पाइट में विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य दिवस मनाया, सावधानियां बरतकर बचा सकते हैं जान

0
120
Panipat News/World Health Day celebrated in Piet
Panipat News/World Health Day celebrated in Piet
  • बिना किसी कारण पसीना आए तो समझ जाएं कि दिल को खतरा है – डॉ.आरपी जिंदल
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। बिना किसी कारण से अगर पसीना आता है तो आपको उसी समय सावधान हो जाना चाहिए। डॉक्टर से चेकअप कराएं। हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है। हमें अपने दिल को सुरक्षित रखना बेहद आवश्यक है, क्योंकि यहीं से शरीर में खून का सर्कुलेशन होता है। यह बात जिंदल नर्सिंग होम से डॉ.आरपी जिंदल ने यहां पाइट में आयोजित विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य दिवस कार्यक्रम में कही। फार्मेसी विभाग की ओर से इंडियन फार्मासिटिकल एसोसिएशन स्टूडेंट फॉर्म  एवं रोटरी पानीपत सेंट्रल क्‍लब ने कार्यक्रम का आयोजन किया। हेल्थ फॉर ऑल थीम पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। डॉ.आरपी जिंदल ने कहा कि हम छोटी-छोटी सावधानियां बरतकर मरीज की जान बचा सकते हैं। अगर किसी को हार्ट अटैक आ जाता है तो उसके सीने को दबाएं। मुंह से सांस दें। मिर्गी का दौरा पड़ने पर उसके आसपास की जगह को खुली रखें। हवा आने दें। अगर कोई जानवर काट ले तो उस जगह को पानी से बार-बार धोएं, इससे 90 प्रतिशत तक इन्‍फेक्‍शन खत्म कर सकते हैं।

सांस लेने में दिक्कत हो तो जांच कराएं

आइएमए के जिला प्रधान एवं एआर मित्तल अस्पताल से डॉ.अनिल मित्तल ने कोविड से बचाव के उपाय बताए। उन्होंने कहा कि सांस लेने में दिक्कत हो तो जांच कराएं। आइबीएम अस्पताल से डॉ.गौरव श्रीवास्तव ने मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य पर फोकस दिया। उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन से दूर रहें। बच्‍चों को भी इसकी आदत न डलने दें। मनोचिकित्सक डॉ.अंकुर सिंघल ने कहा कि रूटीन में एक्‍सरसाइज करो। उन्होंने भी मोबाइल से दूरी बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। वाइस चेयरमैन राकेश तायल, निदेशक डॉ.शक्ति कुमार, फार्मेसी विभाग से प्रिंसिपल डॉ.दीपक प्रभाकर भागवत, डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ.बीबी शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए। रोटरी पानीपत सेंट्रल क्‍लब से प्रधान विभास कैला, इंद्रजीत गेरा, विवेक खुराना, राजीव सेठ मौजूद रहे।

बच्‍चे खाना नहीं खाते, क्या करें

पाइट के सचिव सुरेश तायल ने पूछा कि बच्‍चों को अच्‍छी आदतें कैसे डालें। अब तो बच्चे खाना खाने से मना कर देते हैं। इस पर डॉ.अंकुर ने कहा कि बच्‍चों के साथ परिवार के सदस्य समय बिताएं। उनके मनोविज्ञान को समझें। खुद मोबाइल से दूर रहेंगे तो बच्चे भी इसे हाथ नहीं लगाएंगे। डॉ.डेजी ने सप्लीमेंट पर सवाल पूछा। बड़ी उम्र वालों को साल में दो बार चेकअप जरूर कराना चाहिए।