Parliament Winter Session live: एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक लोकसभा में पेश

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Parliament Winter Session live: एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक लोकसभा में पेश
Parliament Winter Session live: एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक लोकसभा में पेश
  • केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने पेश किया बिल
  • संसदीय पैनल के पास भेजा जाए विधेयक : अमित शाह

Parliament Winter Session 2024, (आज समाज), नई दिल्ली: एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक आज लोकसभा में पेश किया गया। विपक्ष ने इस पर विरोध जताया, वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुझाव दिया कि विधेयक को बहस के लिए संसदीय पैनल (संयुक्त संसदीय समिति-जेपीसी) के पास भेजा जा सकता है। केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने दो विधेयक-संविधान (129वां संशोधन) बिल और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) बिल लोकसभा में पेश किए। बता दें कि एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पहल का उद्देश्य देश भर में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराना है।

विधेयक को जेपीसी के पास भेजा जाना चाहिए : डीएमके

अमित शाह ने कहा, प्रधानमंत्री ने खुद कहा है कि हम एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक को जेपीसी के पास भेजने के लिए तैयार हैं। डीएमके सांसद टीआर बालू ने भी कहा कि विधेयक को जेपीसी के पास भेजा जाना चाहिए। अर्जुन मेघवाल ने केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम, 1963, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन का भी प्रस्ताव रखा। ये बदलाव दिल्ली, जम्मू और कश्मीर और पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों को एक साथ चुनाव कराने के प्रस्तावित ढांचे के साथ जोड़ना चाहते हैं।

कांग्रेस, सपा, एनसीपी सहित कई दलों ने जताया विरोध

उधर  सरकार के दबाव के बावजूद कांग्रेस, समजावादी पार्टी (सपा) व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सहित कई विपक्षी नेताओं ने एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक का विरोध जताया। उनका कहना है कि यह प्रस्ताव देश के संघीय ढांचे और लोकतांत्रिक नींव के लिए खतरा है और इस पर संसद में बहस जारी रहने की उम्मीद है।

जानें मनीष तिवारी और सांसद धर्मेंद्र यादव ने क्या कहा

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने विधेयक को संविधान के मूल ढांचे पर हमला बताया। उन्होंने कहा, संघवाद और लोकतांत्रिक सिद्धांत संविधान का अभिन्न अंग हैं और संसद की संशोधन शक्ति से परे हैं। समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने भी विधेयक का विरोध करते हुए इसे संविधान निर्माताओं की दृष्टि को कमजोर करने वाला कदम बताया।

कैबिनेट ने सितंबर में दी समिति की सिफारिशों को मंजूरी

बता दें कि सितंबर में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को मंजूरी दी थी। समिति ने दो चरणों में एक साथ चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा था। पहला, लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराना और फिर आम चुनाव के 100 दिन के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराना। इसने सभी चुनावों के लिए एक समान मतदाता सूची की भी सिफारिश की है।

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