जैन मुनि ऊपेंद्र मुनि महाराज ने कहा कि क्षमा केवल वीर व्यक्ति ही मांग सकता है, क्षमा पर्व के माध्यम से हम बैर भाव मिटा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आग कभी आग से नहीं बुझती।हिंसा कभी हिंसा से नहीं रुकती। घृणा कभी घृणा करने से नहीं मिटती।

आग पानी से बुझती है घृणा प्रेम से मिटती है और हिंसा अहिंसा से मिटती है यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन का कल्याण करना चाहता है तो उसे प्राणी वध शिकार का त्याग करना होगा आज संकल्प करेंगे कि हम किसी प्राणी का शिकार नहीं करेंगे हिंसा नहीं करेंगे तात्पर्य यह है शिकार करना और हिंसा करना पाप नहीं महा पाप है

इस मौके पर जैन समाज के प्रधान प्रभात जैन, मंत्री कृष्ण जैन, कैशियर रामनारायण जैन, सुरेश जैन, गौरव जैन, रमन जैन, सुरेंद्र जैन, दिनेश जैन, मनोज जैन प्रवीण जैन, मुदित जैन, प्रेम जैन गौरव जैन डा. अनूप जैन, अशोक जैन सुशील जैन, नवीन जैन आदि उपस्थित थे। उधर करनाल के हनूुमान गली में जैन स्थानक में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर संवत्सरी महापर्व को क्षमा दिवस के रूप में मनाया। इस अवसर पर दिगंबर जैन मुनि क्षुल् लक प्रज्ञांस सागर जी महाराज, जैन मुनि ऊपेंद्र मुनि जी ने प्रवचन किए। जैन मुनि प्रज्ञांस सागर जी महाराज ने कहा कि क्षमा भाव से कोई छोटा नहीं होता है। उन्होंनें कहा कि जैन धर्म एक सागर के समान हैं। उन्हें यहां पर इस बात को देख कर खुशी है कि यहां सभी एकता के साथ रहते हैं। जैन मुनि ऊपेंद्र मुनि जी ने कहा कि जैन समाज एक जुटता कूे साथ रहे। उन्होंंने कहा कि संसार में कोई भी बिना बुराई के रह नहीं सकता ळैं। कोई बिरला ही होगा जो अहम और अहंकर से मुक्ति पा ले। इस अवसर पर बचों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

ये रहे उपस्थित

कार्यक्रम में गौतम जैन, नवीन जैन, अशोक जैन रतन जैन, सुरेंद्र जैन सतीश जैन को सम्मनित किया। कार्यक्रम का संचालन नवीन जैन महामंत्री एसएस जैन सभा ने किया। इस अवसर पर बीरेश जैन, अशोक जैन दिनेश जैन, निशा जैन, अंजली जैन, सुमन जैनप समन जैन, कल्ली, एससी जैन आद उपस्थित थे।

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