Aaj Samaj (आज समाज), Parliament Monsoon Session, नई दिल्ली: लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई है। कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने आज फिर शोर-शराबा करना शुरू कर दिया जिसके कारण लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कार्यवाही स्थगित कर दी। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर आज से चर्चा होनी है और कांग्रेस की तरफ से पार्टी नेता राहुल गांधी चर्चा की शुरुआत करेंगे।
- आज से अविश्वास प्रस्ताव पर होनी है चर्चा
सांसदी बहाल होने के बाद कल पहली बार संसद आए राहुल
सांसदी बहाल होने के बाद राहुल गांधी पिछले कल पहली बार संसद आए थे। विपक्षी दलों ने राज्यसभा में भी हंगामा किया। राज्यसभा में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन को संसद के बचे सत्र के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है। सदन के नेता पीयूष गोयल ने सदन की कार्यवाही में लगातार बाधा डालने, सभापति की अवज्ञा करने और सदन में लगातार अशांति पैदा करने को लेकर निलंबन के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था।
पीएम मोदी 10 अगस्त को दे सकते हैं जवाब
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 12 घंटे का समय तय किया गया है। बीजेपी को चर्चा में भाग लेने के लिए लगभग 7 घंटे, कांग्रेस को लगभग एक घंटा 15 मिनट, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, शिवसेना, जेडीयू, बीजेडी, बीएसपी, बीआरएस और एलजेपी को चर्चा में भाग लेने के लिए कुल 2 घंटे का समय आवंटित किया गया है। पीएम मोदी 10 अगस्त को चर्चा पर जवाब दे सकते हैं। मणिपुर हिंसा के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर भी अपनी बात रख सकते हैं।
आशंकाओं से भरा है विपक्ष : पीएम मोदी
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक की। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन के सांसदों ने भी पहले मीटिंग की। पीएम मोदी ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक में कहा कि विपक्ष आशंकाओं से भरा है और वह यह बात दिखाने के लिए ही अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है। कुछ लोग कह रहे थे कि 2024 से पहले राज्यसभा में वोटिंग सेमीफाइनल है। मोदी ने कहा, उन पार्टी सांसदों का शुक्रिया, जिन्होंने यह सेमीफाइनल जीत लिया। इंडिया गठबंधन के सांसदों ने लोकसभा में बहस के दौरान रणनीति पर चर्चा की।
26 जुलाई को दिया था अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस
विपक्षी गठबंधन इंडिया (I.N.D.I.A) की ओर से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने 26 जुलाई को मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था, जिसे लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने स्वीकार कर लिया था। 2014 से ये दूसरी बार है जब मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है।
समझें क्या होता है अविश्वास प्रस्ताव
बता दें कि लोकसभा में जनता के चुने हुए प्रतिनिधि बैठते हैं, इसलिए सरकार के पास इस सदन का विश्वास होना जरूरी है। इस सदन में बहुमत होने पर ही किसी सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार है। अविश्वास प्रस्ताव को पास कराने के लिए लोकसभा में मौजूद और वोट करने वाले कुल सांसदों में से 50 प्रतिशत से ज्यादा सांसदों के वोट की जरूरत होती है।
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