प्रवीण वालिया, करनाल :
पेरोल पर आकर जेल में वापसी न करने वाले भगोड़े कैदियों की सम्पत्ति कुर्क होगी। इसे लेकर बुधवार को जिला मजिस्ट्रेट अनीश यादव ने जिला न्यायवादी डॉ. पंकज सैनी और एडीए बृज मोहन के साथ एक मीटिंग कर ऐसे केसों का रिव्यू किया।
20 पेरोल जम्परों के मामलों की समीक्षा हुई
उन्होंने पेरोल जम्परों की सम्पत्ति कुर्क करने के लिए जो भी प्रक्रिया है, उसे अपनाने के लिए जिला न्यायवादी से सलाह-मशवरा किया और बताया कि इसके लिए जिले के एसडीएम व डीआरओ सरीखे अधिकारी, जो एक्सीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के तौर पर जमानत के कागजात लेते हैं, उनके साथ गुरूवार को ही मीटिंग करके सम्पत्ति कुर्क करने के मामले में तेजी लाने के निर्देश दिए जाएंगे।
रिव्यू मीटिंग में ऐसे 20 पेरोल जम्परों के मामलों की समीक्षा हुई। उपायुक्त ने डीए से उनके केसों के स्टेटस की जानकारी ली। एडीए ने बताया कि ऐसे पेराले कैदियों के स्टेटस नहीं मिल पा रहे हैं, सम्बंधित अधिकारियों के पास केस पैंडिंग पड़े हैं, यानि सम्बंधित अधिकारियों द्वारा ही एक्शन लिया जाना है।
पेरोल की अवधि समाप्त होने के बाद कैदी वापिस जेल में जाना चाहिए
यह है प्रोसिजर- बता दें कि पेरोल के लिए सम्बंधित कैदी को अपनी सम्पत्ति के कागजात एक्सीक्यूटिव मजिस्ट्रेट को प्रस्तुत करने होते हैं। प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ही कागज लेकर उनका अवलोकन करते हैं और फिर जेल अधीक्षक को सूचना भेजते हैं, जिला मजिस्ट्रेट को भी सूचना भेजनी होती है। पेरोल पर जाने वाले व्यक्ति को अपनी सम्पत्ति के साथ-साथ एक अन्य व्यक्ति की जमानत भी देनी पड़ती है, जिसकी जिम्मेवारी हो जाती है कि पेरोल की अवधि समाप्त होने के बाद कैदी वापिस जेल में जाना चाहिए, लेकिन कई बार पेरोल पर गए व्यक्ति जेल में वापसी न करके भगोड़े हो जाते हैं और पेरोल जम्पर की श्रेणी में आ जाते हैं। अब ऐसे मामलों में जिला मजिस्ट्रेट अनीश यादव ने दोषी व्यक्तियों की सम्पत्ति कुर्क करने के लिए निर्देश दिए।
ये भी पढ़ें : 4 पशु डेयरियों को नगर निगम की एन्फोर्समेंट टीम ने किया सील
ये भी पढ़ें : सड़क हादसे में एक वकील की हुई मौत
ये भी पढ़ें : युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार उद्योगों पर दे रही सब्सिडी : सहायक निदेशक रविंदर सिंह