Aaj Samaj (आज समाज),Panipat- Yamuna River in Spate,पानीपत : पडाडों में हो रही लगातार बरसात और हथिनी कुंड बैराज से यमुना में सोमवार को सुबह करीब 3 लाख 10 हजार क्यूसेक पानी छोडे जाने के बाद मंगलवार को 2.58 लाख क्यूसेक पानी छोडा गया। जिससें यमुना नदी का जल स्तर बढ गया जिससें यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर 232.04 मीटर पर बह रही बह रही है। वही दुसरी और तमाशाबाद गांव के पास पत्थगढ की और रात करीब 3 बजे यमुना बांध टुटने से खेतों में चारों और पानी ही पानी हो गया। पानी का बहाव इतना तेज था कि यमुना के पानी ने चारों तरफ कहर मचा दिया और अचानक सुबह पाचं बजे सनौली खुर्द गांव की श्री चतुर्भोज गौशाला में भी जा घूसा।
1270 गौवंश पानी के अंदर फंस गए
जिससे गौशाला में करीब 1270 गौवंश पानी के अंदर फंस गए, लेकिल गौशाला प्रधान व पूर्व चैयरमेन राकेश गुप्ता और आजाद आर्य सहित ग्रामीणों व गौरक्षा दल के सदस्यों के सहयोग से सभी गायों को करीब 6 घंटे की मेहनत के उपरांत बाहर निकाल लिया गया। यमुना नदी में आई बांढ से हजारों एकड़ में खड़ी फसल तबाह हो चुकी है। यमुना में आई बाढ़ से रहीमपुर खेड़ी से संपर्क टूट गया। जिससे 24 लोग फंस गए। जिनकों नांव से रेस्क्यू किया गया। बांध टुटने की सुचना मिलने पर प्रशासनिक अधिकारी जिला उपायुक्त डा.वीरेंद्र दहिया, एसपी अजीत शेखावत, सांसद संजय भाटिया, भाजपा जिलाध्यक्ष अर्चना गुप्ता, भाजपा जिला महामंत्री कृष्ण छौक्कर किवाना सहित पूर्व विधायक भरतसिहं छौक्कर, पूर्व विधायक रविन्द्र मच्छरौली के भाई विक्रम मच्छरौली, गौरक्षा दल के उपाध्यक्ष आजाद सिहं आर्य मौके पर पहुंचे।
- सुबह करीब तीन बजे तामशाबाद से पत्थरगढ की और तो दोपहर को नवादा आर गांव के पास पुरानी यमुना का टूटा बांध
- 1270 गायों को ग्रामीणों व गौरक्षों ने करीब 6 घंटे की मशक्त के बाद सुरक्षित बाहर निकाला
- चार गायो की हुई मौत, दो थी बिमार तो दो को बाहर सुरक्षित निकालने के बाद सदमें से आया हार्ट अटैक
- गोयला कलां गांव में भैस को निकालते समय बहा किसान, मौत
यमुना नदी उफान पर
हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में अधिकतम 3 लाख 10 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया था। इसको देखते हुए हाईअलर्ट जारी किया गया था और खादर क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी गई थी। यमुना नदी उफान पर पहुंच गई। यमुना के जलस्तर में एकाएक डेढ़ मीटर की वृद्धि होने के कारण किसानों की चिंता बढ़ गई। यमुना से लगते गांवों के जंगल में एक किसान की ज्वार की फसल में पानी घुस गया। कई किसानों के खेतों पर रिठान तक पानी पहुंच गया। इसके अलावा ब्रिज के निकट स्थित मंदिर में भी फिर से पानी घुस गया। सोमवार को जलस्तर 231.10 मीटर से रिकॉर्ड किया गया है। यहां से चेतावनी बिंदु 231 मीटर व खतरे का निशान 231.500 मीटर पर है।
- पानीपत में यमुना के पानी ने मचाई तबाही
- 7 गांव डूबे, संपर्क टूटा
- नवादाआर-पत्थरगढ़ के बीच बना बांध ढहा
- 20 हजार एकड़ फसल बर्बाद
यमुना से सटे 7 गांवों का संपर्क टूट गया है
हरियाणा के पानीपत जिले में यमुना नदी के पानी ने काफी तबाही मचाई। मंगलवार तड़के करीब 3 बजे नवादाआर और पत्थरगढ़ के बीच बना बांध टूट गया, जिससे कई हजारा क्यूसेक पानी खेतों और गांवों में घुस आया। यमुना से सटे 7 गांवों का संपर्क टूट गया है। इन गांवों मे प्रशासन की टीमें पहुंचने की कोशिश कर रही हैं। वहीं यमुना का पानी भरे जाने से गढ़ी सनौली, गढ़ी बेसिक, नवादा आर, नवादा पार, पत्थरगढ़, तामशाबाद, राणा माजरा गांव पूरी तरह प्रभावित हुए हैं। यह सभी 7 गांव यमुना नदी से सटे हुए हैं।
6 घंटे की कडी मशक्त के बाद 250 गौरक्षों ने 1270 गौवंश का निकाला बाहर, लाखों का नुकसान
सनौली खुर्द श्रीचुतुर्भोज गौशाला के प्रधान व पूर्व चैयरमेन राकेश गुप्ता ने बताया कि सुबह करीब 5 बजे गौशाला में एक दम स्पीड से पानी जमा हो गया, जिससें गाय पानी के अंदर फंस गई, लेकिन रिसुपर, सनौली खुर्द व गौरक्षा दल के करीब 250 युवाओं ने कडी मशक्त से गौवंश को सुरक्षित बाहर निकाला। इस दौरान दो बिमार गायों की मौत हो गई, जबकि दो गाय के सुरक्षित बाहर निकलने के उपरंात सडक किनारे घास चरते समय अचानक सदमें के कारण हार्ट अटैक से मौत हो गई। जबकि अन्य सभी गाय सुरक्षित है। जिनके डिप्टी डायरेक्टर की ओर से अन्य गौशालाओं में सुरक्षित भिजवाया जा रहा है। गुपता ने बताया कि गौशाला को गायों के चारे सहित करीब 25 लाख रूपए का भारी नुकसान हुआ है।
यमुना से सटे गांवों के लिए मुसीबत
सोमवार सुबह तक यमुनानगर स्थित हथिनी कुंड बैराज से 1 लाख 94 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इससे पानीपत की यमुना नदी का जल स्तर खतरे के निशान पर पहुंच चुका था। दोपहर बाद कुंड से और पानी छोड़ा गया। क्योंकि लगातार कुंड पर पानी का दबाब बढ़ता जा रहा था। जब यह पानी पानीपत की यमुना नदी में पहुंचा तो यहां यमुना से सटे गांवों के लिए मुसीबत बन गई।
कई इलाकों की फसलें तबाह
निचले इलाकों में बारिश के पानी ने फसलों को तबाह कर दिया है। जगह-जगह खेतों में जलभराव है। जलभराव से धान की फसल भी लगभग डूब चुकी है। अब किसानों को धान की फसलों को दोबारा लगाना पड़ेगा। बड़ी समस्या इस समय यमुना नदी से सटे इलाकों में ज्यादा है। करनाल पहुंचने पर यमुना के पानी ने कई इलाकों की फसलें तबाह कर दी। पानीपत की तरफ यमुना का पानी तेजी से आया, जिससे यमुना से सटे इलाकों में रहने वाले किसानों ने जो यमुना नदी के किनारे पर प्लेज (बेल वाली) की फसलें लगाई थीं, वह बह चुकी है। धान की फसल भी डूब गई है।
1978 के बाद 2013 मे आई थी बाढ तो अब 2023 में टूटा बांध
ग्रामीणो का कहना है कि 1978 मे उनके क्षेत्र मे बाढ आई थी, क्योकि उस दौरान बाढ को रोकने के पुख्ता साधन नही थे, लेकिन 2013 मे प्रशासन के अलर्ट होते हुए और साधन होते हुए भी उनके क्षेत्र मे बाढ आ गई थी, लेकिन कुछ ग्रामीणो ने बताया कि जून महिने व ज्येष्ट माह के दशहरे के पास जितना पानी 2013 में यमूना नदी में आया हैं पहले आजादी के बाद से इतना पानी नही आया था। बताया जाता हैं कि 3 सितंबर 1978 को 7 लाख क्युसिक पानी यमूना नदी में आने के बाद सितंबर 2011 में यह रिकार्ड टूट गया। क्योकि इस दौरान यमुना नदी में 7.19 लाख क्युसिक पानी दर्ज किया गया था। लेकिन जून 2013 में सभी पूराने रिकार्ड टूट गए थे क्योकि बताया जा रहा हैं, कि 17 जून 2013 सुबह तक 8.06 लाख क्यूसिक पानी यमुना नदी में छोडा गया था,वही इसके बाद सभी पुराने रिकार्ड टुट गए है और 18 जून 2019 को हथनी कुड बैराज से 8.28 लाख क्यूसिक पानी छोडा गया था, लेकिन उस दौरान यमुना बांध ना टुटने से आस-पास के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली थी, परन्तु अब यमुना नदी के खतरें के निशान से ऊपर बहने के कारण फिर से यमुना नदी का बांध टुटने से बांढ आ गई है। जिससें भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है।
वर्ष गेज(मीटर में)
1962 231.60
1963 231.59
1964 231.70
1965 231.31
1966 231.63
1967 231.87
1968 231.62
1969 231.43
1970 231.25
1971 231.95
1972 231.85
1973 231.95
1974 231.96
1975 232.10
1976 232.40
1977 232.08
1978 232.00
1979 230.05
1980 231.10
1981 230.60
1982 230.43
1983 231.18
1984 230.21
1985 231.30
1986 230.59
1987 230.43
1988 232.45
1989 231.40
1990 230.73
1991 229.66
1992 230.94
1993 230.61
1994 230.81
1995 232.15
1996 230.96
1997 231.40
1998 231.48
1999 230.75
2000 231.80
2001 230.88
2002 230.88
2003 230.42
2004 230.22
2005 230.94
2006 230.01
2007 230.32
2008 231.26
2009 230.98
2010 232.33
2011 231.56
2012 230.42
2013 232.75
2014 230.02
2015 230.38
2016 230.60
2017 230.46
2019 232.25
2020 232.25