आज समाज, नई दिल्ली : तवांग में 9 दिसम्बर को चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प का मामला सेना ने निपटा लिया है। लेकिन संसद में यह मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस सहित 12 विपक्षी दलों ने आज संसद परिसर (Rajya Sabha) में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन करके रोष जताया। विपक्ष का कहना था कि सरकार लोगों के सामने सच्चाई नहीं ला रही और न ही इस मुद्दे पर विपक्ष को बोलने का मौका दिया जा रहा है।
इस दौरान कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार देश की जनता को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि एलएसी पर स्थिति कितनी गंभीर है इसकी जानकारी सरकार को देनी चाहिए लेकिन सरकार इस बारे में बात करने से कतरा रही है।
संसद की कार्यवाही बाधित
ज्ञात रहे कि तंवाग (Tawang Clash) मुद्दे को लेकर संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही लगातार प्रभावित हो रही है। पिछले कई दिन से विपक्ष इसी मांग पर अड़ा हुआ है कि केंद्र सरकार इस पर स्थिति स्पष्ट करे। हालांकि संसद में रक्षा मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया था कि चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ का प्रयास किया था जिसे भारतीय सैनिकों ने नाकाम कर दिया। इस दौरान दोनों तरफ से कुछ सैनिक मामूली रूप से घायल हुए।
मोदी सरकार की लाल आंख पर चीनी चश्मा : खड़गे
गत दिनों कांग्रेस अध्यक्ष Mallikarjun Kharge ने ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा थौ। खड़गे ने ट्वीट में आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी सरकार की लाल आंख पर चीनी चश्मा लग गया। क्या भारतीय संसद में चीन के विरुद्ध बोलने की अनुमति नहीं है। (India China Clash)
मामला सुलझा लिया गया : आरपी कलिता
हालांकि 16 दिसंबर को तवांग झड़प र बयान देते हुए पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता ने कहा था कि मामला सुलझा लिया गया है और स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि भारतीय सैनिक अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए सदैव तैयार रहते हैं।
इस तरह की घुसपैठ को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि झड़प में दोनों ओर के सैनिकों को चोटें आई हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए कलिता ने कहा था कि टकराव के बाद इस मुद्दे को दोनों देशों की सेनाओं ने स्थानीय स्तर पर हल कर लिया।
उन्होंने कहा कि इस टकराव को लेकर दोनों सेनाओं के अधिकारियों के बीच बुमला में एक फ्लैग मीटिंग हुई। जिसमें दोनों तरफ से अपना-अपना पक्ष रखा गया। इसके बाद दोनों सेनाओं के बीच सहमति बनीं और यथा स्थिति बनाए रखने का फैसला किया गया।
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