- वीर जांबाजों का बलिदान देश को हमेशा प्रेरित करेगा : मोदी
देश की खातिर इन्होंने दी थी प्राणों की आहुति
गौरतलब है कि 13 दिसंबर, 2001 को संसद पर हुए हमले में दिल्ली पुलिस के 5 कर्मी, दो संसद सुरक्षा सेवा कर्मचारी, एक सीआरपीएफ कांस्टेबल और एक माली की मौत हो गई थी। शहीद हुए पांच दिल्ली पुलिसकर्मियों में-सहायक उपनिरीक्षक जगदीश, मतबर, कमलेश कुमारी, नानक चंद और रामपाल थे। माली देशराज सीपीडब्ल्यूडी में कार्यरत थे। प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आतंकियों ने वारदात को अंजाम दिया था। इस वारदात के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया था।
5 आतंकी मारे गए, संसद में मौजूद थे 100 लोग
संसद पर हमले के दौरान जवाबी कार्रवाई में 5 आतंकी मारे गए थे। उस समय संसद भवन के अंदर प्रमुख राजनेताओं सहित 100 से अधिक लोग मौजूद थे। बंदूकधारियों ने अपनी कार पर गृह मंत्रालय और संसद के एक नकली पहचान स्टिकर का इस्तेमाल किया और इस तरह आसानी से वे संसद परिसर में पहुंच गए थे। उनके पास एके47 राइफल, ग्रेनेड लांचर और पिस्तौल थे।
बंदूकधारियों ने उपराष्ट्रपति की कार में घुसा दी थी अपनी गाड़ी
बंदूकधारियों ने अपनी गाड़ी उपराष्ट्रपति कृष्णकांत की कार में घुसा दी और इसके बाद बाहर निकलकर फायरिंग शुरू कर दी। उपराष्ट्रपति कृष्णकांत उस समय संसद भवन में थे। उपराष्ट्रपति के गार्ड और सुरक्षाकर्मियों ने आतंकियों पर जवाबी गोलीबारी की और फिर परिसर के दरवाजे बंद करने शुरू कर दिए। देश की सुरक्षा एजेंसियों और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि बंदूकधारियों को पाकिस्तान से हमले के निर्देश मिले थे।
मल्लिकार्जुन खरगे ने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से अमर शहीदों को सादर श्रद्धांजलि। उन्होंने कहा, पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी संसद के बलिदानियों को नमन किया। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, आज का दिन हमें उन वीर सैनिकों की याद दिलाता है, जिन्होंने संसद भवन पर हुए आतंकी हमले के दौरान देश और हमारे लोकतंत्र के मंदिर की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन सभी वीर जवानों की अमर शहादत को कोटि-कोटि नमन।