Aaj Samaj (आज समाज), Parliament Security Breach Update, नई दिल्ली: संसद की सुरक्षा में सेंध मामले के कथित मास्टरमाइंड ललित झा के साथ अन्य आरोपी महेश शर्मा ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इस तरह मामले में अब तक पुलिस के हत्थे चढ़ने वाले आरोपियों की संख्या 9 हो गई है। महेश को भी संसद में हंगामा करने में शामिल होना था, लेकिन बाद में अचानक प्लान में बदलाव कर उसे वारदात को अंजाम देने वाले अन्य आरोपियों के रहने की व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई।
महेश का राजस्थान के नागौर से दिल्ली आना कैंसिल
दरअसल प्लान बनाने के दौरान सवाल उठा कि जो लोग घटना को अंजाम देने के बाद फरार होकर आएंगे, उनके रुकने का इंतजाम कौन करेगा। इसके बाद महेश का राजस्थान के नागौर से दिल्ली आना कैंसिल किया गया और अन्य आरोपियों को आश्रय देने का इंतजाम करने के मकसद से उसे नागौर में ही रुकने को कहा गया।
13 दिसम्बर को 10 बजे दिल्ली से बस से नागौर पहुंचा ललित
ललित 13 दिसम्बर को जब वारदात में संलिप्त रहने के बाद रात 10 बजे दिल्ली से बस से नागौर पहुंचा तो महेश ने ही होटल में उसके रुकने का इंतजाम करवाया ताकि पुलिस उस तक न पहुंच सके। फिर जब महेश और ललित को लगा कि पुलिस उन्हें ढूंढ रही है तो ये लोग नागौर से दिल्ली आ गए और पुलिस के समक्ष इन्होंने सरेंडर कर दिया। पुलिस के अनुसार महेश पेशे से मजदूर है। ललित ने पुलिस को बताया कि वह लगातार न्यूज चैनल देख रहा था, जिसके जरिए उसे पुलिस की हर मूवमेंट की जानकारी मिल रही थी।
मोबाइल फोन गायब करने में महेश और कैलाश का हाथ
सूत्रों के मुताबिक महेश और कैलाश आपस में चचेरे भाई हैं। ललित जब 13 दिसंबर को फरार हुआ तो वो सीधा महेश और कैलाश के संपर्क में रहा था। सभी मोबाइल फोन गायब करने में महेश और कैलाश की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। स्पेशल सेल दोनो से गायब फोन के संबंध में पूछताछ कर रही है।
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