Parliament Monsoon Session Day 14: विनेश फोगाट के मामले में विपक्ष के हंगामे पर बिफरे सभापति जगदीप धनखड़ कुर्सी छोड़कर गए

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Parliament Monsoon Session Day 14 : विनेश फोगाट के मामले में विपक्ष के हंगामे पर बिफरे सभापति जगदीप धनखड़ कुर्सी से छोड़कर गए
Parliament Monsoon Session Day 14 : विनेश फोगाट के मामले में विपक्ष के हंगामे पर बिफरे सभापति जगदीप धनखड़ कुर्सी से छोड़कर गए

Rajya Sabha Speaker Jagdeep Dhankhar, (आज समाज), नई दिल्ली: भारत की स्टार पहलवान विनेश फोगाट के पेरिस ओलंपिक में फाइनल मुकाबले से बाहर होने को लेकर आज फिर विपक्ष ने राज्यसभा में हंगामा किया। विपक्षी नेता इस कदर व्यवहार कर रहे थे कि देश के उपराष्ट्रपति और संसद के उच्च सदन के सभपति जगदीप धनखड़ नाराज होकर कुर्सी से उठकर चले गए। उन्होंने कहा, आज यहां जो हुआ, वह ठीक नहीं है। विपक्ष का नेता मेरे खिलाफ टिप्पणी कर रहा है। यह मुझे नहीं, बल्कि सभापति के पद को चुनौती दी जा रही है। ऐसे में मैं इस कुर्सी पर बैठने के लिए खुद को सक्षम नहीं पा रहा हूं। इस बीच विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

विनेश फोगाट का मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण : खड़गे

दरअसल, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सदन में विनेश फोगाट के मुद्द को उठाना चाह रहे थे। इसकी अनुमति न मिलने पर विपक्षी नेता नारेबाजी करने लगे। इस पर सभापति नाराज हो गए। हंगामे के बीच धनखड़ ने खड़गे को बोलने की अनुमति दी। उन्होंने खड़गे से पूछा आप क्या कहना चाहते हैं। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा, विनेश फोगाट का मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है और हमने कल भी यह बात सदन में रखी थी। खड़गे ने कहा, हम यह चर्चा करना चाहते हैं कि आखिर इसके पीछे कौन है? इसी दौरान विपक्ष ने हंगामा शुरू हो गया और सदस्य वॉकआउट कर गए।

मुद्दे का राजनीतिकरण करना विनेश का अपमान : धनखड़

जगदीप धनखड़ ने कहा, विपक्ष को लगता है कि विनेश के फाइनल से बाहर होने से केवल उन्हीं का दिल दुख रहा है। लेकिन ऐसा नहीं है। पूरा देश उस लड़की की वजह से दुखी है। चाहे राष्ट्रपति हों, प्रधानमंत्री हों, मैं खुद हूं सभी इस दुख को महसूस कर रहे हैं। हर कोई इस स्थिति को साझा कर रहा है, लेकिन इसका फायदा उठाना, इसका राजनीतिकरण करना उस लड़की का सबसे बड़ा अपमान है। उस लड़की को अभी बहुत आगे जाना है।

विपक्ष के व्यवहार को लेकर सभापति ने कहा, हमने सदन के अंदर अभी सबसे खराब स्थिति को देखा। आपातकाल के दौरान हमने अपने संविधान का सबसे काला दौर देखा था। हमें पता है यह कैसे शुरू हुआ था। यह सबसे संवैधानिक संस्थाओं को चुनौती देने के साथ शुरू हुआ था। जून 1975 में चुनौती थी। अभी भी गंभीर चुनौती है। क्या इस तरह के व्यवहार की कोई सही ठहरा सकता है।

हरियाणा सरकार के ऐलान से मैं खुश

धनखड़ ने कहा, मैं बहुत खुश था कि हरियाणा सरकार ने तुरंत इस बात का ऐलान किया कि वह विनेश को सभी सुविधाएं और आर्थिक लाभ देंगे जो पदक विजेता को मिलता है। राज्य सरकार ने उन्हें पदक विजेता के तौर पर सम्मान दिया है। दूसरी ओर इस सदन में क्या हो रहा है?

कल जब नेता प्रतिपक्ष ने अपना हाथ उठाया तो मैंने उन्हें अपनी बात रखने की अनुमति दी। नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष ने बहुत महत्वपूर्ण बातें रखीं। मैंने उन्हें एक संदेश भेजा। आप कौन सा मुद्दा उठाना चाहते हैं। उनकी ओर से जवाब आया मैं एक सार्वजनिक महत्व का मुद्दा उठाना चाहता हूं। क्या इससे विषय का पता चलता है, क्या इससे इसके महत्व का पता चलता है, क्या इससे इसकी अर्जेंसी का पता चलता है? इस पूरी प्रक्रिया के दौरान नेता प्रतिपक्ष का आशय यह था कि चेयर रबर स्टैंप है।

टीएमसी सांसद के व्यवहार की कड़ी निंदा की

जगदीप धनखड़ ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्रायन के व्यवहार की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि आप चेयर पर चिल्ला रहे हैं। मैं इस व्यवहार की निंदा करता हूं। क्या कोई इस तरह के आचरण को बर्दाश्त कर सकता है? इससे पहले केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, दुर्भाग्य से विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है, जिस पर वे चर्चा करना चाहते हों और जिसके लिए सत्ता पक्ष तैयार हो।

लोकसभा में जब एक साथ हंस पड़े तीन लोग

मानसून सत्र के दौरान गुरुवार को लोकसभा में उस वक्त मजाक का माहौल बन गया जब तीन लोग- सरकार से सवाल पूछने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, जवाब दे रहे संबंधित मंत्री जीतन राम मांझी और स्पीकर ओम बिरला तीनों एक साथ हंस पड़े। दरअसल, अनुराग ठाकुर ने एमएसएमई सेक्टर के बारे में पूछा कि सरकार क्या कर रही है। क्या कदम उठाए जा रहे है। पिछले 10 सालों में क्या कदम उठाए गए हैं और इन कदमों का आने वाले समय में क्या प्रभाव पड़ेगा। उस पर राज्य मंत्री जीतन राम मांझी ने जवाब देते हुए कहा, केंद्रीय मंत्री आपने अपने सवाल में ही कई बातें कह दी हैं तो इसी वक्त संसद में हंसी का माहौल बन गया।