Parliament Updates: अमेरिका से 104 भारतीय प्रवासियों की वापसी पर संसद में बवाल, विदेश मंत्री जयशंकर ने दिया बयान

0
46
Parliament Updates
Parliament Updates: अमेरिका भारतीय प्रवासियों की वापसी पर संसद में बवाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया बयान

Indians Deportation Case, (आज समाज), नई दिल्ली: अमेरिका से 104 भारतीय प्रवासियों को भारत वापस भेजने पर आज संसद में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। बवाल के चलते संसद की कार्यवाही पहले 12 बजे तक और उसके बाद दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दो बजे इस मुद्दे पर राज्यसभा में बयान दिया। उन्होंने कहा, भारत सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी सरकार से संपर्क कर रही है कि लौटने वाले निर्वासितों के साथ उड़ान के दौरान किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो।

भारतीयों का निर्वासन कोई नया नहीं

जयशंकर ने कहा कि भारतीयों का निर्वासन कोई नया नहीं है। उन्होंने बताया कि अमेरिका द्वारा निर्वासन का आयोजन और क्रियान्वयन, आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) द्वारा किया जाता है और आईसीई द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले विमानों द्वारा निर्वासन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया पहले से प्रभावी है। 5 फरवरी को अमेरिका ने उड़ान के लिए पिछली प्रक्रियाओं में कोई बदलाव नहीं किया है।

महिलाओं और बच्चों को नहीं किया जाता प्रतिबंधित

जयशंकर ने कहा, हमें आईसीई ने सूचित किया है कि महिलाओं और बच्चों को प्रतिबंधित नहीं किया जाता है। इसके अलावा, पारगमन के दौरान, भोजन और अन्य आवश्यकताओं से संबंधित, संभावित चिकित्सा आपात स्थितियों सहित निर्वासितों की जरूरतों को पूरा किया जाता है। विदेश मंत्री बताया कि शौचालय के ब्रेक के दौरान, यदि आवश्यक हो तो निर्वासितों को अस्थायी रूप से मुक्त किया जाता है। यह चार्टर्ड नागरिक विमानों के साथ-साथ सैन्य विमानों पर भी लागू होता है।

अवैध प्रवास उद्योग पर कड़ी कार्रवाई

जयशंकर ने यह भी कहा कि सदन इस बात की सराहना करेगा कि हमारा ध्यान अवैध प्रवास उद्योग पर कड़ी कार्रवाई करने पर होना चाहिए, जबकि वैध यात्रियों के लिए वीजा को आसान बनाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। एजेंटों और अन्य लोगों के बारे में निर्वासित लोगों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर, कानून प्रवर्तन एजेंसियां आवश्यक निवारक और अनुकरणीय कार्रवाई करेंगी।

ये भी पढ़ें : Indians Deportation: हथकड़ी व पैरों में जंजीरें बंधे निर्वासित ग्वाटेमाला के: पीआईबी