Parliament News: अनुच्छेद 370, तीन तलाक व जीएसटी जैसे बड़े फैसलों के लिए याद रखी जाएगी पुरानी संसद

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समारोह को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

Aaj Samaj (आज समाज), Parliament News, नई दिल्ली: संसद भवन की पुरानी इमारत को आज अलविदा कह दिया गया यानी आज पुरानी संसद का आखिरी दिन रहा और नए संसद भवन का पहला दिन। इस मौके पर पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में विदाई समारोह रखा गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान पुरानी बिल्डिंग का नाम ‘संविधान सदन’ रखने का प्रस्ताव रखा।

  • आजादी के बाद पुरानी संसद में संविधान सभा की बैठक शुरू हुई

पीएम के साथ नए संसद भवन चलकर गए सभी सांसद

पीएम मोदी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पुराना संसद भवन और यहां का सेंट्रल हॉल एक प्रकार से हमारी भावनाओं से भरा हुआ है। उन्होंने कहा, यह सदन आॅर्टिकल 370, तीन तलाक, जीएसटी जैसे बड़े फैसलों के लिए याद रखा जाएगा। समारोह के समापन के बाद पीएम मोदी सहित सभी सांसद साथ-साथ चलकर संसद भवन की पुरानी इमारत से नई संसद गए।

अब तक करीब 4000 से अधिक कानून पास किए

पीएम मोदी ने कहा, सेंट्रल हॉल में तिरंगे और राष्ट्रगान को अपनाया गया। कई अवसरों पर पुराने संसद भवन के दोनों सदनों ने भारत के भाग्य को लेकर निर्णय लिए। अभी तक लोकसभा और राज्यसभा ने मिलकर करीब 4000 से अधिक कानून पास किए हैं। पुराने संसद भवन की गतिविधियों को याद करते हुए पीएम ने कहा, हमें यह भावुक भी करता है और कर्तव्य के लिए प्रेरित भी करता है। उन्होंने कहा, आजादी पूर्व ये खंड एक प्रकार से लाइब्रेरी के लिए इस्तेमाल होता था। पीएम ने बताया कि बाद में यहां संविधान सभा की बैठक शुरू हुई और उसके बाद हमारे संविधान ने यहीं पर आकार लिया। यहीं पर 1947 में अंग्रेजी हुकूमत ने सत्ता हस्तांतरण किया। उस प्रक्रिया का यह हॉल साक्षी है।

कई महत्वपूर्ण कामों में संसद की भूमिका अहम

पीएम ने कहा, हम सबका सौभाग्य है कि हमें सदन में आर्टिकल 370 से मुक्ति पाने का मौका मिला। ऐसे कई महत्वपूर्ण कामों में संसद की भूमिका अहम रही है। इसी संसद में मुस्लिम बहन बेटियों को न्याय की जो प्रतीक्षा थी, शाहबानों केस के कारण गाड़ी कुछ उलटी चल पड़ी थी। इसी सदन ने हमारी उस गलती को ठीक किया। मोदी ने कहा, मैंने लालकिले से कहा था, यही समय है, सही समय है। एक के बाद बाद एक घटनाओं पर हम नजर डालेंगे तो आज भारत एक नई चेतना के साथ फिर से जाग उठा है। भारत नई ऊर्जा से भर चुका है। यह चेतना यही ऊर्जा इस देश के करोड़ों लोगों को संकल्प से सिद्धि की ओर चला सकती है। हम गति जितनी तेज करेंगे परिणाम उतने तेज मिलेंगे।

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