आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। पानीपत अंसल एपीआई में डीटीपी अधिकारियों और अंसल मालिकों पर सरकारी गोहर, यूडीलैंड, एचएसवीपी की जमीन, टैक्सी स्टैंड के लिए छोड़ी गई जमीन को बेचे जाने के विरोध में पानीपत के काफी लोगों ने कंट्री एवं टाउन प्लानिंग कार्यालय चंडीगढ़ के बाहर जोरदार प्रदर्शन कर महानिदेशक के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे जोगिंदर स्वामी पूर्व जिला पार्षद एवं प्रधान जन आवाज सोसाइटी ने डीटीपी पानीपत और डीटीपी हेड क्वार्टर पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन अधिकारियों ने अंसल मालिकों के साथ मिलीभगत करके सरकार के साथ सैकड़ों करोड़ का घोटाला किया है।
जिस जगह का नक्शा पास नहीं हो सकता उस यूडी लैंड को अप्रूव्ड कर दिया
उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों ने सभी नियमों को ताक पर रखकर यूडी लैंड जिस भूमि को अनडिटरमाइंड लैंड कहते हैं, जिसका मतलब अनिर्धारित भूमि होता है जिसको किसान ने अंसल को बेचा नहीं और अंसल ने खरीदा नहीं, जिस जगह का नक्शा पास नहीं हो सकता उस यूडी लैंड को अप्रूव्ड कर दिया गया और उसमें बड़े-बड़े भवन बनवा दिए गए। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों ने यह तक नहीं देखा कि जिस यूडी को यह अप्रूव्ड कर रहे हैं वह सरकारी गौहर के अंदर है, जिसको बेचा ही नहीं जा सकता।
अधिकारियों द्वारा कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई
उन्होंने कहा कि डीटीपी हेड क्वार्टर और उच्च अधिकारियों ने लेआउट प्लान में जो जगह पार्क के लिए छोड़ी गई थी उन पर भी अंसल मालिकों के साथ मिलीभगत करके प्लाटिंग करवा दी गई। उन्होंने कहा कि ई ब्लॉक में टैक्सी स्टैंड के लिए जगह छोड़ी गई थी जिसको अंसल मालिकों ने बिना प्लानिंग ही डीटीपी विभाग के साथ मिलीभगत करके बेच डाला, जिसकी शिकायतें उनके द्वारा लगातार डीटीपी पानीपत एवं उच्च अधिकारियों को समय समय पर की जाती रही, लेकिन इन अधिकारियों द्वारा कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई।
खुद को बचाने के लिए पूरे मामले को तोड़ मरोड़ कर पेश किया
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा डीटीपी पानीपत को यूडीलैंड की रजिस्ट्रीया तक निकलवा कर दी, लेकिन इन अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई न करने पर जब उनके द्वारा पानीपत में अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन किया तब डीटीपी द्वारा आनन-फानन में मामले को रफा-दफा करने की नियत से यूडी खरीदने वाले लोगों और अंसल मालिकों के खिलाफ 7ए के वायलेंस के तहत मुकदमा दर्ज करने के लिए थाना प्रबंधक को लिखा गया, जबकि यह एक संगीन अपराध है। जिसमें अंसल मालिकों और डीटीपी अधिकारियों पर धोखाधड़ी, जालसाजी, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री करवाने का मामला दर्ज होना बनता था, लेकिन खुद को बचाने के लिए पूरे मामले को तोड़ मरोड़ कर पेश किया।
सरकार के साथ करोड़ों रुपए का घोटाला
उन्होंने कहा कि किसी भी प्राइवेट कॉलोनी में जिसे बिल्डर द्वारा पास करवाया जाता है तो उसमें सरकारी गौहर( रास्ता),तालाब, कुआं आदि की जगह जिसको यूडी लैंड भी बना दिया जाता है, जिसको केवल पार्क या ग्रीनरी के लिए ही प्रयोग किया जाता है, लेकिन अधिकारियों ने अपना स्वार्थ पूरा करने के लिए सरकार के साथ करोड़ों रुपए का घोटाला किया है। उन्होंने कहा कि जिस सरकारी गौहर पर कोई छेड़खानी ही नहीं की जा सकती जिसको केवल रास्ते के लिए ही छोडा जाता है, जिसके लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय की भी रूलिंग है लेकिन इन अधिकारियों ने सर्वोच्च न्यायालय को भी ठेंगा दिखाकर सरकारी गोहर में प्लानिंग करके कोठियां खड़ी करवा दी। उन्होंने कहा कि कोई भी बिल्डर जब कॉलोनी का नक्शा पास करवाता है तो उसमें अधिकारियों द्वारा ड्राफ्ट बाय चेक बाय अप्रूव्ड बाय लिखा होता है। इस भ्रष्टाचार में अब यह सभी अधिकारी शामिल है। अंसल मालिकों के साथ साथ इन भ्रष्ट अधिकारियों पर भी आपराधिक मामले दर्ज होने चाहिए।
करोड़ के घोटाले की सीबीआई से जांच हो
उन्होंने कहा कि उनकी आज की मांग है कि इस सैकड़ों करोड़ के घोटाले की सीबीआई से जांच हो। मिलीभगत के तहत सरकारी गौहर और यूडीलैंड की प्लानिंग कर उसमें प्लाटिंग करने वाले डीटीपी अधिकारियों और अंसल मालिकों पर आपराधिक मामला दर्ज हो, फर्जी रजिस्ट्रीया रद्द करवाई जाए और उनमें अवैध तरीके से बनवाए गए भवनों को तत्काल प्रभाव से ध्वस्त किया जाए।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर रणजीत भोला, डीपी ग्रोवर, सरदार कवलजीत सिंह, सुनील डावर, राज शर्मा, सरदार कमलजीत सिंह, कुलदीप शर्मा, सुमित गौतम, गोविंद सैनी सीए, देवेंद्र चौहान स्वामी, योगेश मुटनेजा, प्रतीक यादव ,सोम प्रकाश बुद्धिराजा, मनजीत मलिक, गग्गी, शशि भोला, सतीश शर्मा वत्स, अश्वनी जिंदल, रवि खंडरा, वीरभान नरवाल, रामकृष्ण राठी सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।