आज समाज डिजिटल, पानीपत:
पानीपत। महर्षि दयानंद संस्थान “वेद मंदिर” न्यू मुखीजा कॉलोनी पानीपत में हर रविवार की तरह सप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। जिसमें यज्ञब्रह्मा आचार्य संजीव वेदालंकार ने मंत्रोच्चारण द्वारा दुनिया का सबसे पवित्र कार्य यज्ञ करवाया। मुख्य यजमान ज्योति एवं शक्ति ठकराल का परिवार रहा। विजय शर्मा दक्षिण मण्डल अध्यक्ष, भाजपा पानीपत ने छोटे बच्चों व बच्चियों को सर्दियों के जूते बांटे। आचार्य संजीव वेदालंकार ने अपने वैदिक प्रवचन में कहा की धर्म का जब भी व्यवसायीकरण हुआ है तो धर्म को पैसे और शानो शौकत के तराजू में तोला जाता है, जबकि ईश्वर किसी धनी किसी विद्वान या किसी ज्ञानी पुरुष के अधीन नहीं है वह सभी पर अपनी कृपा बराबर बरसाए रहता है, इसलिए किसी भी धर्मगुरु के ज्ञान का आकलन उसकी पद प्रतिष्ठा, धन दौलत, लग्ज़री गाडियाँ या बड़े बड़े आश्रम होने नहीं किया जा सकता।
बुद्धि का प्रयोग करते हुए आस्थावान होकर ईश्वर की प्राप्ति करनी चाहिए
जैसे संत कबीर ज्ञानी होते हुए भी सारी आयु जुलाहा का काम करते रहे। संत रविदास जूतों का काम करते रहे। आज कुछ लोग बड़ी-बड़ी गाड़ियों बड़े-बड़े आश्रमों पैसे और प्रतिष्ठा से प्रभावित होकर ऐसे पाखंडी को अपना धर्म गुरु मान लेते हैं, जिन्हें न्यायालय द्वारा आरोप साबित करके कारावास दिया गया है बड़े दुख का विषय है की लोग आज भी उन्हें अपना आदर्श मानते हैं ऐसा केवल सामान्य बुद्धि के लोग ही कर सकते हैं बुद्धिमान व्यक्ति नहीं। हालाकि बुद्धिमान व्यक्ति अपने कार्यों में ही व्यस्त रहते हैं वह कभी इन पचड़ों में पड़ना ही नहीं चाहते। धर्म के लिए आप सभी को सचेत रहकर बुद्धि का प्रयोग करते हुए आस्थावान होकर ईश्वर की प्राप्ति करनी चाहिए। वेद मंदिर की प्रधाना स्वर कोकिला सरिता आहूजा ने सुंदर ईश्वरीय भजन द्वारा आमंत्रित आर्य जनों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंच संचालन धीरज कपूर जी ने बड़े सुंदर ढंग से किया।
बहन अंजली आर्य भजनोपदेशक के रूप में अपनी प्रस्तुति देंगी
प्रधान सुरेश आहूजा ने आगामी कार्यक्रम संगीतमय भव्य वैदिक राम कथा के आयोजन की रूपरेखा प्रगट की तथा सभी से इस पांच दिवसीय कार्यक्रम जोकि 8 फरवरी से 12 फरवरी को स्थानीय सावन भादो पार्क, राधा कृष्ण मंदिर के सामने, आठ मरला पानीपत में होना निश्चित हुआ है, जिसमें प्रख्यात वैदिक राम कथा वाचक बहन अंजली आर्य भजनोपदेशक के रूप में अपनी प्रस्तुति देंगी, उसको सफल बनाने की अपील की तथा शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का समापन कराया। ऋषि लंगर की व्यवस्था मोनू गांधी, वरुण वधावन, ओम खर्ब, अंकुश ठकराल जी द्वारा की गई। कार्यक्रम में मुख्य तौर पर सुनील अरोड़ा, हरिकिशन लांबा, सुमन राणा ठकराल, संगीता आहूजा, मोहित अरोड़ा, रमेश ठकराल आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।