पानीपत। टैलेंट हो, हौंसला हो और हो आगे बढ़ने का जज्बा व जुनून हो तो रास्ते भी खुद ब खुद बनने लगते हैं। यह बात पूरी तरह से फिट बैठती है पानीपत की बेटी तनुजा चौधरी पर। तनुजा ने ताइक्वांडाे फेडरेशन ऑफ इंंडिया की ओर से उज्जैन में 13 से 16 मई तक ओपन नेशनल प्रतियाेगिता कराई थी। इसमें पानीपत की करीब 20 वर्षीय तनुजा ने 57 किलाेग्राम वेट कैटेगरी में गाेल्ड मेडल जीता है। उल्लेखनीय है कि तनुजा के पैर में चाेट लगी थी, बावजूद इसके एक महीने तक फिजियोथैरेपी कराई और फाइनल में प्रतिद्वंदी 2 पॉइंट से आगे रही और आखिरी 6 सेकंड में फेस पर कीक लगाकर गाेल्ड अपने नाम किया। गौरतलब है कि तनुजा ने इस प्रतियाेगिता में सभी मैच जीते हैं।
लड़कियाें काे छेड़ने का डैमो देखने के बाद ताइक्वांडो खिलाड़ी बनने की ठानी
ऑल इंडिया में तनुजा अपनी कैटेगरी में 7वीं रैंक की खिलाड़ी है। 2019 में बैंकाॅक में हुई हीराेज कप इंटरनेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप में भारत काे 53 किलाेग्राम में गाेल्ड दिलाया था। इसके बाद अप्रैल-2021 में भारतीय खेल प्राधिकरण टाेक्याे क्वालिफायर में भी उतरी थी, लेकिन मैच से पहले बीमार हाेकर कमजाेर हाे गई थी, मैच में दाे पॉइंट से रह गई थी। बता दें कि तनुजा ने कभी स्कूल में लड़कियाें काे छेड़ने का डैमो देखने के बाद ताइक्वांडो खिलाड़ी बनने की ठानी थी।
6 सालाें में 70 से ज्यादा मेडल जीत चुकी है तनुजा
तनुजा पिछले 6 सालाें में 70 से ज्यादा मेडल जीत चुकी है। पिता लाभ सिंह और मां रीना देवी ने कहा कि हमें बेटी पर गर्व हैै। लाॅकडाउन में अभ्यास के दाैरान बाएं पैर के एंकल में चाेट लग गई थी। इसके बाद ध्यान नहीं दिया फिर चाेट लग गई। एक्स-रे कराया उसमें कुछ नहीं आया। फिर एम आर आई कराई ताे उसमें पता लगा कि ये चाेट सेकंड स्टेज पर थी, अगर थर्ड स्टेज पर हाेती ताे सर्जरी करानी पड़ती। प्रतियाेगिता का पता लगा ताे एक महीने तक लगातार फिजियोथैरेपी कराई। जिम में भी जाती थी ताे अपर बाॅडी का अभ्यास करती थी। चलते टाइम पैर भी मुड़ जाता था।
ताइक्वांडो में पैर सबसे महत्वपूर्ण
ये गाेल्ड इसलिए भी खास था क्याेंकि ढाई साल बाद नेशनल खेला था। ताइक्वांडो में पैर सबसे महत्वपूर्ण हैं। फाइनल मैच बहुत टफ था। रात साढ़े 10 बजे तक मैच चला। अंतिम 6 सेकेंड में वाे मुझसे दाे प्वाइंट आगे थी, अंतिम समय में मैने फेस पर किक मारी औरर तीन प्वाइंट मिले ताे गाेल्ड जीता। अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी तनुजा ने बताया अब वो दिल्ली की टाेकस ताइक्वांडो एकेडमी में काेच हरीश टाेकस की देख-रेख में प्रैक्टिस कर रही है और अब काॅलेज में भी जा रही है। प्रैक्टिकल के बाद गाेवा में एक प्रतियोगिता की तैयारी करेगी। पिता लाभ सिंह ने बताया कि बेटी अभी दिल्ली है। पानीपत पहुंचने पर तनुजा जा शहरवासियों द्वारा भव्य स्वागत किया जाएगा।
तनुजा की उपलब्धियां
1. गाेल्ड : फरीदाबाद में हुई 5वीं नेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप।
2. सिल्वर : 2016 में 36वीं नेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप, उत्तराखंड।
3. कांस्य : 2016 में नेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप, श्रीनगर।
4. सिल्वर : 2017 में इंटरनेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप, जयपुर।
5. गाेल्ड : 2017 में 5वीं नेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप, उत्तराखंड।
6. गाेल्ड : 2017 में वर्ल्ड गेम्स नेपाल।
7. सिल्वर : 2018 में पहले नेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप, ओडिसा।
8. गाेल्ड : 2018 में प्रथम इंडिपेंडेंस कप ताइक्वांडो चैंपियनशिप, शिमला।