Parliament Session Day 3, (आज समाज), नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है और मणिपुर व गौतम अडाणी मामले में लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया है। पहले दिन सोमवार को अडाणी मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बीच बहस हुई थी।
मणिपुर पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस
मणिपुर में बिगड़ती स्थिति पर कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दाखिल किया। उन्होंने कहा, मैं सदन के कामकाज को स्थगित करने के लिए एक प्रस्ताव लाने की अनुमति मांगने के अपने इरादे की सूचना देता हूं ताकि तत्काल महत्व के एक निश्चित मामले पर चर्चा की जा सके।
उन्होंने कहा, मणिपुर में जारी हिंसा, कानून एवं व्यवस्था के गंभीर संकट को दर्शाती है और इसके साथ ही इसमें प्रशासनिक विफलता के आरोप भी हैं। हिबी ईडन ने सरकार से इसकी जिम्मेदारी लेने और क्षेत्र में शांति व न्याय बहाल करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया।
संजय राउत: अडाणी मुद्दे पर बोलने न देने के आरोप
संजय राउत ने अडाणी मुद्दे पर विपक्ष को बोलने की अनुमति नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, अगर हमें इस मुद्दे पर बोलने की अनुमति नहीं है, तो इसका क्या मतलब है? देश को लूटा जा रहा है। अमेरिका, फ्रांस, केन्या और अन्य देश इस उद्योगपति (अडाणी) के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं और उन्हें देश में खुली छूट दी गई है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा शामिल करने का आग्रह
डीएमके संसदीय दल के नेता टी आर बालू ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से सदन के शीतकालीन सत्र के एजेंडे में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर चर्चा शामिल करने का आग्रह किया। बिरला को लिखे पत्र में बालू ने बताया कि कई विद्वानों और जनता ने राष्ट्रपति के अभिभाषण में समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष जैसे प्रमुख संवैधानिक शब्दों की अनुपस्थिति पर ध्यान दिया है।
अभिभाषण में महत्वपूर्ण विशेषताओं की अनदेखी की गई
डीएमके नेता ने सुझाव दिया कि सरकार द्वारा तैयार और स्वीकृत किए गए अभिभाषण में इन महत्वपूर्ण विशेषताओं की अनदेखी की गई है। राष्ट्रपति ने उस दिन पहले ही ‘संविधान दिवस’ के अवसर पर लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक के दौरान यह अभिभाषण दिया था। डीएमके के नेता ने कहा, राष्ट्रपति द्वारा दिया गया अभिभाषण एक अनूठा और महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य देश के सभी नागरिकों तक संवैधानिक मूल्यों को पहुंचाना है, ताकि हर देशवासी राष्ट्रपति के भाषण की विषय-वस्तु को समझ सके।
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