Aaj Samaj (आज समाज), Parliament Monsoon Session 2023, नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है और मणिपुर हिंसा और दिल्ली अध्यादेश जैसे मुद्दों पर सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। सरकार के समक्ष यूसीसी, डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल सहित 31 विधेयक पास करवाने की चुनौती है। विपक्ष के लिए दिल्ली अध्यादेश से संबंधित विधेयक को दोनों सदनों से पास होने से रोकना मुश्किल होगा।
- अध्यादेश दोनों सदनों से पास होने से रोकना मुश्किल
सरकार नियमों के तहत मणिपुर मामले में चर्चा को तैयार
कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा पर चर्चा से किसी तरह का समझौता न करने का पहले ही ऐलान कर दिया है। सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने साफ किया कि संसदीय नियमों और अध्यक्ष के निर्देशों के अनुरूप वह मणिपुर समेत किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। मणिपुर मामले में कोई समझौता न करने की बात से साफ है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इस पर तीखी नोकझोंक हो सकती है।
सर्वदलीय बैठक में मणिपुर पर चर्चा को प्राथमिकता
पिछले कल सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी जिसमें कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस और सीपीएम सहित तमाम विपक्षी दलों ने मणिपुर हिंसा पर चर्चा को प्राथमिकता दी है। साथ ही दिल्ली अध्यादेश पर भी विपक्ष एकजुट होकर हमलावर दिखेगा। आम आदमी पार्टी समेत सभी विपक्षी नेता सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा लाए इस अध्यादेश को लोकतंत्र व संविधान के खिलाफ बता चुके हैं। इसी के साथ 18 जुलाई को विपक्षी एकता की बेंगलुरु में बैठक हुई थी जिसमें 26 दल एक साथ आए हैं।
11 अगस्त तक चलेगा सत्र, 31 विधेयक पेश होंगे : प्रह्लाद जोशी
सर्वदलीय और कार्यमंत्रणा समिति की बैठकों में प्रह्लाद जोशी ने बताया कि 11 अगस्त तक चलने वाले मानसून सत्र में सरकार की ओर से 31 विधेयक पेश किए जाएंगे। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, सरकार के लिए दिल्ली अध्यादेश से संबंधित विधेयक को इसी सत्र में पास कराना जरूरी होगा। साथ ही आयु आधारित वर्ग में फिल्म सर्टिफिकेशन देने, नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना, निजी डाटा संरक्षण, वन संरक्षण कानून में संशोधन से संबंधित बिल भी पेश किए जाएंगे। वहीं सरकार मानसून सत्र के दौरान सहकारिता क्षेत्र से संबंधित जन विश्वास संशोधन विधेयक और मल्टी स्टेट कोआपरेटिव सोसाइटीज बिल पास कराने की कोशिश करेगी।
महिला आरक्षण का विधेयक पास कराने की मांग
सर्वदलीय बैठक में बीजद, वाइएसआर कांग्रेस और बीआरएस ने महिला आरक्षण का विधेयक पास कराने की मांग की। गौरतलब है कि संसद व विधानसभाओं में 33 फीसद महिलाओं के आरक्षण के प्रावधान का विधेयक राज्यसभा में पहले से ही पारित हो चुका है और लोकसभा में यह लंबित है।
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