नई दिल्ली। आज से संसद का मानसून सत्र प्रारंभ हो गया। संसद सत्र केपहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने हमारी देश की सीमाओं की र क्षा कर रहे सैनिकों के उत्साह को बढ़ाने और बल देने के लिए बताया कि संसद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर खड़े हमारे सैनिकों के पीछे एक स्वर और भाव में खड़ा है। गौरतलब है कि इन दिनों भारत चीन के रिश्ते अच्छे नहीं है। एलएसी पर सीमा विवाद चल रहा है। संसद मेंविपक्ष एलएसी पर चर्चा करना चाहता है। विपक्ष की मांग है कि भारत-चीन सीमा पर वर्तमान स्थिति के बारे में सरकार विवरण दे। पीएम ने मीडिया को दिए स ंदेश में कहा कि संसद एक स्वर में संदेश देगी कि वह हमारी देश की सीमाओं पर खड़े सैनिकों के साथ एकजुट है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि भातीय सैनिक कठिन पहाड़ी इलाकों में बहादुरी के साथ अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। संसद में सत्र के दौरान चर्चा होगी। विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि जितनी चर्चा होगी, उतना ही अच्छा है। उन्होंने कहा, ” मुझे विश्वास है कि सभी सांसद सामूहिक रूप से कई विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे। वहीं दूसरी ओर कांविपक्षी पार्टीकांग्रेस के नेता शशि थरूर ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम सभी सैनिकों के साथ हैं। हालांकि, सरकार को संसद को बताना चाहिए कि सीमा पर क्या स्थिति है।”