गुरदासपुर: अपनी पेंटिंग्स के सहारे बोलता और बांतें समझाता है परम महाजन

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गगन बावा, गुरदासपुर:
कहते हैं अगर परमात्मा किसी को जन्म से ही कोई कमी दे देता है तो उसे कोई न कोई ऐसा हुनर भी बख्श देता है, जो दुनिया को अचंभित कर डालता है। बोलने-सुनने में असमर्थ धारीवाल के युवक परम महाजन को भी परमात्मा ने ऐसा ही हुनर बख्शा है, जिसे वह अपनी मेहनत के सदका और निखारकर जिंदादिली की मिसाल कायम कर रहा है। उसने विभिन्न तरह की पेटिंग बनाकर इलाके में अलग पहचान कायम कर ली है। वह अपनी पेटिंग्स के सहारे ही बोलता और बातों को समझाता है। कुछ समय पहले ही उसने एसएसपी डॉ. नानक सिंह का पेंसिंल के सहारे ऐसा सुंदर स्कैच तैयार किया कि एसएसपी को खुद उसके हाथों से इसे स्वीकार करना पड़ा और उन्होंने परम को सम्मानित भी किया। उसके परिजनों का कहना है कि अगर परम को को कोई कोकलिया आर्गन डोनेट करता है, वह ठीक हो सकता है। वह भी बोलने सुनने के काबिल बन सकता है।


जन्म के कुछ समय बाद चला पता :
परम के परिजनों ने बताया कि उसकी शारीरिक कमी का पता उन्हें उसके जन्म से कुछ समय बाद ही चल गया था, लेकिन उसके पेंटिंग के हुनर की जानकारी उन्हें उसके जन्म के सात-आठ साल बाद ही चली। उन्होंने बताया कि परिवार के सहयोग से परम ने अपना हुनर निखारना शुरू कर दिया। अपनी कल्पना और बाहरी नजारों को देखकर उसने तस्वीरें बनाना शुरू किया। अब वह इसमें निपुण हो चुका है।
इलाज का किया काफी प्रयास :
परिजनों के अनुसार उन्होंने परम का इलाज कराने का काफी प्रयास किया। पहले तो डॉक्टरों को उसकी बीमारी के बारे में कुछ समझ नहीं आया। बाद में उन्हें पता चला कि उसे एक अलग तरह की बीमारी है, जिसका केवल एक ही इलाज है कि उसका कोकलिया  ट्रांसफर कराया जाए। अब अगर कोई डोनर मिल पाता है तो ही उसका इलाज संभव है। उनका कहना है कि सरकार को ऐसे प्रतिभावान बच्चों के भविष्य को संवारे के विशेष प्रयास करने चाहिएं।