Paris Olympics 2024 From Today, (आज समाज), पेरिस: पेरिस ओलंपिक-2024 गेम्स आज से शुरू होंगी और भारत के 117 खिलाड़ी इसमें भाग ले रहे हैंं। टोक्यो ओलंपिक में भारत ने एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य समेत 7 पदक जीते थे और इस बार भारतीय खिलाड़ियों का लक्ष्य पदकों की संख्या को दोहरे अंक में पहुंचाना होगा। पेरिस भेजे गए 117 भारतीय खिलाड़ियों में 70 खिलाड़ी पहली बार ओलंपिक में खेलेंगे। वहीं 47 भारतीय खिलाड़ी ऐसे हैं, जो एक या उससे ज्यादा बार ओलंपिक खेल चुके हैं।
नीरज, चानू, लवलीना और सिंधू से पदक की उम्मीद
पेरिस ओलंपिक में एक बार फिर से नीरज चोपड़ा, मीराबाई चानू, लवलीना और पीवी सिंधू से पदक की उम्मीद है। बता दें कि भारत ने अब तक ओलंपिक में 10 गोल्ड सहित कुल 35 पदक जीते हैं। टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने 13 साल बाद भारत के लिए स्वर्ण जीता था। इससे पहले 2008 में अभिनव बिंद्रा ने शूटिंग में स्वर्ण पदक जीता था। नीरज चोपड़ा से पेरिस में भी ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद है।
आसान नहीं टोक्यो ओलंपिक की बराबरी
खिलाड़ियों को अभ्यास व बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है और अब परिणाम देना खिलाड़ियों का काम है। लेकिन टोक्यो ओलंपिक के 7 पदकों की संख्या की बराबरी करना भी इस दफा आसान नहीं होगा। भाला फेंक में मौजूदा ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा को छोड़कर कोई भी अन्य खिलाड़ी पदक का प्रबल दावेदार नहीं है। अन्य खेलों में भी कमोबेश यही स्थिति है और ऐसे में देखा जाए तो भारत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी पदार्पण करने वाले खिलाड़ियों पर होगी।
भारतीयों में कुछ अनुभवी खिलाड़ी भी शामिल
भारतीय दल में हालांकि कुछ अनुभवी खिलाड़ी भी शामिल हैं जिन्हें अपना खेल का स्तर बढ़ाना होगा। इन खिलाड़ियों में टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना, बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू, टेबल टेनिस के दिग्गज शरत कमल और हॉकी गोलकीपर पीआर श्रीजेश भी शामिल हैं जो निश्चित तौर पर अपना अंतिम ओलंपिक खेल रहे हैं। हॉकी टीम की ओलंपिक खेलों से पहले फॉर्म बहुत अच्छी नहीं रही जबकि मुक्केबाजों और पहलवानों को प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा करने का कम मौका मिला। निशानेबाजों ने भी ओलंपिक से पहले मिश्रित परिणाम हासिल किए।
नीरज चोपड़ा के पास यह शानदार मौका
नीरज चोपड़ा भले ही अभी तक 90 मीटर की दूरी तक भाला नहीं फेक पाए हैं, पर बड़ी प्रतियोगिताओं में वह अपने प्रतिद्वंदियों से बेहतर प्रदर्शन करते रहे हैं। उनके पास लगातार दो ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाला तीसरा भारतीय खिलाड़ी बनने का शानदार मौका है। इससे पहले पहलवान सुशील कुमार (2008 और 2012) तथा सिंधु (2016 और 2021) ही यह उपलब्धि हासिल कर पाए हैं।