Parliament Sanjay Bhatia : युवा स्वावलंबन का रास्ता अपनायें

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युवा स्वावलंबन का रास्ता अपनायें
युवा स्वावलंबन का रास्ता अपनायें

Aaj Samaj (आज समाज), Parliament Sanjay Bhatia, प्रवीण वालिया, करनाल, 21 अगस्त:
सांसद संजय भाटिया ने कहा कि व्यक्ति को हर समय कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए। हर स्तर पर हमे सीखने का जज्बा अपने भीतर कायम रखना चाहिए। सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। सीख कर व्यक्ति आगे बढ़ता है। कई बार हमको कुछ ऐसे लोगों से सीख मिलती है जिन्हे हम कुछ नहीं समझते है। भारत में आज सबसे अधिक संख्या युवाओं की हैं। स्वावलंबन का रास्ता अपना कर युवा न केवल सफल उद्यमी बन सकते हैं बल्कि राष्ट्र की आर्थिक प्रगति में भी अहम योगदान दे सकते हैं।

युवा शक्ति को जोखिम उठाने से नहीं हिचकना चाहिये। लक्ष्य तय कर उसे हासिल करने के लिये कड़ी मेहनत करनी चाहिये। सांसद भाटिया आज यहां डॉ. मंगलसेन सभागार में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान व स्वावलंबी भारत अभियान की ओर से विश्व उद्यमिता दिवस पर आयोजित उद्यमिता प्रोत्साहन सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। मुख्य वक्ता के रूप में हरियाणा तकनीकि शिक्षा बोर्ड के सचिव राजेश गोयल और विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि संजय बठला सहित सामाजिक-धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों व आईटीआई कर्मचारियों ने भाग लिया।

कुछ कार्यक्रम जीवन की दिशा बदल देते हैं

मुख्य वक्ता राजेश गोयल ने इस मौके पर जब बाजार जायेंगे, सामान स्वदेशी लायेंगे तथा हर युवक की एक पुकार, उद्यमिता और स्वरोजगार जैसे नारे लगवाकर युवाओं में नये उत्साह का संचार किया। उन्होंने कहा कि कुछ कार्यक्रम जीवन की दिशा बदल देते हैं। उम्मीद है कि आज के कार्यक्रम से युवाओं को नई प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि आज उद्यमिता दिवस पर युवाओं को स्वावलंबी बनने का संकल्प लेना होगा। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान देश को कुशल फोर्स उपलब्ध कराते हैं। युवाओं ने यदि स्वरोजगार का रास्ता अख्तियार कर लिया तो जीवन में सफलता निश्चित है, भले ही इसके लिये उन्हें संघर्ष अधिक क्यों न करना पड़े। अतीत इस बात का गवाह है कि जिन्होंने सरकारी नौकरी का मोह छोड़ा उनके लिये आकाश भी छोटा पड़ गया। देश में आज 15 से 29 साल के युवाओं की संख्या 37 करोड़ है। युवा ही देश को विकसित राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। 21 वीं सदी भारत की है।

मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि एवं कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि संजय बठला ने युवाओं को लक्ष्य निर्धारित कर कड़ी मेहनत के लिये प्रेरित किया। स्वरोजगार के लिये सरकार की ओर से ऋण उपलब्ध कराने सहित कई प्रकार की सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही हैं। युवक स्वरोजगार अपनाते हैं तो रोजाना दस से पंद्रह हजार रुपये कमाना कोई बड़ी बात नहीं है। युवाओं को नौकरी मांगने वाले नहीं, देने वाला बनना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी सपना है कि भारत आत्मनिर्भर बने, स्वावलंबी बने।

कभी भारत विश्व गुरू और सोने की चिडिय़ा कहलाता था

सेवा भारती के प्रांतीय अध्यक्ष सतीश चावला ने कहा कि एक हजार साल पहले देश में बेरोजगारी शब्द नहीं था। कालांतर में मुगलों व अंग्रेजों ने देश को जमकर लूटा। मैकाले शिक्षा पद्धति मालिक नहीं, नौकर बनाने वाली थी। कभी भारत विश्व गुरू और सोने की चिडिय़ा कहलाता था। आजादी के बाद स्थिति बदली है। आज विश्व में जीडीपी में भारत का योगदान 3.3 प्रतिशत ह। हर साल नौ लाख युवा बेरोजगारों की श्रेणी में शामिल हो जाते हैं। सरकारी नौकरियां दो और कारपोरेट क्षेत्र में चार प्रतिशत ही नौकरियां है। आज स्वदेशी जागरण मंच और 33 अन्य संगठनों की ओर से मिलकर स्वावलंबी भारती अभियान चलाया जा रहा है। हर जिला में रोजगार सृजन केंद्र खोले जा रहे हैं। स्वरोजगार के जरिये देश की जीडीपी 3.46 ट्रिलियन डालर की है जो 2030 तक भारत को 10 ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था वाला देश बनाना है।

इस मौके पर मौजूद रहे

इस मौके पर उद्यमी राहुल सिंगला, इंटीरियर डिजाइनर अंजू धवन, स्वावलंबी भारत अभियान के प्रांत संरक्षक विजय सेतिया, ग्रुप इंस्ट्रक्टर जसविंद्र, पीएनबी के सर्कल मुखिया जगजीत सिंह, आरके मिगलानी आदि ने विचार रखे। सम्मेलन में आईटीआई प्राचार्य धर्मेंद्र सिह, आईटीआईं महिला विंग के प्राचार्य गुलजार सिंह विर्क, आईटीआई तरावडी के प्राचार्य गुरप्रीत, वर्को एप्प के अधिकारी सुभाष बंसल स्वावलंबी भारत अभियान से सतीश चावला, सुरेश पूरी, सुरेन्द्र गोयल, भुषण गोयल, दूली चन्द, डॉ. सुखराज, डॉ. कमल, जयवीर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विभाग संगठन मंत्री सूर्य प्रताप सिंह, जिला संयोजक अभिषेक राणा, प्रांत संयोजक प्रवीन डबास, लव प्रताप, दीपक राय, वकरांगी से कुलदीप आदि मौजूद रहे।

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