Parkinson’s Disease : पार्किंसन बीमारी क्या है? मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग के विशेषज्ञों ने हर पहलू पर दी जानकारी

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Panipat News/What is Parkinson's disease? Experts of Max Hospital Shalimar Bagh gave information on every aspect
Panipat News/What is Parkinson's disease? Experts of Max Hospital Shalimar Bagh gave information on every aspect

Aaj Samaj (आज समाज), Parkinson’s Disease, पानीपत: पार्किंसन बीमारी से जुड़ी गलत धारणाओं पर प्रकाश डालने और इसके समय पर डायग्नोज होने की इंपोर्टेंस बताने के मकसद से नई दिल्ली मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (शालीमार बाग) ने आज यहां एक जन जागरूकता सत्र आयोजित किया। पार्किंसन एक क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। दिमाग का जो हिस्सा शरीर की गतिविधियों को कंट्रोल करता है, इसमें उसकी नसें प्रभावित होती हैं। ये बीमारी काफी दुर्लभ है। आमतौर पर 60 साल की उम्र से ज्यादा के लोगों में ये समस्या हो जाती है और 100 में से 1 शख्स को ये परेशानी देखने में मिलती है।

 

विशेषज्ञों ने बीमारी के सही लक्षणों के बारे में जानकारी दी

मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग में न्यूरो एंड स्पाइन सर्जरी के सीनियर डायरेक्टर व एचओडी डॉक्टर अनिल कुमार और न्यूरोलॉजी विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर व यूनिट हेड डॉक्टर मनोज खानल पानीपत के इस सत्र में मौजूद रहे। दोनों ही विशेषज्ञों ने बीमारी के सही लक्षणों के बारे में जानकारी दी और बताया कि सही वक्त पर बीमारी का पता चल जाने पर बेहतर इलाज पाकर इस समस्या से कैसे बचा जा सकता है।

 

न्यूरोलॉजिस्ट को दिखाना बेहद जरूरी

न्यूरोलॉजी विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर व यूनिट हेड डॉक्टर मनोज खानल ने कहा, पार्किंसन जैसी मूवमेंट वाली बीमारी में समय पर इलाज शुरू करना बेहद महत्वपूर्ण है। इससे न सिर्फ बीमारी से जल्दी निजात मिलती है, बल्कि जीवन में भी सुधार होता है। सही वक्त पर दवाई शुरू कर देने से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। कुछ मामलों में जब दवाइयों का असर कम हो जाता है तो डीप ब्रेन स्टिमुलेशन सर्जरी जैसे विकल्पों का इस्तेमाल किया जाता है। लिहाजा, न्यूरोलॉजिस्ट को दिखाना बेहद जरूरी है ताकि रोग भी डायग्नोज हो सके और अन्य किसी समस्या के बारे में भी तस्वीर स्पष्ट हो सके। आमतौर पर पार्किंसन डिजीज का डायग्नोज क्लिनिकल ही होता है। इसके अलावा अन्य कारणों को रूल आउट करने के लिए दिमाग का एमआरआई, सीटी स्कैन भी कराया जाता है। बीमारी को कंफर्म करने के लिए F-DOPA PET स्कैन कराया जाता है।

 

हजारों मरीजों को इस सर्जरी का लाभ मिला

डीप ब्रेन स्टिमुलेटिंग प्रक्रिया के बारे में मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग में न्यूरो एंड स्पाइन सर्जरी के सीनियर डायरेक्टर व एचओडी डॉक्टर अनिल कुमार बंसल ने बताया डीबीएस सर्जरी एक बहुत ही सुरक्षित प्रक्रिया है और पिछले कुछ वर्षों में पार्किंसन डिजीज के इलाज में ये बहुत ही कामयाब सर्जरी रही है। हजारों मरीजों को इस सर्जरी का लाभ मिला है और उन्हें दवाइयों से मुक्ति मिली है। हार्ट पेसमेकर की तरह ही डीबीएस सर्जरी में भी दिमाग के टारगेटेड हिस्से में इलेक्ट्रोड लगाया जाता है और उसे पेसमेकर की तरह के इंप्लांट (छाती की स्किन के नीचे) से जोड़ दिया जाता है। दिमाग के टारगेटेड हिस्से तक इलेक्ट्रिक सिग्नल पहुंचाने के लिए ये डिवाइस डिजाइन की जाती है और उससे ट्रेमर्स बढ़ाने वाले असामान्य सिग्नल को कंट्रोल किया जाता है। इस तरह बॉडी को सिग्नल देने वाले दिमाग का हिस्सा दुरुस्त होने लग जाता है।

 

 

 

 

 

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