Aaj Samaj (आज समाज),Parliamentary Secretary Rampal Majra ,मनोज वर्मा,कैथल: पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा ने कहा कि हरियाणा में भाजपा कार्यकाल के 9 साल में 5 गुना कर्जा, 4 गुना महंगाई, 3 गुना बेरोजगारी और 2 गुना अपराध बढ़ा है। माजरा आज गांव कलासर में ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा का हर वर्ग अपनी मांगों को लेकर आज सडक़ों पर है। कर्मचारी ओपीएस को लेकर, आशा वर्कर मानदेय बढ़ाने को लेकर, किसान यूनियन मुआवजे को लेकर, कच्चे कर्मचारी रोजगार सुरक्षा को लेकर, सरपंचों, पंचों, जिला पार्षदों, कॉन्ट्रैक्ट टीचर एसोसिएशन, कच्चे कर्मचारियों, आउटसोर्स पार्ट 2 कर्मियों, व्यापारियों, खिलाडिय़ों, दलित व पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधी अपनी मांगों को लेकर सडक़ों पर है। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार के चलते प्रदेश के युवा सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रही हैं। सरकारी विभागों में 2.02 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं। लेकिन भर्तियां करने की बजाए सरकार पेपर लीक और पेपर कॉपी जैसे घोटालों को अंजाम दे रही है। सीईटी में धांधलियां करके युवाओं के भविष्य से लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है।
माजरा ने कहा कि पीपीपी और पीपी आम जनता के गले की फांस बन गए हैं। परिवार पहचान पत्र में इतनी गड़बडियां हैं कि वो अबतक ख़ुद की पहचान नहीं बना पाया है। इसके लिए लोगों से वो जानकारियां ली जा रही हैं, जिसपर बाकायदा सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने रोक लगा रखी है। फिर भी नागरिकों की इच्छा के विरुद्ध सरकार ऐसी जानकारियां फैमिली आईडी में चढ़ा रही है। पीपीपी में इतनी गड़बडिय़ां हैं कि उन्हें ठीक करवाने के लिए लोग लगातार दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। पीपीपी में इस हद तक धांधलियां हैं कि गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को करोड़पति और कई करोड़पतियों को बीपीएल दिखाया गया है। इसी तरह की गड़बड्यिां प्रॉपर्टी आईडी में की गई हैं। इसमें मकान मालिक को किराएदार तो किराएदारों को मकान मालिक दिखा दिया गया। लेकिन सरकार ने इतने बड़े स्तर पर गडबडिय़ां करने वाली कंपनियों पर कोई कार्रवाई नहीं की। सरकार की गलती का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। माजरा ने कहा कि प्रदेश में सरकार के संरक्षण में भूमाफिया पनप रहे है।
सरकार पोर्टल की होकर रह गई है। प्रदेश में हालात ये है कि जिस जमीन की रजिस्ट्री में पैसे का लेन-देन नहीं होता है तो उसमें पोर्टल काम नहीं करता है और जो सरकार के भूमाफिया है और जिस जमीन पर वो कालोनी काटते है, पोर्टल भी उसे ही दर्शाता है। सरकार चंद लोगों के हाथों की कठपुतली बनी हुई है। अब सरकार ने बारीक चावल जैसे बासमती के निर्यात पर रोक लगाकर किसान को आर्थिक रूप से कमजोर करने की नीति बनाई है। सदैव बासमती चावल का निर्यात होता आया है, जिससे किसान को भी बासमती व अन्य बारिक किस्मों की धान का भाव अच्छा मिल जाता था। किसान की आर्थिक आजादी पर सरकार कुठाराघात कर रही है। जिस मुद्दे भय और भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा सरकार सत्ता में आई थी, आज वहीं चरम सीमा पर है। मुख्यमंत्री के कार्यालय से लेकर उच्चाधिकारियों के कार्यालय में भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है। हरियाणा सेलेक्शन बोर्ड के कार्यालय से पैसे पकड़े जाते है। प्रदेश में से लगभग तीन दर्जन नौकरियां रद्द की जाती है ये सब भ्रष्टाचार ही तो है।
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