- मुझे खुशी है प्रियंका वायनाड से चुनाव जीतीं : शशि थरूर
- सीट की तरफ जाते भाई राहुल गांधी को नमस्कार किया
- लोकसभा में पार्टी की आवाज और मुखर होने की उम्मीद
Priyanka Gandhi Vadra News, (आज समाज), नई दिल्ली: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद के तौर पर शपथ ले ली है। संसद के शीतकालीन सत्र का आज चौथा है और कार्यवाही शुरू होते ही प्रियंका ने शपथ ग्रहण की। वायनाड लोकसभा सीट पर 20 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के साथ उपचुनाव हुआ था और उसके बाद 23 नवंबर को नतीजे घोषित किये गए। प्रियंका के साथ कांग्रेस के अन्य सांसद रविंद्र चव्हाण ने भी आज संसद में शपथ ग्रहण की। वह महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट से उपचुनाव जीते हैं।
6.22 लाख वोटों से हासिल की है जीत
शपथ ग्रहण के समय प्रियंका गांधी ने केरल की साड़ी पहन रखी थी। इस मौके पर प्रियंका के साथ उनकी मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी भी मौजूद थे। प्रियंका ने वायनाड उपचुनाव में 6.22 लाख वोटों से जीत हासिल की है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, मैं बहुत खुश हूं क्योंकि हमने प्रियंका गांधी के लिए प्रचार किया था। मुझे खुशी है कि वह जीतीं।
हाथ में पकड़ी थी प्रतीकात्मक तौर पर संविधान की किताब
प्रियंका गांधी ने शपथ ग्रहण के समय अपने हाथ में प्रतीकात्मक तौर पर संविधान की एक लाल किताब पकड़ी थीं। बता दें कि वायनाड सीट से राहुल गांधी सांसद चुने गए थे, लेकिन दो सीटों से चुनाव जीतने के कारण उन्हें वायनाड सीट छोड़नी पड़ी। इसके बाद वहां उपचुनाव हुआ। बता दें कि मौजूदा समय में कांग्रेस बहुत खराब दौरे से गुजर रही है और ऐसे में प्रियंका के लोकसभा में आने से सदन में पार्टी की आवाज और मुखर होने की उम्मीद है।
बता दें कि प्रियंका काफी समय तक कांग्रेस महासचिव व पार्टी की स्टार प्रचारक रही हैं। संसदीय राजनीति में उनकी एंट्री अब हुई है। वह पार्टी की रणनीतिक टीम में भी शामिल हैं। शपथ ग्रहण करने के बाद जब प्रियंका अपनी सीट की तरफ जा रही थीं तो इस बीच उन्होंने अपने भाई राहुल गांधी को नमस्कार किया। फिर दोंनो भाई-बहन ने हाथ जोड़कर एक दूसरे का अभिवादन किया।
दोनों सदनों में आज फिर हंगामा
संसद की कार्यवाही शुरू होने के बाद आज फिर मणिपुर अशांति और संभल हिंसा समेत विभिन्न मुद्दों पर सांसदों ने दोनों सदनों में हंगामा कर दिया, जिसके बाद लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। लगातार तीसरे दिन राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
25 नवंबर को शुरू हुआ था शीतकालीन सत्र
शीतकालीन सत्र 25 नवंबर को शुरू हुआ था, लेकिन शुरुआती व्यवधानों के कारण उस दिन भी दोनों सदनों की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। 75वें संविधान दिवस के उपलक्ष्य में दूसरे दिन कोई बैठक नहीं हुई। तीसरे दिन बुधवार को हंगामे के चलते फिर बिना किसी कामकाज दोनों सदनों की कार्यवाही एक घंटे के भीतर ही स्थगित कर दी गई।
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