Aaj Samaj (आज समाज),Workshop Organized at Dr. MKK Arya Model School,पानीपत : मंगलवार को डॉ एमकेके आर्य मॉडल स्कूल में विद्यार्थियों के अशिष्ट व्यवहार को कैसे समझें विषय पर प्राची पब्लिकेशन द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिस का संचालन जयश्री द्वारा किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य अध्यापक और अध्यापिकाओं को विद्यार्थियों द्वारा कक्षा में किए गए अशिष्ट व्यवहार को समझना और उसे शिक्षण व अधिगम के लिए तैयार करना। कक्षा कक्ष में विद्यार्थियों के अशिष्ट व्यवहार के विभिन्न कारण होते हैं उन्हें सरलतम तरीके से समझा जा सकता है क्योंकि उनके व्यवहार में प्रमुख है दिन में सपने देखना, निरंतर बातचीत करते रहना कक्षा के अनुशासन को बाधित करते हैं तथा शिक्षकों की बात को नहीं सुनते हैं।
छात्र गीली मिट्टी के समान है उन्हें सही आकार देने का कार्य एक आदर्श अध्यापक का
एक शिक्षक को उनके व्यवहार को परिवर्तित करने की चाह के अलावा अपने शिक्षण विधियों व्यवहार में परिवर्तन लाना होगा जिससे उनमें अधिगम की क्षमता को सरल व सुगम बनाया जा सके। इस कार्यशाला के संबंध में विद्यालय के प्रधानाचार्य मधुप परासर, शैक्षिक सलाहकार मंजू सेतिया व भाषा व गतिविधि प्रभारी मीरा मारवाह ने कहा कि शिक्षक वर्ग को अपने कक्षा कक्ष के शिक्षण व अधिगम को सरल व सुगम बनाने के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहना चाहिए। कक्षा के सभी छात्र गीली मिट्टी के समान है उन्हें सही आकार देने का कार्य एक आदर्श अध्यापक का ही होता है।
समाधान निकालने का कार्य एक शिक्षक का ही होता है
शैक्षिक क्षेत्र में चुनौतियों को स्वीकार कर उसका सहज रूप में समाधान निकालने का कार्य एक शिक्षक का ही होता है।
शिक्षक को विद्यार्थियों को अग्रसर करने के लिए पहल करनी होती है। इसके बाद विद्यार्थियों को घनिष्ठ रूप से संबद्ध किया जा सकता है। इसके अलावा इस बात पर सावधानीपूर्वक विचार करने की ज़रूरत है कि एक अध्यापक होने के नाते कक्षा में किस प्रकार का भौतिक परिवेश चाहते हैं। अगर शिक्षण और अतिरिक्त सामग्रियों के साथ स्कूल में काम करते हैं, तो हो सकता है कि यह आसान न हो, परन्तु उपाय कुशल बनकर आप रंगारंग और प्रेरणादायक कक्षा का निर्माण कर सकते हैं।