Parliament Winter Session: दो और सांसद निलंबित, शीतकालीन सत्र के बीच सस्पेंड किए सांसदों की संख्या 143 हुई

0
235
Parliament Winter Session
लोकसभा से दो और सांसद निलंबित, शीतकालीन सत्र के बीच सस्पेंड किए सांसदों की संख्या 143।

Aaj Samaj (आज समाज), Parliament Winter Session, नई दिल्ली: संसद की सुरक्षा में हुई चूक मामले पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सांसदों का हंगामा जारी है। इसके साथ ही इस मामले पर प्रदर्शन करने व नियमों के उल्लंघन के आरोप में सस्पेंड किए सांसदों को लेकर भी संसद के बाहर व अंदर बुधवार को भी हंगामा जारी रहा और इस बीच दो और सांसदों को निलंबित कर दिया गया, जिसके बाद से पिछले सप्ताह गुरुवार से अब तक संसद के शीतकालीन सत्र के बीच निलंबित किए गए सांसदों की संख्या 143 हो गई।

कल ये किए गए सस्पेंड

सी थॉमस और एमए आरिफ को बुधवार को सस्पेंड किया गया। वे तख्तियां लेकर लोकसभा में आसन के पास प्रदर्शन कर रहे थे। 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाते हुए दो संदिग्ध दर्शक दीर्घा से लोकसभा के चैंबर में कूद गए थे और उन्होंने अंदर स्प्रे कर अफरातफरी मचा दी थी। सदन में मौजूद सांसदों ने दोनों संदिग्धों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। इसी मामले पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सांसद लगातार हंगामा कर रहे हैं और सदन की कार्यवाही में व्यवधान डालने के आरोप में विपक्षी सांसदों को संसद के शेष शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया है।

संसद सुरक्षा में चूक मामले पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सांसद

विपक्षी सांसद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी सदन में बयान देने की मांग कर रहे हैं। पिछले सप्ताह गुरुवार को पहले दिन 14 सांसदों को निलंबित किया गया था। फिर 18 दिसंबर को दोनों सदनों से एक साथ 78 सांसदों का निलंबन हुआ। इनमें 33 लोकसभा और 45 राज्यसभा के सदस्य थे। अगले दिन यानी 19 दिसंबर को 49 सांसदों को सस्पेंड किया गया। इस तरह निलंबित सांसदों की संख्या 143 हो गई।

विपक्षियों की आवाज बंद करना चाहती है सरकार : सोनिया

कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि वर्तमान केंद्र सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया है। विपक्षियों की आवाज बंद करने के लिए लगातार विपक्षी सांसदों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्हें सदन की कार्यवाही से निलंबित किया जा रहा है। संसदीय इतिहास में यह पहली बार है जब इतने विपक्षी सांसद निलंबित किए गए हैं। अभी तक ऐसा कभी हुआ ही नहीं था। उचित और वैध मांग उठाने के बावजूद उन्हें निलंबित किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें: 

Connect With Us: Twitter Facebook