कहा- कामकाज की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए लगातार होंगे प्रयास
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: 15वीं हरियाणा विधान सभा के पहले सत्र की कुल 5 बैठकों में 26 घंटे 19 मिनट कार्यवाही चली। विस अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने इस सत्र में नए विधायकों की भागीदारी को सराहनीय बताया है। कल्याण ने कहा कि भविष्य में विधायी कामकाज की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास होंगे। यह सत्र 25 अक्तूबर को शुरू हुआ था और पहले दिन नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के बाद सर्वसम्मति से हरविन्द्र कल्याण विस अध्यक्ष और डॉ. कृष्ण मिड्ढा उपाध्यक्ष चुने गए। 13 नवंबर को सत्र की बैठक महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू हुई। 13 और 14 नवंबर को इस अभिभाषण पर 11 घंटे 50 मिनट चर्चा हुई, जिसमें कुल 69 सदस्यों ने हिस्सा लिया। इस चर्चा में भाग लेने वालों में 34 विधायक पहली बार चुनकर आए हैं जो कुल 3 घंटे 50 मिनट राज्यपाल अभिभाषण पर बोले। इन सदस्यों ने 6 से 13 मिनट तक का समय बोलने के लिए लिया। इस चर्चा का मुख्यमंत्री ने 2 घंटे 27 मिनट में जवाब दिया। इसके अलावा चर्चा में भाग लेने वालों में भाजपा के 32 सदस्य, कांग्रेस के 31 सदस्य, इनेलो के 2 सदस्य तथा 3 निर्दलीय सदस्य शामिल रहे।
सत्र में कुल 13 विधेयक पारित किए गए। इन विधेयकों पर 5 घंटे 2 मिनट चर्चा हुई। विशेष बात यह रही कि बड़ी संख्या में विधायकों ने इस चर्चा में भाग लिया। बिलों में संशोधन के लिए भी पहली बार चुनकर आए सदस्यों की ओर से 4 सूचनाएं प्राप्त हुईंतथा उन पर चर्चा हुई है। पुराने सदस्यों की ओर से अनेक प्रकार के सुझाव भी पेश किए, जिन पर सदन में सकारात्मक चर्चा की गई। सत्र में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के लिए स्वीकार की गई 7 सूचनाओं में से 4 नवनिर्वाचित सदस्यों की रही। विस अध्यक्ष ने कहा कि इस 5 दिवसीय सत्र के दौरान उनकी ओर से 5 रूलिंग और आॅब्जर्वेशन्स भी दी गई हैं। सत्र के अंतिम दिन राज्य गीत के लिए 5 सदस्यीय कमेटी गठित की गई। विधायक लक्ष्मण सिंह यादव की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में विधायक गीता भुक्कल, विनोद भ्याणा, बलवान सिंह दौलतपुरिया और आदित्य देवीलाल को शामिल किया गया है।
पत्रकारों से बातचीत में विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने भविष्य के लिए अपनी प्राथमिकताएं भी साझा कीं। उन्होंने कहा कि बजट सत्र से पूर्व विधायकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। विधान सभा स्टाफ के लिए ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाएगी। विधायकों को विधायी कामकाज में मदद करने के लिए पुस्तकालय में सैल गठित होगा। उन्होंने कहा कि विधायी कामकाज की बारीकियों का अध्ययन करने के लिए लोकसभा और दूसरे राज्यों की विधान सभाओं का दौरा किया जा सकता है। विधान सभा समितियों का गठन भी जल्द होगा। उन्होंने मीडिया कर्मियों के सुझावों पर भी गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया।
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