Parliament Winter Session, (आज समाज), नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र का आज ग्यारहवां दिन है और विपक्ष के लगातार विरोध व हंगामे को लेकर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (Parliamentary Affairs Minister Kiren Rijiju ) ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि सभी पार्टियों के सांसद संसद की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेने के इच्छुक हैं, लेकिन केवल लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एकमात्र ऐसे सांसद हैं जो संसद की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेना चाहते।
राहुल के लिए मायने नहीं रखता कोई मसला
किरेन रिजिजू ने कहा, कांग्रेस के अन्य एमपी हों या समाजवादी पार्टी (सपा) या तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), सभी दलों के सांसदों के लिए उनका संसदीय क्षेत्र महत्व रखता है, इसलिए वे चाहते हैं की संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चले और वे कार्यवाही में हिस्सा लें। राहुल ही ऐसे एमपी हैं जिनके लिए कोई मसला मायने नहीं रखता। लगता है उनका संसदीय लोकतंत्र में भरोसा नहीं है। यहां तक कि पूरी कांग्रेस पार्टी राज्यसभा में चर्चा के लिए सहमत है। संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि कई एमपी उनके पास आकर बात कर चुके हैं।
सरकार नहीं चाहती कार्यवाही चले : प्रियंका
केरल के वायनाड से हाल ही में लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस बीच कहा, हम रोज संसद में चर्चा में भाग लेने का प्रयास करते हैं, लेकिन खुद नहीं चाहती कि संसद चले। उन्होंने कहा, हम संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार कुछ न कुछ बहाना लगाकर रोज कार्यवाही कोा स्थगित कर रही है।
देशहित के खिलाफ काम करने वालों के खिलाफ उठाएं आवाज
रिजिजू ने सोमवार को पत्रकारोें के साथ बातचीत में कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दलों से भारत विरोधी ताकतों के खिलाफ एकजुट होने का भी आग्रह किया। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, अगर विपक्षी दलों को लगता है कि उनके नेता देशहित के खिलाफ काम कर रहे हैं तो वे आवाज उठाएं रिजिजू की यह टिप्पणी उस घटना के एक दिन बाद आई है, जिसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित एक संगठन से संबंध होने का आरोप लगाया गया था, जिसने कश्मीर को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के विचार का समर्थन किया था।
राहुल गांधी ‘इंडी’ का नेतृत्व करने में विफल
संसदीय कार्यमंत्री ने कहा, कांग्रेस और साथ ही ‘इंडी एलायंस’ के सदस्यों ने पहले ही कहा है कि राहुल गांधी गठबंधन को साथ लेकर चलने या गठबंधन का नेतृत्व करने में विफल रहे हैं। लेकिन, हम कांग्रेस पार्टी के पतन या राहुल के नेतृत्व की विफलता से चिंतित नहीं हैं। मैं यह कह रहा हूं कि जब राष्ट्रीय हित की बात आती है, तो हमें एकजुट होकर काम करना चाहिए।
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