Aaj Samaj (आज समाज), Pankaj Udhas, नई दिल्ली :
72 वर्ष के पंकज उधास लंबे समय से बीमार थे। यह जानकारी उनकी बेटी नायाब उधास ने दी। पंकज उधास ‘चिट्ठी आई है’ और ‘जिएं तो जिएं कैसे’ जैसे कई मशहूर गीतों और गजलों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने ‘नाम’, ‘साजन’ और ‘मोहरा’ सहित कई हिंदी फिल्मों में पार्श्व गायक के रूप में भी अपनी पहचान बनाई।
कुछ समय से अस्पताल में थे भर्ती
पंकज उधास पिछले कुछ समय से मुम्बई के ब्रीच क्रैंडी अस्पताल में भर्ती थे। जहां 11 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. पंकज उधास का पार्थिव शरीर फिलहाल अस्पताल में ही है और उनके भाइयों का इंतजार है। पंकज उधास का अंतिम संस्कार मंगलवार को किया जाएगा।
सोनू निगम भी उदास
गायक सोनू निगम उनकी मौत पर प्रतिक्रिया देने वाले पहले लोगों में से थे. सोनू ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा, मेरे बचपन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा आज खो गया है। मैं आपको हमेशा याद करूंगा. यह जानकर मेरा दिल रोता है कि आप नहीं रहे।
ये है उनका परिचय
पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के जेतपुर में हुआ था. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1980 में ‘आहट’ नाम से एक ग़ज़ल एल्बम जारी करके की. जल्द ही, वह भारत में ग़ज़ल संगीत का पर्याय बन गए. बॉलीवुड में, ग़ज़ल गायक ने संजय दत्त की फिल्म ‘नाम’ के लिए लोकप्रिय ट्रैक ‘चिट्ठी आई है’ गाया था. यह गाना बहुत लोकप्रिय हुआ और इसने सभी को रुला दिया था.
रेवा और नयाब उधास दो बेटियां
पंकज ने पिछले कुछ सालों में कई एल्बम जारी किए और कई लाइव कॉन्सर्ट की मेजबानी की, जिससे उनकी लोकप्रियता बढ़ी. पंकज उधास को 2006 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म श्री से भी सम्मानित किया जा गया था. पंकज ने 1982 में फरीदा उधास से शादी की और उनकी दो बेटियां रेवा उधास और नयाब उधास हैं.
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